पहले गांव वालों से रेत का अधिकार छीना, अब गोबर- fदेवजी भाई पटेल
गोबर खरीदी किसानों के साथ छलावा, धान की पैदावार को क्यों करने की साजिश देवजी भाई पटेल
रायपुर । पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवजी भाई पटेल ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, गांव के लोगों का पहले रेत पर मौलिक अधिकार था उसे भूपेश सरकार ने गुंडों के हाथ में दे दिया अब सरकार किसानों से गोबर छीन कर धान की पैदावार को हतोत्साहित करना चाहती है। श्री पटेल ने सरकार की गोबर खरीद नीति को दोगली और भ्रमित करने वाला करार करते हुए कहा कि, सरकार एक तरफ “नरवा गरवा घुरवा बाड़ी” की नीति को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताती है, तो सरकार पहले स्पष्ट करें क्या “घुरूवा” को इस नीति से हटा दिया गया है, ऐसा इसलिए कि सरकार ने घुरुवा से किसानों को गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ाने के लिए गोबर गैस एवं कंपोस्ट खाद के लिए प्रोत्साहित किया है । अब सरकार घरुवा को किसानों से छीन कर केंद्र सरकार के नीति के खिलाफ कार्य कर रही है। केंद्र सरकार के हर घर में गोबर और वेस्टज से खाद और ऊर्जा पैदा करने के लिए भारत सरकार का एक गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय कार्यरत है प्रदेश सरकार अब दोगला कार्य कर रही है।
धान खरीदी में असफल सरकार छत्तीसगढ़ की खेतों को बंजर करना चाहती है। सदियों से छत्तीसगढ़ का किसान खेतों में गोबर खाद को धान के लिए अमृत्तुल्य मानता है गोबर खाद से खेतों में पैदावार अच्छी होती है, गुणवत्ता अच्छी होती है, और फसल पर रोग नहीं लगती ।प्रदेश में हजारों के संख्या में किसान आज जैविक खाद के रूप में सबसे प्रमुख गोबर खाद को रा मटेरियल के रूप में प्रयोग कर रहे हैं । गोबर खरीदी का लालच देकर भूपेश सरकार अपनी ही बनाई नीतियों का परिहास कर रही है , जैविक खाद की खेती बढ़ाने के लिए सरकार ने इस वर्ष बजट सत्र में प्रशासकीय प्रतिवेदन रखा है, अब सरकार का यह दोहरा चरित्र सामने आ रहा है । एक षड्यंत्र रच कर किसानों को लालच देकर हमारे पूर्वजों की सभ्यता इसमें गोबर घर के आंगन से लेकर खलिहान तक सुचिता का प्रतीक था उसे षड्यंत्र का भाग बनाया जा रहा है ।
वस्तुत: सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करना चाहती है। गांव की प्रगति का नाटक रच रही है । इस पूरे षडयंत्र में किसानों का परंपरागत धान की खेती से भटकाना, धान की पैदावार कम करना हमारी संस्कृति को विकृत करने की एक सोची समझी साजिश है , जिसके मूल में सिर्फ भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार और सिर्फ भ्रष्टाचार है,
श्री पटेल ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने गांव के गठन के लिए दस हजार प्रतिमाह देने का प्रावधान किया था । तो बताएं कि कितने गांव की गौठान में को यह राशि दिया गया है, उन्होंने दावा किया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र रहे धरसीवा में एक भी गांव को राशि नहीं मिली राजधानी के निकट यह हाल है तो बाकी स्थान में क्या होगा।साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से पॉलिसी पैरालिसिस की शिकार है गोबर खरीदनी थी उसकी एक परिणीति है।