तेज धूप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने 10 किलोमीटर पैदल चलकर ओडिसा सीमा तक के अंतिम ग्रामों का लिया जायजा
- गरियाबंद जिले के दुरस्थ वनांचलों के ग्रामों तक पहुंचने के लिए नहीं है पक्की सड़क, एम्बुलेंस 108 नहीं पहुंच पाने से होती है लोगों की अकाल मृत्यू
- ओडिसा सीमा से लगे ग्राम झोलाराव सहित कई ग्रामों में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य की गंभीर समस्या अज्ञात बीमारी से आदिवासी बच्चा पीडि़त
- रामकृष्णध्रुव गरियाबंद
मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर के दुरस्थ वनांचलों के ग्रामो मंे आजादी के 73 वर्षो पश्चात भी जंहा एक ओर पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण आज भी पगडंडी रास्तों से मिलो पैदल दुरी तय करने मजबूर हो रहे हैं। आज शनिवार को गरियाबंद जिला पंचायत के उपाध्यक्ष संजय नेताम दोपहर 12 बजे तेज धुप में ग्राम पंचायत गौरगांव व उसके आश्रित ग्राम जो ओडिसा सीमा से लगा हुआ है। झोलाराव लगभग 10 किलोमीटर ओडिसा सीमा तक पैदल पहुंचकर पगडंडी रास्ते का जायजा लिया। इस दौरान ग्राम झोलाराव के ग्रामीणों ने जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम को बताया कि यह मैनपुर विकासखण्ड के सबसे अंतिम छोर में बसा गांव है और यहा से दो किलोमीटर में ओडिसा का प्रथम गांव करामटा है। ओडिसा सरकार द्वारा ओडिसा के अंतिम गा्रमो तक पक्की सड़क बिजली, व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई गई है लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 21 वर्षो बाद भी गरियाबंद जिले के इस दुरस्थ वनांचलो के ग्रामों में न हो पहुचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण किया गया है और न ही स्वास्थ्य शिक्षा बिजली जैसे बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
ग्रामीण रतिराम कुंजाम, दलसाय नेताम, लवकुश मरकाम, प्रेमलाल नेताम, जीवन नेताम एंव सरपंच भानबाई नेताम ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम को बताया कि ग्राम झोलाराव वन ग्राम के अंतर्गत आता है। और इस गांव मे सड़क निर्माण , पुल पुलिया व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना वन प्रशासन का काम है लेकिन अब तक वन प्रशासन ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया और तो और मामले को गंभीरता से जांच किया जाए तो पिछले 10 वर्षो के भीतर झोलाराव तक सडक निर्माण के नाम पर वन विभाग द्वारा लाखों रूपये की राशि कागजों में खर्च किया गया है।
गौरगांव के लाटापारा झोलाराव तक सडक नही होने के कारण पगडंडी रास्तों से ग्रामों को आना जाना करना पड़ता है। बरसात के दिनो में चार माह यह मार्ग पुरी तरह बंद हो जाता है। ग्रामीणांे ने बताया कि गांव तक 108 संजीवनी एक्सप्रेस व महतारी एक्सप्रेस नहीं पहुंचने के कारण पिछले चार पांच वर्षो के भीतर कई बच्चों की समय पर ईलाज नही होने के कारण अकाल मौत भी हो चुकी है, जिसकी जानकारी शासन प्रशासन को दिया जा चुका है और गौरगांव से इस गांव तक पतथरीली पंगडडी रास्ता में मोटर सायकल तो दुर पैदल आना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों के मांग पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने पैदल ही लगभग 10 किलोमीटर तक ओडिसा सीमा के अंतिम गांव तक पहुचकर सडकों का जायजा लिया और इस गांव के ग्रामीणों को पुरी तरह जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने अस्वस्थ्य किया है कि यहा मूलभूत सुविधा के साथ पक्की सड़क निर्माण करवाने उनके द्वारा भरसक प्रयास किया जायेगा।
ग्रामीणों के सामने ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने वन विभाग के अफसराें को फोन लगाकर ग्राम झोलाराव तक सडक निर्माण के सबंध में बताया जिस पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक आयुष जैन ने तत्काल ही इस सडक की स्टीमेंट बनाने और सुधार कार्य करवाने का आश्वासन दिया है।
जिला पंचायत के उपाध्यक्ष ने चर्चा में बताया
जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम ने चर्चा में बताया कि गौरगांव के आश्रित ग्राम लाटापारा झोलाराव जो ओडिसा सीमा से लगे गांव है यह वन ग्राम है। आज इन ग्रामो का उन्होने दौरा किया है। इन ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं की कमी तो बनी है साथ मंे पक्की सड़क नहीं होने के कारण हजारों आदिवासियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम झोलाराव के निरीक्षण के दौरान गांव में एक शिशु को लाकर उनकी माता पिता ने दिखाया की शिशु के शरीर में जगह जगह काला काल धब्बा हो गया है और उनके परिजन इसके ईलाज कराते थक चुके है। अज्ञात बीमारी के चलते यह बच्चा बहुत बेचैन रहता है। उन्होंने गरियाबंद जिला के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर व जिला चिकित्सा अधिकारी नेतराम नवरत्न एंव एसडीएम सूरज कुमार साहू से इस मामले में मांग करेंगे कि उस गरीब परिवार के कुमारी रविना मरकाम जो गंभीर बीमारी से ग्रस्ति है। उसका ईलाज शासकीय तौर पर करवाया जाए और उन्हे शासन की योजनाआें का लाभ दिलाया जाए ।