हत्याकांड के मुख्य आरोपी पूर्व विधायक अनूप व वर्धन को रिमांड पर लेने के लिए अदालत से मिली मंजूरी
1 min readब्रजराजनगर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में करीब चार वर्ष पूर्व हुए माँ-बेटी की जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी ओड़िशा के पूर्व विधायक अनूप साय एवं उनके ड्राइवर वर्धन टोप्पो को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने अदालत में आवेदन किया था. साथ ही अनूप का नार्को टेस्ट कराने के लिए भी पुलिस ने आवेदन किया था. बुधवार को अदालत में चली लंबी बहस के बाद न्यायाधीश ने अनूप साय को तीन दिन एवं वर्धन टोप्पो को एक दिन के रिमांड पर लेने के लिए पुलिस के आवेदन को मंजूर कर लिया है. हालांकि नार्को टेस्ट कराने को लेकर हुई आवेदन के बारे में अदालत ने अबतक कोई फैसला नहीं सुनाया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अदालत की अगली तारीख में इस बारे में कोई फैसला आ सकता है. वहीं दूसरी ओर अति विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनूप साय के दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले एक सख्स को भी पुलिस खोज रही है. इस व्यक्ति से भी कई राज निकलने की संभावना है.
ब्रजराजनगर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला चक्रधरनगर थाना क्षेत्र में हुई दोहरी हत्याकांड मामले में ब्रजराजनगर के पूर्व विधायक अनूप साय एवं उनके ड्राइवर वर्मन टप्पो की गिरफ्तारी के बाद से हर रोज इस घटना में नया मोड़ आ रहा है. मंगलवार को पुलिस ने अनूप साय एवं वर्मन टप्पो को रिमांड पर लेने के लिए अदालत में आवेदन किया है. अनूप साय के वकील विजय सराफ ने बताया कि पुलिस ने ड्राइवर वर्मन टप्पो के लिए एक दिन एवं अनूप साय के लिए तीन/चार दिन का रिमांड मांगा गया है. परंतु रिमांड के लिए आवेदन करने से पहले पुलिस की ओर से विपक्ष के वकील को कोई दस्तावेज नहीं दिया गया था. चूंकि हमें पहले से दस्तावेज मुहैय्या नहीं कराया गया था, इसलिए न्यायाधीश ने कल तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा है. बुधवार रिमांड आवेदन का फैसला आने की उम्मीद है. वहीं उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व रविवार को नगर में अफवाह फैल गई थी कि छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा इस हत्याकांड में कुछ और लोगों गिरफ्तार किया गया है. इसके चलते कुछ इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी यह खबर आ गई. जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी की खबरें फैला दी गई थी उसने सोमवार ने इस गलत खबर का खंडन करने सहित अपनी नाराजगी जाहिर की. इसके बाद इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने भी उस व्यक्ति का वक्तव्य लिया है. इसी प्रकार सोमवार को छत्तीसगढ़ पुलिस की चार-चार सदस्यों वाली दो टीम ब्रजराजनगर पहुंचकर जांच पड़ताल की थी. छत्तीसगढ़ पुलिस ने अनूप साय के घर पर नोटिस लगाया है, जिसमें इस दोहरी हत्याकांड में इस्तेमाल की गई दोनों गाड़ियों यथा- बोलेरो एवं इनोवा गाड़ी को जमा करने के लिए कहा गया था. पुलिस की टीम ने सीआरपीसी धारा 91 के तहत अनूप के परिवार के सदस्यों को हाजिर होने का निर्देश देने सहित हत्या का शिकार बनी महिला कल्पना दास की भाभी से बघराचका स्थित आवास में मुलाकात कर चक्रधरनगर थाना में हाजिर होकर अपना बयान देने के लिए नोटिस दिया है. गौरतलब है कि मई 2016 में छत्तीसगढ़ राज्य रायगढ़ जिला चक्रधरनगर थाना अंतर्गत हमीरपुर मार्ग पर माँ साकंबरी प्लांट के पास महिला एवं बालिका की लाश मिली थी. काफी जांच पड़ताल के बाद मृतकों की पहचान कल्पना दास (32) एवं उसकी बेटी बबली श्रीवास्तव (14) के तौर पर की गई. करीब चार साल तक चली जांच पड़ताल एवं सारे सबूत जुटाने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने छापामारी कर ब्रजराजनगर थाना अंतर्गत गांधी चौक बगराछका निवासी पूर्व विधायक अनूप साय को गिरफ्तार किया है. जबकि उसके दो दिन बाद अनूप के ड्राइवर वर्मन टप्पो को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड में एक बोलेरो एवं एक इनोवा कार का इस्तेमाल किया गया है.
