Recent Posts

December 24, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

गरियाबंद जिले की कमान महिला आईएएस अधिकारी नम्रता गांधी के संभालते ही प्रशासनिक कार्यो में आई कसावट

1 min read
  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • दुरस्थ वनांचल आदिवासी ग्रामों में भी अब विकास कार्यो में दिखने लगा तेजी, कलेक्टर के औचक निरीक्षण से ग्रामीणों को मिलने लगा योजनाओं का लाभ
  • गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी के त्वरित और संवेदनशील निर्णय से मैनपुर आदिवासी क्षेत्र के लोगों को बड़ी उम्मीद

मैनपुर – गरियाबंद जिले की लगभग चार महिने पूर्व कमान संभाली महिला आईएएस अधिकारी श्रीमती नम्रता गांधी से पुरे गरियाबंद जिले के साथ खासकर दुरस्थ वनांचल आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के ग्रामीण ईलाके के लोगों को विकास कार्यो को लेकर बडी उम्मीद देखी जा रही है और गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी के पदभार ग्रहण करने के साथ ही प्रशासनिक कार्यो में काफी कसावट देखने को मिल रहा है, और तो और अब ग्रामीणो के द्वारा अपने मांगों और समस्याओ को किसी दुसरे के माध्यम से नही बल्कि सीधे कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हे समस्या बता रहे हैं। पहली बार कोई आईएएस अफसर सीधे जनता से मुलाकात कर रही है और त्वरित उनके समस्याओ को समाधान किया जा रहा है। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के बीहड जंगलो में विशेष पिछडी कमार, भुंजिया जनजाति के लोग निवास करते है और इन कमार जनजाति कई ग्रामो में आजादी के 75 वर्षो बाद भी पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली, सडक, की समस्या बनी हुई है।

गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी के द्वारा विशेष पिछडी कमार जनजाति लोगो को शासन की योजनाआें का लाभ दिलाने के लिए विशेष प्रयास करते हुए पिछले तीन माह के भीतर मैनपुर विकासखण्ड के लगभग दो दर्जन से ज्यादा कमार जनजाति ग्रामो में जहां विशेष शिविर आयोजित किया गया और इस शिविर में जिला स्तर से लेकर ब्लाॅक स्तर के अधिकारी पहुचकर ज़हां कमार भुंजिया जनजाति आदिवासियों के गांव के वास्तविक स्थितियों का मौके पर जाकर पडताल किया वही कमार , भुंजिया जनजाति के लोगो के द्वारा शिविर में प्राप्त आवेदनों को प्रमुखता के साथ सभी विभागो को समस्या समाधान करने का निर्देश दिया गया, जिसके फलस्वरूप दर्जनों कमार ग्रामो में हेडपम्प खराब होने से जंहा लेाग झरिया का गंदा पानी पीने मजबूर हो रहे थे।

वहां हेडपम्प सुधार हो जाने से अब ग्रामीणाें को शुध्द पेयजल उपलब्ध होने लगा है, वही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के गोद ग्राम कुल्हाडीघाट के पहाडी कमार ग्राम मटाल, ताराझर, कुर्वापानी जंहा आज तक एक हेडपम्प खनन नही हुआ है, यहा के लोग वर्षो से हेडपम्प की मांग करते थक गये हैं। इन ग्रामो के लिए लाखों करोडो रूपये स्वीकृत कराया गया है और लगातार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियाें के द्वारा इन दुर्गम पहाडी ग्रामों में हेडपम्प खनन करने के साथ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, जो अपने आप में एक बहुत बडा मिशाल है, जिससे कमार जनजाति भुंजिया जनजाति के लोगो में जिला प्रशासन के प्रति विश्वास बढता दिख रहा है। साथ ही इन पहाडियों के उपर बसे ग्रामो में पेयजल के साथ ग्रामीणाें के जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए बांस बर्तन व अन्य कोदों, कुटकी, रांगी और सब्जी के फसल लेने के लिए भी उन्हे प्रेरित किया जा रहा है। मैनपुर क्षेत्र के कमार जनजाति ग्राम बेहराडीह में गरियाबंद कलेक्टर नम्रता गांधी के प्रयास से लगभग 200 एकड एरिया में पौधारोपण के साथ वंहा के कमार जनजाति के ग्रामीणाें को सब्जी, और दलहन, तिलहन के साथ लाख उत्पादन, मछली पालन के लिए भी प्रोत्साहित करते हुए कार्य योजना तैयार किया जा रहा है, जिसमें से कुछ कार्य प्रारंभ हो गये है, आने वाले दिनो में इसका बेहतर परिणाम लोगो के सामने देखने केा मिलेगा।

कलेक्टर के औचक निरीक्षण से मचा है प्रशासनिक हल्को में हडकम्प और प्रशासनिक कार्यो में आई कसावट

गरियाबंद जिले के कलेक्टर नम्रता गांधी अचानक कभी भी कोई भी गांव में पहुचकर शासन की योजनाओं की ग्रामीणाें के बीच बैठकर लोगो से चर्चा करते है, और योजनाआें का कितना लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है, इस सबंध में ग्रामीणो से खुलकर चर्चा करते है। अचानक कलेक्टर के निरीक्षण से प्रशासनिक हल्को में हडकम्प देखने को मिलता है, साथ ही प्रशासनिक कार्यो में कसावट भी आई है, अब जो अधिकारी एक-एक माह तक मैनपुर तहसील मुख्याल में दिखाई नही देते थे। ऐसे अधिकारी गांव में शासन की योजनाओं की जानकारी ग्रामीणाें को देते दिखाई दे रहे है, जो प्रशासनिक कसावट का एक उदाहरण है, जो मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में देखने केा मिल रहा है।

   अभी लगभग चार महीने पूर्व जिले की कमान संभाल रही आईएएस अधिकारी कलेक्टर नम्रता गांधी से यहां के रहवासियों को काफी उम्मीदें हैं, उनकी कार्यशैली में टिकाऊ और दीर्घकालीन विकास की कल्पना दिखाई देती है, समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे इसलिए  कार्ययोजना बनाई जा रही है। आदिवासी अंचल में मूलभूत सुविधा के लिए कलेक्टर संवेदनशील और गंभीर जान पड़ती है अभी हाल ही मैनपुर के अंदरूनी क्षेत्र शोभा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलकर यहां की वर्षों की मांग को दो महीने के भीतर पूरा किया। आदिवासी अंचल में अभी 8 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम की चेतावनी दी गई थी, उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए शिविर लगाकर निराकरण करने का भरोसा दिलाते हुए लोगों का दिल भी जीत लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *