बाकड़ी नदी को ट्यूब के सहारे पार कर आदिवासी कमार जनजाति के बच्चे पढ़ाई करने हाईस्कूल पहुंचते हैं
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- बाकड़ी नदी में लगभग आठ वर्ष पहले नदी पार करते समय एक छात्रा की बाढ़ में बह जाने से मौत भी हो चुकी है अब तक नही बना पुल और पुलिया
मैनपुर – गरियाबंद जिले के दूरस्थ वनांचल ग्रामो में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 21 वर्ष बाद भी विशेष पिछड़ी कमार जनजाति आदिवासी बच्चो को हाईस्कूल की पढ़ाई करने जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुंचना पड़ता है तब कही जाकर उन्हे हाईस्कूल की शिक्षा नसीब हो पाती है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 17 किमी दूर गरियाबंद विकासखण्ड के अंतिम छोर में बसा ग्राम जरण्डी, बोड़ापाला के दर्जनभर स्कूल के छात्र बाकड़ी नदी को तैरकर या फिर वाहनो के ट्यूब के सहारे पारकर धवलपुर हाईस्कूल पहुंचते है तब उन्हे हाईस्कूल की शिक्षा प्राप्त होती है। ज्ञात हो कि यह बाकड़ी नदी आगे चलकर सिकासार जलाशय में मिलता है और यह काफी चौड़ा नदी है यहां बारिश के पूरे चार माह कमर तक पानी चलते रहता है और बारिश होने पर जंगलो तथा पहाड़ी ईलाके के पानी आने से यह नदी अचानक उफान पर आ जाता है। आज से लगभग आठ वर्ष पहले इस बाकड़ी नदी को ग्राम जरण्डी बोलापाला की एक छात्रा जो हाईस्कूल धवलपुर पढ़ाई करने आ रही थी और अचानक नदी में बाढ़ आ जाने से नदी पार करते समय ट्यूब पलट जाने से छात्रा की बह जाने से मौत हो गई थी तो मंत्री, विधायक, सांसद, उच्च अफसर यहां पहुंचकर इस नदी में पुल निर्माण करवाने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक इस नदी में पुल निर्माण नही होने से आज भी बोड़पाला, जरण्डी क्षेत्र के ग्रामीण व स्कूली छात्र इस नदी में जान जोखिम में डालकर आने जाने को मजबूर होते है। यह क्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र भी है और हमेशा जंगली हाथियो का इस क्षेत्र में डेरा आम बात है इस क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक एवं जंगलधवलपुर के पूर्व सरपंच कन्हैया ठाकुर, सरपंच बिन्देश्वरी, हबीब मेमन, केदारसिंह दाउ, लोकेश ठाकुर, टिकेश्वर तिवारी, लखनगिरी गोस्वामी, नितेश साहू व क्षेत्र के ग्रामीणो ने बताया यह इस क्षेत्र के सबसे बड़ी नदी है और बारिश के दिनो में जुलाई, अगस्त, सितम्बर में यहां कमर तक तीन माह तक पानी चलता है और इसी नदी को पारकर स्कूली छात्र ट्यूब के सहारे या कभी तैरकर स्कूल तक पहुंचते है तो ग्रामीण राशन लेने भी इसी तरह आते है सबसे ज्यादा परेशान गर्भवती महिलाओं को होती है उन्हे भी इस नदी को खाट के माध्यम से पार करा कर अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। ग्रामीणो ने बताया जरण्डी, बोड़ापाला क्षेत्र से लगभग 15 से 20 छात्र हाईस्कूल व काॅलेज की पढ़ाई करने नदी पार कर आते है।
मैनपुर से महज 06 किमी पैरी नदी खामभाठा में भी यही स्थिति निर्मित
देश को आजाद हुए एक एक कर 75 वर्ष गुजर गये आजादी के सात दशक बाद भी तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 06 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत देहारगुडा के आश्रित ग्राम खामभाठा के दर्जनों आदिवासी बच्चाें को प्राथमिक, मिडिल एंव हाई स्कूल के शिक्षा ग्रहण करने के लिए बारिश के इन दिनों में जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल तक आना पडता है, कभी कभी तो अत्यधिक बारिश होने पर नदी में भारी बाढ और तेज बहाव के कारण बच्चाें को अपने रिश्तेदारों के यहा रहकर रात गुजारनी पडती है, ऐसा नही कि इसकी जानकारी स्थानीय शासन प्रशासन को न हो क्षेत्र के विधायक व सबंधित विभाग के अधिकारियो ने कई बार इस नदी का निरीक्षण कर चुके है, और इसी नदी में टुटे रपटा के स्थान पर पुल निर्माण के आश्वासन दे चुके है, लेकिन अब तक पुल निर्माण नही होने से बारिश के इन दिनेा में आदिवासी बच्चाें को जान जोखिम मे डालकर स्कूल पहुचना पड रहा है। ग्राम देहारगुडा के सरपंच श्रीमती डिगेश्वरी साण्डे, पूर्व सरपंच देवन नेताम एंव सरपंच प्रतिनिधि लोकेश साण्डे ने बताया कि 20 से 30 बच्चे खामभाठा से देहारगुडा पढाई करने आते है, और बारिश के पुरा चार माह बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुचते है, ज्यादा बारिश होने पर यहां भी बच्चो को ट्यूब के सहारे नदी पार कराया जाता है।
पयलीखण्ड, अमाड़, साहेबिनकछार और छोटेगोबरा में भी बच्चे नदी तैर कर स्कूल पहुंचते है
मैनपुर विकासखण्ड के पयलीखण्ड, अमाड़, साहेबिनकछार और छोटेगोबरा क्षेत्र में भी सैकड़ो छात्र -छात्राएं बारिश के इन दिनो में नदी नालो में बाढ़ के पानी को पार कर खासकर हाईस्कूल की शिक्षा हासिल करने लगभग 08 से 10 किमी की दूरी सायकल के माध्यम से पार कर स्कूल तक पहुंचते है यह इनकी नियती में शामिल है और इस समस्या से उच्च अधिकारी व जनप्रतिनिधि अच्छी तरह वाकिफ है।
क्या कहते है विधायक
बिन्द्रानवागढ़ के विधायक डमरूधर पुजारी ने चर्चा में बताया बाकड़ी नदी, पयलीखण्ड इंद्रावन नदी, गोबरा सिहावा क्षेत्र के दौड़नदी में पुल पुलिया निर्माण के लिए उनके द्वारा राज्य शासन को कई बार मांग किया जा चुका है।
डमरूधर पुजारी विधायक बिन्द्रानवागढ
क्या कहते है प्राचार्य
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धवलपुर के प्राचार्य बलदाऊ प्रसाद कोसले ने बताया हमारे स्कूल में जरण्डी और बोड़ापाला क्षेत्र के लगभग दर्जनभर बच्चे बारिश के दिनो में ट्यूब के सहारे स्कूल तक पढ़ाई करने आते है ज्यादा बारिश होने पर बच्चो को स्कूल नही आने को कहते है। प्राचार्य श्री कोसले ने बताया कुछ वर्ष पहले नदी को पार करते समय एक छात्रा की बह जाने से मौत हो गई थी