अनूप को फसाया जा रहा है- प्रमोद
राजनीति के शिकार हुए अनूप
ब्रजराजनगर/अनूप को बली का बकरा बनाया जा रहा है और फसाया जा रहा है वो राजनीति के शिकार हुए है । यह कहना ब्रजराजनगर के तीन बार के विधायक ओडिशा के पूर्व सिंचाई जल निगम के अध्यक्ष पूर्व भंडारण निगम के अध्यक्ष अनूप कुमार साई के बड़े भाई प्रमोद कुमार साई का है। श्री प्रमोद साई ने नवभारत से बातचीत में यह बताया कि 2016 में हुए दोहरे हत्याकांड में अनूप का नाम जबरदस्ती घसीटा गया है जबकि पुलिस को उसके खिलाफ कोई भी सबूत नही मिला है सिर्फ फोन पर बातचीत या फिर किसी के घर आना जाना को कोई सबूत नही कहा जा सकता । पुलिस जिस बलेरो जीप की बात कर रही है वह तो उसने 2015 में ही बेच दिया था फिर कैसे उस गाड़ी का 2016 के मर्डर केस में स्तेमाल किया गया है चूंकि अनूप ओडिशा की राजनीति में एक बड़ा नाम है । इसलिए भी उसे मीडिया ट्रायल में दोसी माना जा रहा है जबकि वास्तविकता इससे कोसो दूर है जिस तरह से पुलिस रोज नई कहानी गढ़ रही है उससे हमे इंसाफ मिलने में देरी हो सकती है । मगर इंसाफ मिलेगा जरूर हमे देश की अदालत ओर कानून पर पूरा विस्वास है श्री साई ने कहा कि जिस तरह से अनूप को कोई खतरनाक अपराधी के हिसाब से दिखाया या बताया जा रहा है यह सभ्य समाज के लिए ठीक नही है जबकि अपने राजनीतिक जीवन के करीब 25 वर्षों में अनूप के ऊपर कोई भी आपराधिक केस नही है
और ना ही किसी मामले में उनका कभी नाम ही आया है । वह अपने राजनीति और निजी जीवन मे पाक दामन साफ ब्यक्तित्व के मालिक है मगर इस केश में उसे फसाकर अपराधी जैसा सलूक किया जा रहा है । किसी भी ब्यक्ति का किसी से संपर्क होना उसके मौत या हत्या का कारण नही बन सकता इस तरह से मीडिया ट्रायल बन्द होना चाहिए मालूम हो इससे पहले श्री प्रमोद कुमार साई ने एक लिखित शिकायत स्थानीय थाने में की है जिसमे उन्होंने कुछ मीडिया कर्मी ओर मीडिया हाउस को उन्हें तथा उनके परिवार को परेशान करने तथा नाम बदनाम करने का आरोप लगाया है । श्री साई ने लिखित में आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ मीडिया हाउस ओर मीडिया कर्मी द्वारा गलत ओर बनावटी समाचार बना कर मेरे परिवार को बदनाम कर रहे है । कुछ मीडिया हाउस द्वारा फिल्मी अंदाज में तथा फ़िल्म के रील को फेरबदल करके जिस तरह से न्यूज़ समाज को परोसा जा रहा है वह काफी दुर्भावनापूर्ण है कुछ वेबसाइट चेनल वाले भी हद को पार करके फॉल्स न्यूज़ दिखा रहे है । मेरे घर पर मेरी माँ जिसका उम्र 90 वर्ष से ज्यादा है तथा मेरी भतीजी जो कि मानसिक विकलांग है इस तरह के बेकार न्यूज़ ओर बार बार मेरे परिवार का नाम आने के कारण मानसिक तौर पर परेशान हो रहे है अतः इस तरह के न्यूज़ को तुरन्त बन्द किया जाए नही तो हमे कोर्ट की सरण में जाना पड़ेगा और मानहानि का मुकदमा करना पड़ेगा । श्री साई ने इस शिकायती पत्र की एक प्रतिलिपि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को तथा प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली,ह्यूमन राइट्स भुबनेस्वर,जिलापाल झारसुगुड़ा तथा पुलिस अधीक्षक झारसुगुड़ा, को भी भेजा है । बतादे की छत्तीसगढ़ के सीमांत में हुए 2016 को दोहरे हत्याकांड के करीब चार साल बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने अनूप साई को मुख्य अभियुक्त बनाया है जबकी उनके ड्राइवर टोप्पो को सहायक बनाया है वही कुछ और लोगो के भी इस केश में संलग्नता से रायगढ़ पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा आशा ब्यक्त किया जा रहा है कुल मिलाकर इस हत्याकांड तथा अनूप का नाम इसमे आने पर पूरे ओडिशा की राजनीति में भूचाल सा आ गया है अब यह तो आने वाला वक्त ओर माननीय अदालत ही तय करेगा कि दोसी कौन है।