योगी सरकार ने किया निषाद समाज के साथ विश्वासघात-लौटनराम
1 min readभाजपा, बसपा व कांग्रेस ने अतिपिछड़ी जातियों के साथ किया छल-कपट व धोखा
लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ. लौटनराम निषाद ने भाजपा,कांग्रेस व बसपा पर 17 अतिपिछड़ी जातियों के साथ छल-कपट व धोखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने भाजपा पर निषाद सहित 17 अतिपिछड़ी जातियों के जाट विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार ने सपा सरकार के समय 22 व 31 दिसंबर,2016 की अधिसूचना के सम्बंध में न्यायालय के निर्णय का अनुपालन न कर सोची समझी रणनीति के तहत संविधान के अनुच्छेद- 341 का उल्लंघन करते हुए 24 जून,2019 को अधिसूचना जारी कराया। भाजपा व योगी ने अपने ही कार्यकर्ता गोरख प्रसाद से चुपके चुपके याचिका योजित कराकर 17 सितम्बर,2017 को स्टे करा दिया। निषाद ने कहा कि 2004 से 2012 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
उसने 2006 में राष्ट्रीय निषाद संघ से निषाद/ मछुआ समाज की जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया।पर,अब तब करते वादाखिलाफी किया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुलायम सिंह यादव सरकार द्वारा 10 अक्टूबर, 2005 को जारी कराये गए शासनादेश को स्थगित कराने के लिए उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ में जोगीलाल प्रजापति, चन्द्रप्रकाश बिन्द, प्रगतिशील प्रजापति समाज समिति व इलाहाबाद खण्डपीठ में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ग्रन्थालय व एवं जनकल्याण समिति गोरखपुर से याचिका योजित कराकर स्टे करा दिया। 2007 मुख्यमंत्री बनने पर पहली ही कैबिनेट बैठक में 30 मई, 2007 को केंद्र के पास 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बन्धित विचाराधीन प्रस्ताव को वापस मंगाकर निरस्त करने का निर्णय लिया।6 जून,2007 को केंद्र सरकार से प्रस्ताव को वापस मंगाकर निरस्त कर दिया। निषाद ने कहा कि जब योगी सांसद थे। उस समय कई बार निषाद, मल्लाह, केवट, बिन्द, धीवर,मांझी , गोड़िया, कहार आदि को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा उठाये। 3 जुलाई,2015 को गोरखपुर के निषाद मछुआरा सम्मेलन में कहा था कि-निषादों के मान-झम्मन, अधिकार व आरक्षण की लड़ाई अब भाजपा लड़ेगी।भाजपा नेता कहते थे कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर प्रस्ताव भेजकर अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाया जाएगा।पर,अब योगी व भाजपा निषाद व अतिपिछड़ी जातियों के साथ विश्वासघात व वादाखिलाफी कर रही है।