Recent Posts

December 26, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

साप्ताहिक जन चैपाल में कलेक्टर ने सुनी लोगों की समस्याएं

1 min read
Collector listened to people's problems in the weekly Jan Chappal
  • महफूज आलम

बलरामपुर ।  कलेक्टर संजीव कुमार झा ने संयुक्त जिला कार्यालय भवन परिसर में आयोजित साप्ताहिक जन चैपाल में लोगों की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुना तथा त्वरित निराकरण हेतु संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर जन चैपाल में ग्राम कुन्दरू के लालमन यादव, रामानारायण, उमलेश यादव तथा अन्य ग्रामीणों द्वारा नवगठित ग्राम पंचायत कुन्दरू में वार्ड निर्धारण में अनियमितता के संबध में, ग्राम चिलमा खुर्द निवासी श्री बिरसाय मिंज द्वारा अपने पट्टे की भूमि को मतगरन राम के द्वारा जबरन खाली कराने के संबध में, ग्राम चिरकोमा निवासी श्री राजेश सिंह द्वारा दयाशंकर सिंह के फर्जी वन भूमि पट्टा निरस्त करने बावत्, शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय गुडरू के भृत्य सुनिता द्वारा वेतन नहीं मिलने तथा स्थानांतरण के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया है।

Collector listened to people's problems in the weekly Jan Chappal

इसी प्रकार ग्राम झलरिया निवासी पहाड़ी कोरवा श्री राजेन्द्र कुमार द्वारा नौकरी प्रदान करने, ग्राम पिपरौल निवासी श्री रविन्द्र गुप्ता ने अपने स्वामित्व की भूमि पर नरेश साव द्वारा कब्जा करने, सनावल निवासी श्री डोमन राव ने वन अधिकार पत्र प्रदान करने के संबंध में, मेडिकल आॅफिसर ऋचा खन्ना ने सीआएमसी की राशि भुगतान कराने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने उपरोक्त सभी आवेदकों के आवेदनों पर त्वरित निराकरण के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है। उक्त जन चैपाल में विभिन्न विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

  • इस दीपावली मिट्टी के दीये ही जलाएं: कलेक्टर

संयुक्त जिला कार्यालय भवन परिसर में स्व सहायता समूहों के द्वारा दीपावली के पूर्व स्टाॅल लगाकर मिट्टी के दीये, मोमबत्ती एवं अन्य सामग्रियों की बिक्री की गई। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीष एस. ने समूहों की महिलाओं से दीये खरीदे और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से अपील की, इस दीपावली मिट्टी के दीये जलाएं एवं अपने आस-पास के लोगों का प्रोत्साहित करें। हैं। पिछले कुछ वर्षों से हमने देखा है बाजार में परम्परागत मिट्टी के दीये के स्थान पर विभिन्न नये उत्पाद जैसे लाईट वाले कृत्रिम दीये आ गए हैं और इनका उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से इन उत्पादों का प्रयोग उपयुक्त नहीं है। उन्होंने महिला स्व सहायता समूहों लगाये स्टाॅलों का अवलोकन किया और उनके कार्य की सराहना की। एन.आर.एल.एम. के महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा मिट्टी के आकर्षक दीये बनाये तथा दीयों को विभिन्न रंगों से सजाया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *