राजापडाव से गौरगांव तक 22 किलोमीटर करोड़ों की लागत से किया गया डामरीकरण सड़क का निर्माण
- पुल पुलिया नहीं बनाये जाने के कारण 60 पाराटोला ग्राम बारिश में बन जाते हैं टापू, ओडिसा रास्ता हो जाता है बंद
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों ने सड़क निर्माण के बाद झांककर देखना भी मुनासीब नहीं समझा क्षेत्र के लोगों में है भारी आक्रोश
मैनपुर – विकासखण्ड मैनपुर के राजापडाव गौरगांव मुख्य लाईफ लाईन मार्ग जो सीधे ओडिसा राज्य के रायगढ को जोडती है। इस 22 किलोेमीटर उखड चुके सड़क का फिर से डामरीकरण डेढ वर्ष पहले राजापडाव से गौरगांव तक 22 किलोमीटर लागत 1480.36 लाख रूपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत किया गया है। राजापडाव से गौरगांव तक, ग्राम पंचायत अडगडी, ग्राम पंचायत शोभा, ग्राम पंचायत गोना, ग्राम पंचायत कुचेंगा, ग्राम पंचायत कोकडी, ग्राम पंचायत गरहाडीह, ग्राम पंचायत गौरगांव, ग्राम पंचायत भुतबेडा आठ ग्राम पंचायतों के लगभग 60 पाराटोला ग्राम के हजारों लेागो का इस सडक से आवगमन होता है। और यह इस क्षेत्र के प्रमुख लाईफ लाईन सडक है जो बहुत कम दुरी पर मैनपुर क्षेत्र के लोगो को ओडिसा राज्य के रायगढ और धमतरी जिला के रिसंगाव से जोड़ता है। इसलिए इस मार्ग में सबसे ज्यादा ग्रामीणाें का आना जाना लगा रहता है। साथ ही यह क्षेत्र काफी संवेदनशील क्षेत्रों में जाना जाता है।
राजापडाव से गौरगांव तक 22 किलोमीटर पक्की सडक निर्माण के लिए 2018 में 1480.36 लाख स्वीकृत किये गये। यह निर्माण कार्य को पुरा करने में दो वर्ष से भी ज्यादा समय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लग गया। इस सड़क को निर्माण किये डेढ वर्ष बीत गये हैं। सड़क की स्थितियों को देखकर उसके गुणवत्ता का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। इस सड़क निर्माण के साथ साईड सोल्डर में मुरम डालकर रोलर से दबाना था, लेकिन कई स्थानो पर रोलर से नही दबाने के कारण मिटटी बह जाने से हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
इस मार्ग की सबसे बडी समस्या राजापडाव से लेकर गौरगांव तक, अडगडी नदी, जरहीडीह नदी, शोभा नदी, बाघ नदी, गरहा नदी में पुल निर्माण किया जाना अति आवश्यक है और इस क्षेत्र के ग्रामीणाें ने पुल निर्माण की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके है। आवेदन देकर थक चुके है। हर बार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया जाता है कि पुल निर्माण के लिए स्टीमेंट बनाकर भेजा जा चुका है राशि स्वीकृत होने पर निर्माण कार्य करवाया जायेगा, लेकिन आजादी के 07 दशक बाद भी इस मार्ग में पुल निर्माण नही किये जाने के कारण बारिश के 04 माह इस क्षेत्र के लगभग 60 ग्रामों पाराटोला टापू में तब्दील हो जाता है। भारी बारिश होने पर एक एक सप्ताह तक हजाराें लेागो का आवगमन पुरी तरह बाधित हो जाता है, तहसील मुख्यालय सहित पुरे क्षेत्र से इस क्षेत्र के लोग कट जाते है और सबसे ज्यादा परेशानियाें का सामना उन्हे दुर्घटना या बीमार की स्थिति में करना पड़ता है। इस क्षेत्र के बाघ नाला सबसे तेज नाला है। पहली ही बारिश के साथ बाघ नाला में जो बाढ चलती है वह पुरा सितम्बर तक पानी का बहाव चलता रहता है और इस बाघ नाला में अचानक बाढ आता है जो काफी तेज रहता है।
