मैनपुर क्षेत्र में गौठानों से ग्रामीणों को हुआ मोह भंग, मवेशियों के लिए न तो चारा है और न ही पानी
- शेख़ हसन खान, गरियाबंद
- भाठीगढ़ गौठान का दो साल पहले प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया था लोकार्पण
- आज तक ग्राम पंचायत भाठीगढ़ को गौठान निर्माण का 5 लाख रूपया नहीं मिला
- सरपंच व ग्रामीणों ने कई बार जनपद के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं मिल पाया है
मैनपुर – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाए संचालित किया जा रहा है और इन योजनाओं के तहत लाखों करोडों रूपये खर्च किया जा रहा है, लेकिन जिस उददेश्य पूर्ति के लिए यह योजनाओं को लागू किया जा रहा है उस उददेश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। कागजों में विभागीय अधिकारियों के निश्क्रियता के चलते कागजों में कई योजनाए संचालित किया जा रहा है। धरातल पर इसे देखने वाला कोई नहीं है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से मात्र तीन किलोमीटर दुर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल पैरी उगदम ग्राम पंचायत भाठीगढ़ में आज से दो वर्ष पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत लगभग 19 लाख 79 हजार रूपये की लागत से गौठान निर्माण कार्य किया गया और इस आधे अधुरे गौठान का बकायदा लोकार्पण छत्तीसगढ़ प्रदेश के गृह मंत्री एंव गरियाबंद जिला के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू के हाथों 24 जून 2019 को करवाया गया। मंत्री ताम्रध्वज साहू के हाथों जब इस गौठान का लोकर्पण कराया गया तब यह गौठान निर्माण कार्य आधा अधूरा था। खबर प्रकाशन के बाद इस गौठान में मवेशियों के लिए छांव के लिए सेड निर्माण किया गया लेकिन आज दो वर्षो बाद भी ग्राम पंचायत भाठीगढ़ के गौठान निर्माण कार्य का पांच लाख रूप्ये राशि ग्राम पंचायत भाठीगढ़ को नहीं मिल पाया है, जिसके कारण ग्राम पंचायत के सरपंच उपसरपंच व पंचगण बेहद परेशान है, क्योंकि दुकानों से सिमेंट, गिटटी, छड आदि सामग्री उधारी में लेकर निर्माण कार्य को पूर्ण कराया गया है।
अब दुकानदारों को दो वर्षों बाद भी पैसा नही मिलने पर अपने पैसे के लिए सरपंच से मांग किया जा रहा है, जिससे सरपंच बेहद परेशान है और तो और कई ग्रामीणों को मजदूरी भी देना बाकी है। दो वर्षो के भीतर ही ग्राम पंचायत भाठीगढ़ इस आर्दश गौठान की बदहाली देखने को मिल रही है। गौठान में मवेशियों के लिए इस भीषण गर्मी में न तो पानी की व्यवस्था और न ही चारा की गौठान से ग्रामीणाें की रूची खत्म सा हो गया है। अब आलम यह है कि गांव के लोग गौठान के तरफ ध्यान देना मुनासीब नहीं समझते जिसके कारण गौठानो में पानी चारा व अन्य आवश्यक सामग्रियों का अभाव बना हुआ है। गौठानो में मवेशियों के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं होने से अब ग्रामीणाें का मोह भंग सा हो गया है। ग्रामीण अपने अपने मवेशियों को गौठान के बजाए खुले चराने मुनासीब समझते है।
सरकार के महत्वकांक्षी योजना और लाखों खर्च करने के बावजूद गौठान में व्यवस्था में सुधार होने के बजाय और भी खराब होने लगे है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी गौठान में सारी सुविधा का होने का हवाला देकर पल्ला झाड लेते है और गौठान की बेहतर स्थिति केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गई है जिससे क्षेत्र के ग्रामीण गौठानो का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण क्षेत्र कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नरवा,गरवा, घुरूवा एंव बाडी योजना की शुरूआत आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र एंव कृषि प्रधान क्षेत्र से की गई है। योजना के शुरूआत दौर में जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय अधिकारी कर्मचारी इस योजना को सफल बनाने कड़ी मेहनत की बावजूद इसके कुछ माह के भीतर जिस उददेश्य से योजना की शुरूआत की गई थी। वह पुरा होता नहीं दिख रहा है। गौठान में मवेशियों के सुविधा के नाम पर कुछ भी नही है, न ही हरा चारा है और न ही पैरा है और तो और गौठानो में मवेशियों के पानी पीने के लिए टंकी बनाया गया है यह टंकी सुखा पड़ा है और इसमें कचरा भरे हुए हैं।
