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November 23, 2024

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कोरोना से तत्परता से लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी : भूपेश… और …

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Will fight with Corona quickly and win too: Bhupesh ... more ...

सादे कागज पर लिखे आवेदन पर भी करें प्रभावी कार्रवाई

कोरोना महामारी के दौरान सभी जिलों का कार्य प्रशंसनीय

लोक सेवा गारंटी अधिनियम के आवेदन प्रक्रिया होगी सरल

कलेक्टर काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कलेक्टर काॅन्फ्रेंस को संबंधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कोरोना से लड़ाई में जरूर जीतेगा। हमें थकना नहीं है, निराश नहीं होना है, बल्कि और तत्परता से इस लड़ाई को लड़ना है। कोरोना महामारी के दौरान सभी जिलों का कार्य प्रशंसनीय रहा। रविवार, शनिवार सहित सभी त्यौहारों के दिन भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने काम किया है, इसके लिए सभी को धन्यवाद। अभी आंकड़े थोड़े बढ़े है, लेकिन मुझे विश्वास है, जैसे आपने अभी तक नियंत्रण किया है, आगे भी करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर आईजी ने पैदल चलने वालों के लिए अच्छा काम किया। प्रवासी मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्था के साथ चप्पलों की भी व्यवस्था की गई। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों के लिए नामांकित नोडल अधिकारियों ने प्रशंसनीय कार्य किया। रायपुर जिला प्रशासन ने भी अच्छा काम किया है। क्वारेंटाईन सेंटर में भी अच्छी  व्यवस्था की गई है। क्वारेंटाईन सेंटर में अच्छी व्यवस्था आवश्यक है। औद्योगिक उत्पादन और रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अग्रणी रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ नगरीय क्षेत्रों में भी रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कुछ औैद्योगिक इकाईयों द्वारा बिना सूचना के श्रमिकों को लाया गया यह चिंतनीय है। मनरेगा अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा काम हुआ है। लोगों को व्यापक रोजगार दिया गया है। समय पर मजदूरी भुगतान भी हुआ है।
     काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आम जनता को शासन के विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का समय सीमा में लाभ दिलाने के लिए लागू लोक सेवा गारंटी अधिनियम को और अधिक प्रभावी  बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके तहत सादे कागज पर मिलने वाले आवेदनों को स्वीकार कर उस पर समय सीमा में कार्रवाई सुनिश्चत करने कहा है।

      मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को किसी भी तरह की सेवा मिलने में परेशानी न उठानी पड़े इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। समय सीमा में सेवा उपलब्ध कराने में चूक करने वाले अधिकारियों पर नियमानुसार अर्थदंड की कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जिलों को 22 मार्च से पूर्व तक मिले समस्त आवेदनो का एक सप्ताह के भीतर निराकरण सुनिश्चित करने के साथ ही आवेदनों की प्रक्रिया ऑनलाइन करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लंबित आवेदनों की जिलेवार स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
    मुख्यमंत्री ने कांफ्रेंस में सभी कलेक्टरों को सीमांकन के कार्य को बरसात शुरू होने तक जारी रखने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्रों में सीमांकन के कार्य बरसात के वक्त में भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दस्तावेजों का जिले के किसी भी तहसील में पंजीयन कराने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड 19 महामारी के नियंत्रण तथा लाकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए राज्य में अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए राज्य में काफी प्रभावी ढंग से अधिकारी कर्मचारियों ने काम किया इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
         13 मार्च से अधिकारी कर्मचारी लगातार कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। अवकाश और त्योहार के दिनों में भी प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने काम किया है। इससे राज्य में कोरोना संक्रमण की रोक थाम प्रभावी ढंग से हो सकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी इस महामारी पर नियंत्रण रहेगा ऐसा विश्वास है। उन्होंने अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ राज्य में मिली सेवाओं के लिए भी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं समाज सेवी संगठनों के सहयोग की सराहना की।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन सेन्टर में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित हों। कोरोना महामारी से समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता जरूरी है। उन्होंने इस पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
       मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण और लाकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को रोजगार तथा वनांचल क्षेत्रों में वनोपज के संग्रहण के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों के अनवरत संचालन की भी सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य इस कठिन परिस्थिति में भी किसानों, गरीबों, मजदूरों को आर्थिक रूप से सहायता पहुंचाने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से औसतन 26 लाख लोगों को रोजाना गांव में ही रोजगार और नियमित रूप से मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम परिस्थिति में शासन प्रशासन अपने जनहितैषी कार्यों से जन सामान्य का विश्वास हासिल करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास ही हमारी पूंजी है। मुख्यमंत्री ने काॅन्फ्रेंस में कोरोना महामारी नियंत्रण, राहत व्यवस्था और रणनीति, नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना, हाट बाजार क्लीनिक योजना, इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना, मुख्यमंत्री शहर स्लम स्वास्थ्य योजना, सुपोषण अभियान, ग्रामीण भूमिहीन मजदूर परिवारों का चिन्हांकन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, लघु वनोपजों का संग्रहण और प्रसंस्करण, वन अधिकार अधिनियम, खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, अन्य फसलों को बढ़ावा देने हेतु कार्य योजना, शालाओं के शुरू करने से पहलेे उनके रंग-रोगन और आवश्यक मरम्मत, भूमि का आबंटन और नियमितिकरण, शहरी स्लम पट्टों का नवीनीकरण व फ्री होल्ड करना, शासकीय हाॅस्टल-आश्रम भवनों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता, जिलों में टिड्डी की समस्या, रेन वाटर हर्वेस्टिंग, कोविड संकट के दौरान राज्य में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के बनाए गए राशन कार्ड, जाॅब कार्ड एवं लेबर कार्ड, जारी मानसून सत्र में वृक्षारोपण की तैयारी सहित अन्य विषयों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी 28 जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागीय कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, डीएफओ, सीसीएफ, जिला पंचायत के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री सिंह को लिखा पत्र

