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November 19, 2024

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राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मुंह खुलते ही बीजेपी में बवाल, बोले मलिक- एक डॉगी के मरने पर आ जाता है शोक संदेश, 250 किसानों की मौत पर चुप्पी क्यों ?

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नई दिल्ली। बीते तीन महीनों से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आन्दोलन पर अब मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नेताओं के रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल मलिक डीडवाना से दिल्ली जाते वक़्त झुंझुनूं में कुछ देर के लिए रुके थे। इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, किसान आदोलन जितना भी लम्बा चलेगा, देश का उतना ही नुकसान होगा। साथ ही कड़े शब्दों में नेताओं को घेरते को उन्होंने कहा कि यहां एक कुतिया मर जाती है तो नेताओं का शोकसंदेश आ जाता है। लेकिन आंदोलन करते-करते हमारे 250 से ज्यादा किसान मर गए, लेकिन किसी के मुंह से एक शब्द तक नहीं फूटा। यह सरासर ह्रदयहीनता है। किसान अपना सबकुछ छोड़-छाड़कर यहां बैठे हैं।

आपको बता दें कि, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक डीडवाना से दिल्ली जा रहे थे, तभी वह कुछ समय के लिए झुंझुनूं में रुके थे। उन्होंने इस जगह को वीर शहीदों की धरती बताकर कहा कि, यहाँ सड़कों के नाम शहीदों के नाम पर है और ये सब देखकर मुझे अच्छा लगा। उन्होंने आगे कहा कि, यहां के हर गांव के बाहर एक शहीद की प्रतिमा लगी है। इससे ज्यादा शहादत किसी जिले ने नहीं दी है। इसलिए लोगों से कहता हूं कि तीर्थ करने की बजाय झुंझुनूं के गांवों में जाओ। शहीद की पत्नी, मां और बच्चों से मिलो।

मीडिया से बातचीत करते हुए मलिक ने आगे कहा कि, ऐसा मेरा मानना है कि इस आंदोलन का जल्द ही हल हो जाएगा। सब अपनी-अपनी जगह ठीक हैं। एमएसपी ही मुख्य मुद्दा है। जिसे कानूनी कर देंगे तो मामला हल हो जाएगा। मलिक ने कहा कि आंदोलन इतना समय नहीं चलना चाहिए। किसान आंदोलन में सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थ बनने के सवाल पर मलिक ने कहा कि वे संवैधानिक पद पर हैं। बिचौलिया नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि कृषि कानून पर किसान एकजुट हैं।

गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक अपने खुले विचारों व मुखर प्रातक्रिया के लिए मशहूर है। बता दें कि 2 दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि सरकार एमएसपी को कानूनन गारंटी दे। साथ ही यह भी दावा किया था कि, उन्होंने ही किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी रुकवाई थी और  पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों से दो अपील की थी, पहली यह कि किसानों को खाली हाँथ नहीं भेजना है और दूसरी ये कि, टिकैत को गिरफ्तार करना ठीक नहीं है।

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