जीवन जीने की कला ही योग है – केआर सिन्हा
मुड़ागांव (कोरासी)। आयुष विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय नि:शुल्क योग प्रदर्शन एवं चिकित्सा शिविर का समापन दीप यज्ञ के साथ हुआ। प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक पाँच दिवसीय योग शिविर आयोजित किया गया था। शिविर का शुभारंभ मां भारती की स्तुति के साथ किया गया। तत्पश्चात योगविद अर्जुन धनंजय सिन्हा द्वारा उद्गीथ प्राणायाम, प्रणव प्राणायाम, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, संकल्प मंत्र, संगठन मंत्र, गुरु वंदना, मातृ वंदना के साथ यौगिक जॉगिंग कराया गया। प्रतिदिन सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य नमस्कार, बैठकर किए जाने वाले वज्रासन, शशकासन, गोमूखासन, मंडूकासन, वज्रासन, पीठ व पेट के बल किए जाने वाले आसन, खड़े होकर किए जाने वाले आसन सिखाया गया।
शिविर में उपस्थित बच्चों को मनोरंजन के साथ गीत के माध्यम से आसन कराया गया। शिविरार्थियो को योग का लाभ लेने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छुरा एनआर मांझी, सेवानिवृत्त व्याख्याता के.आर. सिन्हा, शिक्षक मुरारी राम देवांगन, सीआर सिन्हा, एसडी सोनवानी, गिरधारी कुंभकार द्वारा प्रेरित किया गया। इस अवसर पर एनआर माझी ने कहा कि योग एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। हमें नियमित रूप से योग करना चाहिए । योग करने वाला व्यक्ति सदैव निरोगी रहता है। सेवानिवृत्त व्याख्याता के.आर. सिन्हा ने कहा की व्यक्ति जब जन्म लेता है तब श्वास होता है नाम नहीं और जब मृत्यु होती है तब नाम होता है श्वास नहीं। यही श्वास से नाम तक का सफर जीवन है और जीवन जीने की कला ही योग है। श्री सिन्हा ने गीत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। आसपास की जड़ी बूटियों के गुणों से अवगत कराया।
प्रतिदिन योग शिक्षक नरेन्द्र साहू, शीतल ध्रुव द्वारा भी योग सिखाया गया। शिविर के मध्य में योगाचार्य संतराम कंवर, तीजऊ राम साहू, मनहरण पटेल, देवनारायण यदु, जागेश्वर ध्रुव, हीरालाल साहू द्वारा भी योग कराया गया। शिविर में कठिन आसन भी सिखाया गया । पानसिन्ग, विक्रम, वेद्कुमारी, रितु, मोहन, खुमेष, हिमांशु, परमेश्वर द्वारा कठिन आसनों के प्रदर्शन से सभी रोमांचित हुए। लगभग 500 की विशाल जनसमूह ने शिविर का लाभ लिया। शिविर की सफलता में यशवंत यादव, श्रीमती डा मौसमी राय, गिरधारी लाल कुम्भकार, निकेतकारी, श्रीमती तुलेश्वरी कंवर, श्रीमती प्रेमबती ध्रुव, बलराम चंद्राकर, गंगा राम साहू, महेंद्र साहू, मंशाराम कोसले, डीडी सोनवानी ने अहम योगदान दिया। शिविर में भूमिका, राधिका, भारती, सावित्री, लूकेश, जतिन, दीप्ति, दिव्या, तामेश्वरि, पूनम, चांदनी, कोमल, यश, तेजेश्वर, चांदनी, पानसिंह, टिकेश्वर सहित सैकड़ों विद्यार्थी एवं ग्रामीण लाभान्वित हुए।