सीएसपीडीसीएल को स्वतंत्र विद्युत उत्पादक मान्य करने का किया आग्रह

तेलंगाना से छत्तीसगढ़ का बकाया 2 हजार करोड़ रूपए प्राप्त करने में मिलेगी मदद

रायपुर, 10 जून 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का तेलंगाना राज्य की पॉवर कंपनी पर बकाया 2 हजार करोड़ रूपए के देयक के भुगतान की कार्रवाई हेतु सीएसपीडीसीएल को स्वतंत्र विद्युत उत्पादक (आईपीपी) मान्य करने का आग्रह किया है।

      मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ में स्टेट सेक्टर के अंतर्गत स्थापित 1000 मेगावॉट क्षमता की अटल बिहारी ताप विद्युत परियोजना (मड़वा) से विद्युत आपूर्ति हेतु सीएसपीडीसीएल एवं तेलंगाना राज्य की पावर कम्पनियों के मध्य 22 सितम्बर 2015 को दीर्घकालीन पीपीए निष्पादित किया गया है। जिसके तहत तेलंगाना राज्य को निरन्तर विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया है कि सीएसपीडीसीएल का 31 मार्च 2020 की स्थिति में  2 हजार करोड़ रूपये से अधिक का विद्युत देयक तेलंगाना राज्य की पॉवर कम्पनी पर बकाया है, जिसके कारण सीएसपीडीसीएल वित्तीय तनाव से गुजर रही है।

      मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा घोषित ’आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के अंतर्गत राज्य के पॉवर सेक्टर को शामिल किया गया है तथा स्पेशल लॉन्ग टर्म ट्रांजेक्शन लोन स्कीम जारी की गई है। जिसके तहत आरईसी लिमिटेड एवं पीएफसी लिमिटेड के माध्यम से केन्द्रीय विद्युत उत्पादन एवं पारेषण उपक्रम सहित स्वतंत्र विद्युत उत्पादक एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत के पूर्व के बकाया राशि के भुगतान हेतु विद्युत वितरण कम्पनियों को सहयोग हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। 

     उन्होंने कहा है कि पीएफसी लिमिटेड द्वारा ऋण प्राप्त करने हेतु जारी पत्र में स्पेशल लॉन्ग टर्म ट्रांजेक्शन लोन टू डिस्कम फॉर कोविड-19 के अनुसार सीपीएसयू जेनको एण्ड ट्रान्सको. आईपीपीस एण्ड री-जनरेटर्स के 31 मार्च 2020 की स्थिति में बकाया बिलों के भुगतान हेतु ही पॉवर कम्पनियों को लोन दिया जाएगा। जिससे कि तेलगांना राज्य की पॉवर कम्पनियों को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के बकाया विद्युत देयकों के भुगतान हेतु लोन की पात्रता नहीं रहेगी,  क्योंकि सीएसपीडीसीएल उक्त परिभाषा की श्रेणी में शामिल नही है।

      मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड की वित्तीय तनाव की स्थिति के मद्देनजर इसे स्वतंत्र विद्युत उत्पादक मान्य करते हुए तेलंगाना राज्य की पॉवर कम्पनियों के द्वारा आरईसी लिमिटेड को प्रस्तुत ऋण आवेदन पर यथाशीघ्र विचार करने तथा आरईसी के अधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है, ताकि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड के बकाया देयकों का तेलंगाना राज्य पॉवर कंपनी से भुगतान प्राप्त हो सके। श्री बघेल ने कहा है कि इससे छत्तीसगढ़ राज्य की वितरण कंपनी के साथ ही तेलगांना राज्य की पावर कम्पनी एवं आर.ई.सी. लिमिटेड को भी लाभ प्राप्त होगा।

गौठानों को आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में करें विकसित : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

नालों के उपचार का काम कराएं प्राथमिकता से

   रायपुर, 10 जून 2020 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों में शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों स्थिति की समीक्षा की। शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सुराजी गांव योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को गौठानों को आय मूलक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। राज्य में इस योजना के तहत नरवा के उपचार की स्थिति की भी उन्होंने जानकारी ली।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि भू-जल स्तर को बेहतर बनाने के साथ ही खेती किसानी को समृद्ध बनाने हेतु नालों में बहते पानी को रोकना जरूरी है। उन्होंने नालों के उपचार के कार्य को प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए।
      बैठक में जानकारी दी गई कि सुराजी गांव योजना के तहत राज्य में प्रथम चरण में 813 नालों को उपचार के लिए चिन्हांकित किया गया, जिसमें से 745 नालों के बहते पानी को रोकने की कार्ययोजना को स्वीकृति दी गई। इसके लिए कुल स्वीकृत 40 हजार 127 कार्यों में से 17 हजार कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं, शेष कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नालों के उपचार का कार्य कराए जाने हेतु शीघ्र विस्तृत कार्य योजना तैयार करने तथा उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रमुख नदियों में आकर मिलने वाले नालों का उपचार कराए जाने के पूर्व नालों के किनारों पर स्थित गांवों के कुआंें, ट्यूबवेल का जलस्तर लिया जाना चाहिए। ताकि नालों के उपचार के बाद स्थिति में आए बदलाव का आंकलन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों के उपचार से नदियों को भी पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।   
      बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में प्रथम चरण में 1286 तथा दूसरे चरण में 3926 गौठान के निर्माण की मंजूरी दी गई। जिसमें से 1996 गौठानों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। लगभग 28 सौ गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य के शतप्रतिशत ग्राम पंचायतों में गौठान निर्माण कराए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को लोगों के रोजगार का जरिया बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गौठानों में सब्जी उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन, मछलीपालन के अलावा अन्य आय मूलक गतिविधयों से समूहों को जोड़ा जाए।  
      मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के औद्योगिक राज्यों में कोरोना संक्रमण की वजह से बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां एवं फेक्ट्ररियां बंद हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय आवश्यकताओं का आंकलन कर इसकी आपूर्ति के लिए स्थानीय स्तर पर इसके उत्पादन का प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए हम स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार दे सकते हैं।    मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को गौठान समितियों को सक्रिय करने तथा समिति को प्रदाय की जा रही राशि से पशुओं के चारे-पानी का बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खुली चराई प्रथा पर रोक लगे, इसके लिए ग्राम सभा की बैठक में आवश्यक पहल की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने गांव के युवाओं के भी समूह बनाने और उन्हें आय उपार्जन की गतिविधियों से जोड़ने पर जोर दिया। गौठान समितियों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री की मार्केटिंग की भी व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री की क्वालिटी एवं पैकेजिंग बेहतर हो इसके लिए भी आवश्यक मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण जरूरी है।
     बैठक में चारागाह विकास के काम को भी प्राथमिकता से कराए जाने के निर्देश दिए गए ताकि गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से हरा चारा मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पशुओं के स्वास्थ्य एवं दुग्ध उत्पादन बेहतर होगा। वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में गौठान की स्थापना के लिए आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत सुनिश्चित करने तथा वन समितियों के माध्यम से हरे चारे के उत्पादन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए।
    मुख्यमंत्री ने बाड़ी विकास कार्यक्रम की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सामूहिक एवं व्यक्तिगत बाड़ियों से उत्पादित होने वाली सब्जी की आपूर्ति स्कूलों, आश्रमों छात्रावासों, सुरक्षा बलों के मेस में कराने की व्यवस्था करने को कहा ताकि सब्जी उत्पादक को साल भर आमदनी हो सके।

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