हस्ताक्षर अभियान चला कर मनाया गया विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस
1 min read- गोलू कैवर्त बलौदाबाजार
कलेक्टर सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिला हॉस्पिटल बलौदाबाजार में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया। स्वास्थ्य विभाग के अंर्तगत राष्ट्रीय मानसिक कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय में कनेक्ट सम वन टू लाई पर आधारित विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया है। इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमें जिला चिकित्सालय के सभी अधिकारी एवं कमर्चारियों सहित हॉस्पिटल में आये मरीज भी अपनी हस्ताक्षर कर सहमती जाहिर किये है। सभी लोगो ने अपने जीवन को समाप्त करने के लिए स्वयं प्रयास नहीं करूंगा और मेरे आस पास के लोग जो इस तरह के विचार रखते है उनका हर संभव मदद करूंगा।
इस तरह के शपथ लेकर हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी,मुख्य सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डाॅ. अभय सिंह परिहार के द्वारा सहमति पूर्वक हस्ताक्षर कर इस हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत किया गया। उन्होंने इस समय लोगों को जागरूक रहने और वैश्विक महामारी के बीच अपने मन का ख्याल रखने की बात कही गयी।
इसके साथ ही लोगों से अपील किये कि अपनी समस्याओं को घर परिवार मित्रों के साथ हमेशा साझा करे। इस कार्यक्रम के अवसर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. राकेश कुमार प्रेमी ने भी सहमति पुर्वक हस्ताक्षर कर सभी को बताया कि आत्महत्या एक वैश्विक समस्या है। इस गंभीर समय कोविड 19 वैश्विक महामारी के गंभीर समय में लोगों को चिंन्ता घबराहट डर हो सकते है। इन परिस्थितियों में हमें डाॅक्टर के सलाह की जरूरत है। ज्यादा चिन्ता करने एवं डरने के बजाय अपनी उचित देख भाल करने चाहिए जब भी घर से बाहर निकले चहरे पर मास्क लगाये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे तथा किसी भी प्रकार के कोविड 19 के लक्षण दिखाई देने पर अस्पताल जाकर कोविड की जांच कराये। डाॅ. प्रेमी ने बताया कि आत्महत्या का विचार रखने वाले व्यक्ति के कम मन में व्यवहार में सोचने समझने और निर्णय लेने में बदलाव रहते है इसे पहचान कर आत्महत्या को रोका जा सकता है।जैसे एक आत्महत्या करने वाला व्यक्ति हमेशा अपने साथ गलत होने की बात करते है, वह कहते है कि अब मुझे जीना नहीं चाहिए मेरा जीवन बोझ है। ऐसे व्यक्ति बहुत ज्यादा समस्याओं में फंसे हुए होते है। ऐसे व्यक्ति हमेशा किसी भी प्रकार के निर्णय लेने से डरते रहते है। ऐसे व्यक्ति लोगों से कटे कटे रहते है तथा जीवन को कैसे समाप्त करे कौन-कौन से तरीको से जीवन को समाप्त किया जा सकता है ऐसे प्रश्न करते रहते है। इस तरह के लक्षण को पहचान कर हम ऐसे व्यक्तियों कि मदद कर सकते है। इन व्यक्तियों को मदद की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। हमेशा इन व्यक्तियों की मदद के लिए उचित सलाह देते हुए जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लिनिक कमरा नंबर 11 मनोरोग विभाग भेज कर सहायता कर सकते है। डाॅ. प्रेमी ने बताया कि हमारे जिला चिकित्सालय में इस प्रकार के समस्याओं का निवारण एवं उपचार हेतु गेट किपर आत्महात्या रोकथाम पर प्रशिक्षण प्राप्त क्लिनिकल साइकोलाॅजिस्ट मोहिन्दर घृतलहरे साइकेट्रिक सोशल वर्कर रोशन लाल साइकेट्रिक नर्स शिवकुमारी गोस्वामी एवं कम्यूनिटी नर्स भारती यादव सेवाएॅ दे रहे है। इस अवसर पर जिला चिकत्सालय के अधिकारी एवं कर्मचारी डाॅ.ए.के. झावर,डाॅ. के.के. टेम्बुरने, डाॅ. करूना यादव डाॅ नेहा गंगेश्री डाॅ. बी.के. साहु डाॅ. आर.के. वर्मा, अस्पताल सलाहकार डाॅ. स्वाती यदु एवं जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के मेघनाथ केवट एवं कमल नाथ साहु आदि उपस्थित रहे।