युवाओं ने उठाया मोहल्ला क्लास का जिम्मा, 150 से अधिक बच्चों को दे रहे शिक्षा
1 min read- रायपुर, 11 सितम्बर 2020
कोरोना के दौर में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए प्रदेश के बलरामपुर जिले के विकासखण्ड राजपुर के गांव सिधमा में गांव के ही तीन युवाओं ने मोहल्ला क्लास शुरू कर बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाई है। यह युवा निःस्वार्थ भाव से 150 से अधिक बच्चों को शिक्षित कर रहें हैं। इसमें एलकेजी से लेकर कक्षा दसवीं तक के बच्चे शामिल हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना काल के विषम दौर में बच्चों को सतत् शिक्षा से जोड़ने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत घर में ही ऑनलाईन पढ़ाई की शुरूआत की गई। दूरस्थ ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों में नेटवर्क की सुविधा न होने और पालकों के पास एन्ड्राईड मोबाईल उपलब्ध नहीं होने के कारण यह माध्यम कारगर नहीं हो पा रहा है। इन क्षेत्रों को बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए पढ़ई तुंहर पारा के तहत मोहल्ला क्लास शुरू की गई, जो सार्थक साबित हो रही है।
ग्राम सिधमा संकुल के सभी बच्चों को पढ़ाई तुंहर पारा के तहत ऑनलाईन और प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षा के बच्चों को मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। ऑनलाईन क्लास को और सुविधाजनक बनाने के लिए बुल्टू के बोल जैसे एप्लीकेशन भी शिक्षकों द्वारा डाउनलोड किया जा रहा है। संकुल के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में पढ़ई तुंहर पारा के तहत मोहल्ला क्लास शुरू की गई है। इस संबंध में पूर्व माध्यमिक शाला सिधमा के शिक्षक श्री ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि पढ़ई तुंहर के अंतर्गत मोहल्ले के बच्चों को मोहल्ले में, मोहल्ले के समुदाय द्वारा निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
मोहल्ला क्लास के अंतर्गत सात अवधारणाएं
सामुदायिक सहभागिता, बहुकक्षा बहुस्तरीय शिक्षण एवं पीयर लर्निंग, गतिविधि आधारित शिक्षण, वर्कशीट और आंकलन के उपकरण, स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियों द्वारा विद्यालयीन पाठ्यक्रम का निर्माण और समुदाय के साथ अंतःक्रिया शामिल हैं। मोहल्ला क्लास में कोरोना संक्रमण से बचने मास्क लगाने और शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा जा रहा है। हाथों की स्वच्छता के लिए हैण्डवास और सेनेटाइजर शिक्षकों द्वारा उपलब्ध कराया गया है। सिधमा ग्राम में मोहल्ला क्लास के संचालन में अपना योगदान देने वाले शिक्षादूत श्री धनंजय इंजीनियरिंग के छात्र हैं। कॉलेज बंद होने के कारण अपने घर में मोहल्ले के 35 बच्चों को अंग्रेजी और गणित पढ़ाते हैं। शिक्षादूत श्री घनश्याम पैकरा, श्री प्रकाश, श्री जयप्रकाश रोपन ने बताया कि सिधमा ग्राम के लगभग 150 से अधिक बच्चे मोहल्ला क्लास से लाभान्वित हो रहे हैं।
मोेहल्ला कक्षा संचालन के लिए शिक्षकों द्वारा गांवों में जिने के घरों में अतिरिक्त बरामदा है उनसें सहयोग लिया जा रहा है। जहां बरामदा उपलब्ध नहीं है, वहां खुले में भी कक्षा लगाई जा रही है। गांव के शिक्षित और विद्वान युवा आगे आकर शिक्षा दान की इस मुहिम में अपना अमूल्य योगदान दे रहे है। शिक्षक भी मोहल्ला विद्यालय के लिए आवश्यक शैक्षिक सामग्री जैसे- श्यामपट, चॉक, पाठ्य पुस्तक, स्केच पेन इत्यादि उपलब्ध करा रहे हैं।
- पढ़ई तुंहर पारा कार्यक्रम अंतर्गत 136 स्थानों में मोहल्ला क्लासबच्चों द्वारा होमवर्क अपलोड करने और शिक्षकों द्वारा असाइनमेंट जांच में गरियाबंद जिला द्वितीय स्थान पर
राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम से अध्ययन-अध्यापन कार्य को सहज व सरल बनाने का कार्य किया गया है। बच्चों के अधिगम को रोचक व प्रभावशाली बनाने के लिए ऑनलाईन और ऑफलाईन शिक्षा की कारगर व्यवस्था की गई है। इस महत्वपूर्ण अभियान में शिक्षकों ने भी नवाचार करने में सफलता पाई है। कई क्षेत्रों में जहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या है वहां समुदाय की सहभागिता से नवीन प्रयोग किए गए। जिले में शिक्षकों द्वारा नवाचारी प्रयोग से बच्चों को शिक्षा का लाभ अनवरत मिल रहा है। गरियाबंद जिला बच्चों द्वारा होमवर्क अपलोड करने और शिक्षकों द्वारा असाइनमेंट जांच में प्रदेश में द्वितीय स्थान पर है। जिले में 1540 स्कूलों में वर्चुअल क्लास का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। पढ़ई तुंहर पारा कार्यक्रम में मोहल्ला क्लास का संचालन 136 स्थानों पर शिक्षक, मोहल्ला वालेंटियर के माध्यम से हो रहा है।
मैनपुर विकासखण्ड के दूरस्थ वनांचल ग्राम गोना में समुदाय की सहभागिता से नई पहल की गई है। यहां नवाचारी शिक्षक श्री पेशवर राम यादव कोरोना संकट काल में भी शिक्षक और शिक्षित युवक-युवतियां मिलकर ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। शाला समुदाय की सक्रिय भागीदारी से यह नई इबारत लिखी जा रही है। स्मार्टफोन धारक ग्राम सरपंच सहित सात युवक-युवतियों की टीम बनाकर सर्वप्रथम अपने-अपने पारा-टोला के आस-पास के बच्चों को जोड़ा है। शिक्षित मोबाइल धारक निश्चित समय एवं निश्चित स्थान पर प्रतिदिन ऑनलाईन क्लास में जुड़कर उसकी विषय-वस्तु को भली-भांति समझते हैं। इसके पश्चात् उसी विषय का अध्यापन स्वेच्छा से समय निकालकर बच्चों को पढ़ाते हैं। मोबाइलधारक साथी प्रतिदिन एक से दो घंटा बच्चों की शिक्षा के लिए अपना अमूल्य समय और मोबाइल उपलब्ध करा रहे हैं। बच्चों के लिए यू-ट्यूब से उपलब्ध विषयवार प्रभावी शैक्षिक गतिविधियां स्वयं इनके द्वारा तैयार की गई। इनमें प्रभावी वीडियो, पढ़ई तुंहर दुआर की वेबसाईट, ज्ञानवर्धक ऑडियो, शैक्षणिक एप्स, होमवर्क, प्रश्नोत्तरी, लेखन सामग्री, अन्य शैक्षणिक लिंक को शाला समुदाय ग्रुप में साझा किया जाता है। इसे मोबाइल धारक साथी अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर बच्चों को उपलब्ध कराते हैं।
हमर पहुना एक नवाचारी कदमवर्कशीट से ऑनलाईन और ऑफलाईन पढ़ाई
शासकीय प्राथमिक शाला शुकलाभाठा में पदस्थ सहायक शिक्षक श्री संतोष कुमार तारक द्वारा प्रतिदिन सुबह ऑनलाइन वर्चुअल क्लास लेने के साथ बच्चों में पढ़ने एवं लेखन कौशल को और अधिक निखारने के लिये ’हमर पहुना’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से वर्क शीट को पहुना बनाकर दिया जाता है। इस साप्ताहिक कार्यक्रम में सप्ताह भर पढ़ाई गई विषय का वर्क शीट तैयार कर बच्चों तक पहुंचा दिया जाता है। बच्चे इसे एक सप्ताह के भीतर हल कर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अपनी सुविधानुसार भेजते हैं, कोई समस्या आने पर कॉल करते हैं जिसका समाधान किया जाता है, फिर भी समझ नही आने पर वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर भेजा जाता है।
ऑडिओ शैक्षिक मटेरियल से पढाई हुई आसानएससीईआरटी द्वारा स्वीकृत
कोरोना संकट में प्राथमिक शाला किसान पारा गरियाबंद में पदस्थ सहायक शिक्षक श्रीमती इंदरप्रीत कौर कुकरेजा द्वारा ब्लॉक स्तरीय तकनीकी टीम में कार्य करते हुए गरियाबंद ब्लॉक के शिक्षकों को पीपीटी निर्माण एवं ऑनलाइन कक्षा संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया गया। श्रीमती कुकरेजा द्वारा भी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इनके द्वारा प्राथमिक स्कूल की कक्षा पहली से पांचवीं तक के हिंदी विषय के लिए बनाए गए ऑडियो शिक्षण अधिगम काफी प्रभावशाली है, जिसे एससीईआरटी द्वारा बनाए गए बुलटू ऐप में शामिल किया गया है। ऑडियो शैक्षिक सामग्री से बच्चों की पढ़ाई आसान हुई है।