महिलाओं ने उदित नारायण सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी उपासना पूरी की, समिति के सदस्यों का भरपूर योगदान रहा
1 min read- बिलासपुर से प्रकाश झा
सदियों से चले आ रहे सूर्य षष्ठी व्रत जिसे आमतौर पर छठ पूजा के माम से जाना जाता है, इसको लोगों ने बड़े ही धूमधाम मनाया। कोरोना बिमारी के चलते लोगों के इस वर्ष के कई बड़े त्योहार बड़े ही उदासी के साथ बीते, परन्तु आस्था का यह पर्व कोरोना पर भारी रहा।
लोगों ने सबकुछ भूलकर बड़े ही श्रद्धा से जहां 20 नवंबर को अस्तांचलगामी सूर्य की पूजा की वहीं 21 नवंबर की ब्रह्ममुहूर्त से ही पूजा कर रहीं किरण सिंह, चंदा देवी व ऋतु सिंह आदि महिलाओं ने उदित नारायण सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी उपासना पूरी की । साथ ही साथ मुस्कान सिंह,खुशी सिंह, काजल क्षत्रिय ,निशा पक्वासा का पूजा में सहयोग रहा।
14 नवंबर को दिवाली समाप्त होते ही बाजार सज गये और लोगों की भीड़ ने सोसल डिस्टेंसिंग, मास्क के प्रयोग आदि को भूलकर बाजार करना शुरू कर दिया और लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
18 नवंबर को खरना के साथ 19 नवंबर तक छठ घाटों की साफ सफाई करने में समिति के सदस्यों का भरपूर योगदान रहा समिति के सभी सदस्यों में मुख्य रूप से विनोद सिंह, शिव शंकर झा, कामता सिंह यादव, संतोष सिंह,मनोज सिंह, राजीव चौधरी, युगल साहू, देवेंद्र शर्मा, वीरेंद्र प्रसाद, दीनानाथ ओझा जी ने दिन रात मेहनत करके छठ घाट को पूजा के लिए तैयार किये अचानक प्रशासन के द्वारा परमिशन देने के बाद कम समय मे ही घाट को छठ पूजा के लिए तैयार कर दिया गया ।
इस प्रकार 20 की शाम अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना, पूजा के साथ 21 नवंबर को उदित नारायण सूर्य को अर्घ्य देने के बाद औरतों ने छठ ब्रत का समापन किया। इस पूरे त्योहार काल में कोरोना का असर छठ पर्व में कहीं नहीं दिखा।