समर्थन मूल्य 1815 रु वाले धान का 1028 रु दिला कर स्थानीय विधायक ने कौन सा तीर मार लिया?
- विधायक धनेंद्र साहू द्वारा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास – संदीप शर्मा
नयापारा मंडी में किसान के धान की कीमत 666 रु लगा कर टेका के किसान संतोष साहू से एक प्रकार से लूट कर ली गयी है। इस मामले की जानकारी आम जनमानस में आने के बाद मंडी प्रशासन और सरकारी तंत्र में कोहराम मच गया। उक्त बात कहते हुए भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि वस्तुतः इस पूरे मामले में दोषी अधिकारी एवं किसानों के बेरहम लुटेरे दलालों पर कार्यवाई होनी चाहिए थी एवं भूपेश सरकार को एपीएमसी ( मंडी) में मजबूत व्यवस्था बनानी चाहिए थी जिससे किसानों की लूट बन्द होती। परंतु जैसा कि समाचार मिल रहा है उसके अनुसार , स्थानीय विधायक ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने किसान को 666 रु में बिके धान के कीमत के बदले 1028रु दिलाने की बात सामने आ रही है।
विधायक धनेंद्र साहू ने ऐसा कर गलत परंपरा की शुरुवात की है, इसका लाभ आगे बिचौलिए उठाएंगे। बिचौलियों को लाभ पहुंचाने का काम कांग्रेस लगातार करते भी आ रही है। मूल मामला यह है कि समर्थन मूल्य 1815 रु वाले धान का 1028 रु दिला कर स्थानीय विधायक ने कौन सा तीर मार लिया? किसान तो वैसे ही परेशान है उसने तो ” भागते भूत की लंगोट भली” वाली कहावत के तहत जो मिल गया उसे पाय मान लिया।
बड़ी बात तो तब होती जब उसे पूरा मूल्य दिलाते। मंडी में लगातार अनेक किसानों के साथ इस प्रकार लूट हुई है, उन्हें पूरे खरीद रजिस्टर का जांच कर सब किसानों के साथ न्याय करने का कार्य करना चाहिए था, न कि सस्ती लोकप्रियता के लिए यह प्रपंच करना चाहिए। इस प्रकार मूल्य दिलाने से आखिर यह साबित तो हो ही गया कि 1028₹ के धान को 666₹ में खरीदा गया। जबकि मैने स्वयं धान के गुणवत्ता को देख है, जिसके अनुसार वह धान अरवा के लायक जरूर नही था पर उसना चावला बनेगा उसे 85 से 90 प्रतिशत गुणवत्ता का माना जा सकता था जिसके अनुसार किसान को 1600₹ का भाव मिलना चाहिए था। अभी भी किसान 600₹ के नुकसान पर है। पूरे मंडी में उच्च गुणवत्ता वाले धान समर्थन मूल्य से 500₹ से 600₹ नीचे बिक रहे हैं और मंडी के अधिकारी उस पर लीपापोती करते हुए किसान के धान को ख़दवन बताने में लगे हैं। 03 अक्टूबर को 5 से 10 किसान के धान 600 से 700 के बीच बिके हैं, बाकि आम रूप से किसानों को समर्थन मूल्य से 600₹ कम मिले। स्थानीय विधायक उनके लिए क्या कर रहे हैं?
कांग्रेस भूपेश सरकार को चुनौति है वे पूरे खरीद सूची को जांचेंगे तो उन्हें जवाब देते नही बनेगा। स्थानीय विधायक को भी सलाह है कि वे सस्ती लोकप्रियता से बचते हुए सार्थक पहल करें।