मैनपुर क्षेत्र में कीचन शेड में पांच कक्षाएं संचालित हो रही है, बार बार शिकायत फिर भी अफसर बेखबर
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- राजीव गोद ग्राम कुल्हाडीघाट के आश्रित ग्राम कुर्वापानी, मटाल, भालुडिग्गी में खुले आसमान के नीचे आदिवासी कमार बच्चे सुनहरे भविष्य गढ़ने मजबूर
गरियाबंद। एक तरफ राज्य व केन्द्र सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की दम भरते नहीं थक रहे हैं। दुसरी ओर गरियबांद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर के दुरस्थ वनांचल के ग्रामों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था के चलते विशेष पिछडी कमार आदिवासी जनजाति के मासूम बच्चो को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रहा है और बकायदा बच्चे शिक्षा हासिल करने स्कूल तक पहुच रहे हैं लेकिन उन्हे बैठकर पढ़ाई करने के लिए स्कूल भवन भी नसीब नहीं हो पा रहा है। यहां सब स्थिति क्षेत्र के बहु प्रसिध्द ग्राम पंचायत कुल्हाडीघाट जो पूर्व प्रधानमंत्री स्वः राजीव गांधी के गोद ग्राम पंचायत कुल्हाडीघाट के आश्रित ग्रामों में देखने को मिल रहा है और तो और शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों को यह तक मालूम नही है कि बच्चे किस स्थिति में पढ़ाई कर रहे हैं। तहसील मुख्यालय मैनपुर से 16 किलोमीटर दुर भाताडिग्गी जो कमार जनजाति ग्राम है और कुल्हाडीघाट ग्राम पंचायत के आश्रित गांव है। इस गांव में सन् 1997 में प्राथमिक शाला शासन के द्वारा प्रारंभ किया गया है, और स्कूल भवन का भी निर्माण किया गया है। स्कूल भवन बेहद जर्जर हो गया है, स्कूल भवन के छत पुरी तरह से जीर्ण शीर्ण हो चुका है और बडे बडे प्लास्टर टुटकर गिर रहे हैं, जिसके चलते इस भवन स्कूल की कक्षाए संचालन करना किसी खतरे से कम नहीं है। बच्चों की जान की सुरक्षा को देखते हुए मात्र 05 फीट लंबा चौड़ा छोटे से कीचन सेड के अंदर कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक की पांच कक्षाए संचालित किया जा रहा है। भले ही यह सुनकर आश्र्चय होगा लेकिन यह पुरी तरह सत्य है। कीचन सेड के भीतर कुल 18 छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे है और इन्हे पढ़ाने के लिए दो शिक्षक की व्यवस्था किया गया है। यदि पुरे बच्चे एक साथ स्कूल में पढाई करने पहुंचते हैं तो शिक्षक इतने छोटे कमरे के अंदर खडे भी नहीं हो पाते ऐसे में उन्हे बाहर से खडे होकर पढाई करवाना पड़ता है या तो खुले आसमान के नीचे कक्षा संचालित करवाना मजबूरी बन गई है।
प्रधान पाठक पीताम्बर बंछोर ने बताया कि कीचन सेड में स्कूल का संचालन करने में बहुत तकलीफ हो रही है। कई बार इसकी लिखित जानकारी विकासखण्ड शिक्षा कार्यालय मैनपुर में दिया जा चुका है।
गौवरमुंड में स्कूल भवन छत टुटकर गिर रही है जिसके कारण आंगनबाडी में दो वर्षों से स्कूल संचालित
- झोपड़ी के भीतर कुर्वापानी, मटाल और ताराझर में हो रहा है स्कूल का संचालन
कुल्हाड़ीघाट ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम जो पहाड़ी के ऊपर बसा है ग्राम ताराझर, कुर्वापानी, मटाल, भालूडिग्गी यहा शासन द्वारा लगभग 15 से 20 वर्ष पहले प्राथमिक शिक्षा के लिए स्कूल तो खोला गया है लेकिन इन ग्रामो मे पढ़ाई करने वाले छात्र -छात्राओ के लिए भवन का निर्माण आज तक नही किया गया है जिसके कारण खुले आसमान के नीचे विशेष पिछड़ी आदिवासी कमार बच्चे अपने सुनहरे भविष्य गढ़ रहे है।
- बीईओ ने कहा, मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है
इस सबंध में जब विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी चन्द्रशेखर मिश्रा से चर्चा किया गया तो उन्होंने कहा कि वे दो तीन माह पहले आए हैं। मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीीं हैै। संकुल समन्वयकों से जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाउंगा ।