छत्तीसगढ़ राइंडिग क्लब के बाईक राइडर्स उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वनभैंसा केन्द्र, सोढूर जलाशय , मनमोहक नजारा और वन्य प्राणियों जंगल में विचरण करते देख आनंदित हो उठे
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद । छत्तीसगढ के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र की ख्याती लगातार बढ़ती जा रही है। यहां विदेशी पर्यटकों के साथ अब राष्ट्रीय स्तर के बाईक राइडर्स भी पहुच रहे है, ज्ञात हो कि छत्तीसगढ राइंडिग क्लब रायपुर एवं बस्तर ग्रुप द्वारा उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बीहड़ पहाड़ी के उपर बसे वनांचल ग्रामों में पहुंचकर जंहा यहा निवास करने वाले लोगो के जीवनशैली को नजदीक से देखा गया। वही दुसरी ओर यहा के मनोरम प्राकृतिक स्थलों व खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं। वन्य प्राणियों को देखकर आंनदित हो उठे, डॉ. वरुण ताम्रकार संचालक छत्तीसगढ़ राइडिंग क्लब (36 आर.सी) रायपुर एंव बस्तर ग्रुप के फाउंडर जीतसिंह आर्य एवं कंसलटेंट प्रबोध बालियान सहित 22 वन्यप्राणी प्रेमियों द्वारा प्रमुख रूप से वन भैंसा संरक्षण एवं मालाबार पाईड हार्नबिल (धनेश) संरक्षण के प्रयासों के प्रचार प्रसार एवं इको पर्यटन सम्बन्धी जागरूकता मोटर साइकिल रैली निकाली गयी । रैली की शुरुआत रायपुर से हुई एवं गरियाबंद से धवलपुर के रास्ते सी.आर.पी.एफ कैंप ओढ़ एवं आमामोरा तक पहुचे, धार्मिक स्थल एवं कालीपगार जलप्रपात की ट्रैकिंग करवाई गयी एवं दुर्लभ पक्षी धनेश के रहवास के बारे में जानकारी दी गयी जो की यहाँ प्रचुर संख्या में उपलब्ध है, ताकि ज्यादा से ज्यादा वन्य प्रेमी इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हो और स्थानीय लोगो को रोजगार उपलब्ध हो सके जिससे इस वन क्षेत्र के संरक्षण में स्थानीय लोगों की सहभागिता बढ़े । ओढ विश्राम गृह में सभी बाईक राइडर्स के लिए स्थानीय दोना पत्तल में भोजन की व्यवस्था की गयी जो की राइडर्स को बड़ा मनमोहक लगा और ग्रामीण जीवन शैली को नजदीक से जानने का मौका मिला। इस दौरान के सदस्यों द्वारा होम स्टे विकास सम्बन्धी सर्वे किया। भोजन उपरांत बाईक राइडर्स ओढ़ से मैनपुर, झरियाबाहरा होते हुए ईको पार्क मेचका (सोंढूर) पहुंचे, जहां पर वन प्रबंधन समिति मेचका द्वारा राइडर्स को डाक्यूमेन्ट्री फिल्म अवैध शिकार विरोधी अभियान एवं उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व का प्रोमो विडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया। राइडर्स क्लब द्वारा वन भैंसा एवं हार्नबिल संरक्षण सम्बन्धी पोस्टर का विमोचन किया गया। राइडर्स को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व की काॅपी टेबल बुक और बर्डस और उदंती सीतानदी पुस्तक मोमेंटो के तौर पर वितरित की गयी। समिति सदस्यों से राइडर्स ने जैव विविधता संरक्षण पर गोष्ठी की।
मेचका के समीप हिरनों के झुण्ड को विचरण करते देख राइडर्स काफी रोमांचित हुए , मेचका वन समिति अध्यक्ष परमानन्द मरकाम एवं जोहन लाल मरकाम द्वारा धार्मिक स्थल मुचकुन्द ऋषि पर्वत की ट्रैकिंग करवाई गयी और इस पवित्र स्थल के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व को समझाया गया ।
राइडर्स की टीम सोंढुर बाँध से झरियाबाहरा होते हुए जुगाड़ ग्राम पहुची जहा वन प्रबंधन समिति अमाड- देवझर अमली एवं वन भैंसा प्रबंधन समिति सदस्यों द्वारा बाइक राइडर्स को वन भैंसे का इकोलॉजिकल रोल एवं महत्त्व समझाया गया। सभी बाईक राइडर्स के लिए मध्यकालीन भोजन की व्यवस्था इको सेंटर कोयबा (इंटरप्रिटेशन सेंटर) मे किया गया जहा राइडर्स को उदंती सीतानदी टीम द्वारा मानस नेशनल पार्क (असम) से छत्तीसगढ़ लाये गये 6 वन भैंसा के बारे में भी बताया गया । बाइक राइडर्स द्वारा वन विभाग को धन्यवाद् दिया गया जिनकी वजह से जागरूकता रैली का रूट नियमो को देखते हुए इस तरह से तैयार किया गया जो की ग्रामीण सड़को, धार्मिक स्थलों के समीप एवं कोर वन क्षेत्र के बाहर से गुजरा ताकि वन क्षेत्र एवं वन्यप्राणी पर कोई डिस्टर्बेस न हो सके।
ज्ञात हो कि जागरुकता मोटर सायकल रैली के सदस्यों द्वारा लेह लद्दाख, हिमाचल एवं बस्तर में भी राइडिंग टूर किया गया है। इसमें महिला राइडर्स भी शामिल है ।