गौठान खाली पडें़ है। मवेशी खेतो व सड़कों पर घुम रहे हैं।
भाठीगढ स्थित निर्माण किये गये गौठान को विकासखण्ड में सबसे आर्दश गौठान बताया जा रहा है और जब भी कोई बडे जनप्रतिनिधि तथा अफसरों का क्षेत्र में दौरा होता तो उन्हे स्थानीय अधिकारी भाठीगढ के गौठान को दिखाने ले जाया करते थे, लेकिन आज यह गौठान में मवेशियों को रखना तो बहुत दुर 24 घंटा ताला लगा रहता है। गौठान के भीतर चारा पानी की कोई व्यवस्था नहीीं है और मवेशियो की भींड सडक मुख्य मार्ग गांव के भीतर और किसानों के खेतो में ईधर उधर घुमते देखे जा सकते है, जिससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैै। और तो और गौठान खाली पडे़ है। सड़कों पर घुम रहे मवेशी दुर्घटना को अंजाम दे रहे हैैं साथ कई मवेशी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। सरकार ने मवेशियो की सुरक्षा के लिए गौठान का निर्माण किया था लेकिन आज गौठानो में मवेशी दिखाई ही नहीं देते।
मौटर पम्प खराब जिसके कारण नहीं भर पा रहे हैं पानी
ग्राम पंचायत भाठीगढ में गौठान में मवेशियो के लिए पानी भरने के लिए बकायदा लाखो रूपये खर्च कर सौर प्लेट लगाकर व बोर खनन कर पेयजल की व्यवस्था किया गया था लेकिन पिछले चार पांच माह से मोटर पम्प में खराब आनी के कारण यह नल बंद हो गया है। और गौठान में बुंद भर भी पानी नहीं है।
विधायक, कलेक्टर व उच्च अधिकारियों ने किया था वृक्षारोपण अधिकांश पौधे सुख गये
24 जून 2019 को भाठीगढ स्थित गौठान का लोकार्पण करने प्रदेश के गृह मंत्री जब पहुंचे थे तो उनके साथ बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी, गरियाबंद जिला के तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावडे, जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम, जनपद पंचायत अध्यक्ष पुस्तम कपील, जनपद सदस्य संजय नेताम, सत्यवती नेताम एंव अनेक आला अधिकारी बडे़ जनप्रतिनधि पहुंचे हुए थे।और इन अधिकारियाें ने मंत्री ताम्रध्वज साहू के उपस्थिति में गौठान को हरा भरा करने चारों तरफ बडे ही धुमधाम के साथ पौधा रोपण किया था। आज एक दो पौधे ही सही सलामत है बाकी सभी रोपे गये पौधे सुख गये और जब भी कोई बडे अधिकारी का दौरा होता है तो उसके एक दिन पूर्व यहा कही से एक दो पौधा लाकर लगा दिया जाता है ।
क्या कहते है अधिकारी
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के मैनपुर कार्यक्रम अधिकारी रमेश कंवर ने चर्चा में बताया कि भाठीगढ स्थित गौठान में स्वीकृत लागत राशि से ज्यादा का खर्च हो गया, जिसके कारण यहा लगभग 05 लाख रूपये के राशि का भुगतान नही हो पाया है लेकिन अब कार्य का मुल्यांकन सत्यापन हो चुका है , इन दिनों उनका तबियत खराब है कार्य में लौटते ही जल्द ही राशि दिलाने का प्रयास करेंगे।
क्या कहते है सरपंच
ग्राम पंचायत भाठीगढ के सरपंच जिलेन्द्र नेगी ने कहा कि गौठान निर्माण के लिए दुकानदारों से सिमेंट, गिटटी, छड आवश्यक सामग्री उधारी में लेकर निर्माण करवाये है पिछले दो वर्षो से 05 लाख रूप्यें की राशि ग्राम पंचायत को नहीं मिला है। दुकानदार लंबा समय होने के कारण लगातार पैसा मांग रहे है। साथ ही मजदूरी भुगतान भी किया जाना है। उन्होंने गरियाबंद जिला के कलेक्टर से मांग किया है कि तत्काल ग्राम पंचायत भाठीगढ को गौठान निर्माण का 05 लाख रूप्ये की राशि दिलाने की कृपा करेंगे ।