आखिर समाप्त हुआ दुकान संचालक का अनशन आखिर क्यों किया जा रहा था अनशन पढ़िये पुरी ख़बर
1 min readरायपुर से प्रकाश झा
रायपुर:वीआईपी रोड स्थित श्री राम मंदिर के सामने रामबाग परिसर में संचालित ग्वाला स्वीट्स के संचालक विनय भार्गव द्वारा न्याय के लिए 16 अगस्त की सुबह 08 बजे से शुरू किया गया आमरण अनशन जिला प्रशासन के अधिकारी प्रणव सिंह से सकारात्मक चर्चा के पश्चात करीब 36 घण्टे बाद समाप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि वीआईपी रोड स्थित श्री राम मंदिर के ट्रस्ट व समिति के कुछ लोगो के द्वारा द्वेषपूर्ण ग्वाला स्वीट्स के सामने निर्माण कार्य शुरू कर निर्माण सामग्री को यत्र-तत्र अव्यवस्थित तरीके से डलवाकर व्यवसाय को प्रभावित कर ग्वाला परिवार को परेशान किया जा रहा था।
जो करीब महीनेभर से चल रहा था जिससे तंग आकर विनय भार्गव अपने ग्वाला स्वीट्स के सभी कर्मचारियों के साथ दुकान बंद कर अनशन में बैठ गए थे जिसकी जानकारी मिलने पर बहुत से संगठन व अनेक गणमान्य नागरिक अपना समर्थन देने ग्वाला स्वीट्स पहुच रहे थे।श्री भार्गव ने अनशन की वजह बताते हुए कहा कि मन्दिर के ट्रस्ट/समिति द्वारा रामबाग परिसर में निर्मित 16 दुकान जिसे ट्रस्ट द्वारा किराये में दिया गया है उसके लिए आवागमन के लिए मार्ग भी अवरुद्ध कर दिया गया।
बेतरतीब निर्माण कार्य शुरू करने के चलते दुकानदारों, दुकान के कर्मचारियों तक के गाड़ियों के पार्किंग की जगह नही थी जिससे आने वाले ग्राहको को भी असुविधा हो रही थी और अनेक बार ध्यानाकर्षण के बावजूद ट्रस्ट व समिति ने सार्थक पहल नही किया था जिसके चलते अनशन का निर्णय मजबूरी में लेना पड़ा क्योंकि मैं श्री राम मंदिर के सामने ठाकुर जी की सेवा जीवनपर्यंत करने के लिए संकल्पित हू और ट्रस्ट समिति के चंद लोग स्वार्थ के चलते ग्वाला स्वीट्स को निशाना बना रहे है इससे ग्वाला स्वीट्स से जुड़े 50 कर्मचारी परिवार भी प्रभावित होंगे।
बैंक से लेकर दुकान की स्थापना हुआ व संचालन हो रहा है।कोरोना के चलते महीनों वैसे भी दुकानदारी प्रभावित रही अब जब कोविड का प्रभाव कम हुआ तो व्यवसाय पटरी पर आ रहा था कि ट्रस्ट/समिति के द्वारा बेतरतीब निर्माण कार्य शुरू कर निर्माणसामग्री डलवा कर दुर्भावनापूर्ण व्यवहार किया जाने लगा जिससे ग्राहक भी प्रभावित हो रहे थे,सर्विस रोड में वाहन पार्किंग संभव नही था और सभी तरफ से रास्ते बंद कर निर्माण कार्य चलाया जा रहा था कुछ दिन के कार्य को आजतलक पूर्ण नही करवाया गया है इससे मंशा स्पष्ट समझा जा सकता है।