पहाडों से उतरने वाले पानी और ओडिसा राज्य में होने वाले बारिश का पानी बाघ नाला से होकर बहती है इसलिए बाघ नाला बारिश के दिनो में काफी उफान पर रहता है। वही पुल पुलिया के अभाव के कारण करोडों रूपये के सडक का कोई औचित्य नजर नही आता और तो और तीन वर्ष पहले करोडों रूप्ये की लागत से गरहा नाला का पुल के एक हिस्सा टुटकर बह गया, जिसमें बोरियो में रेत डालकर मरम्मत किया गया है, जो हर वर्ष बारिश मे बहने की संभावना बनी रहती है साथ ही अपने साथ, कई दुर्घटनाआें को जन्म देती है। इस क्षेत्र के लोगो ने ग्राम अडगडी, जरहीहीडीह, शोभा, बाघ नदी और गरहा नदी में बडे पुल निर्माण की मांग किया है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम का गृह ग्राम है। शोभा
राजापडाव गौरगांव क्षेत्र के बडे प्रमुख बस्तियों मे ग्राम शोभा को माना जाता है और ग्राम शोभा जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम का गृह ग्राम है। संजय नेताम द्वारा कांग्रेस सरकार बनने से पूर्व इस सडक में पुल पुलिया निर्माण की मांग को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन, आंदोलन और गरियाबंद तक पदयात्रा किया गया है। आज प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और संजय नेताम कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी भी रहे हैं साथ ही जिला पंचायत के उपाध्यक्ष एकिकृत आदिवासी विकास परियोजना के अध्यक्ष के पद पर संजय नेताम है। इसलिए क्षेत्र के लोगोों ने संजय नेताम से मांग किया है कि क्षेत्र के नदी नालो में पुल पुलिया निर्माण के लिए उनके द्वारा प्रयास किया जाए और क्षेत्र में पुल पुलिया का निर्माण करवाया जाए ।
- लगभग 24 साल पहले राजापडाव से गौरगांव तक पक्की सडक के लिए ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे पर हजारों की संख्या में किया था पांच दिनों तक चक्काजाम
उल्लेखनीय है कि राजापडाव से गौरगांव 22 किलोमीटर सडक के लिए इस क्षेत्र के आठ ग्राम पंचायतों के हजाराें ग्रामीणाें ने खूब संर्घष किये है और तो और लगभग 24 वर्ष पहले मैनपुर देवभोग वर्तमान में मुख्य नेशनल हाईवे मार्ग में राजापडाव के पास सडक में लगातार इस क्षेत्र की हजाराें ग्रामीण महिला पुरूष बच्चे राजापडाव से गौरगांव तक पक्की सडक निर्माण को लेकर लगातार पांच दिनाें तक चक्काजाम किये थे और जमकर नारेबाजी व उग्र आंदोलन किये थे जो इस क्षेत्र के सबसे बडे जन आंदोलन के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र के ग्रामीणाें के उग्र आंदोलन के पश्चात ही अविभाजति मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल ने लगभग दो दशक पहले राजापडाव से गौरगांव तक पक्की डामरीकरण सडक की आधारशिला रखी थी। और पंडित श्यामाचरण शुक्ल के हाथों ही राजापडाव से गौरगांव तक पक्की सडक निर्माण के लिए भुमिपुजन किया गया था, जिसके फलस्वरूप दो दशक पूर्व पक्की सडक का निर्माण किया गया था।
क्षेत्र के लोगों ने किया पुल पुलिया निर्माण की मांग
राजापडाव गौरगांव क्षेत्र के सभी वरिष्ठजनों ग्राम प्रमुखों, ग्राम पंचायतो के सरपचों, जनपद पंचायत के सदस्यों, जनप्रतिनिधियो और क्षेत्रवासियों द्वारा मांग किया गया है कि राजापडाव गौरगांव मांर्ग में जरहीडीह, अडगडी, शोभा, बाघ नदी, गरहा नदी में पुल निर्माण कर इस क्षेत्र की हजारों जनता को सुविधा उपलब्ध कराई जाए।