घांस, फूस, झाड़ उग गए यहां भवन खंडहर नहीं बल्की शासकीय पशु औषाधालय कुल्हाडीघाट है – एक साल नहीं खुला ताला
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- शिकायत के बाद जिम्मेदार अफसरों ने ध्यान नहीं दिया
- विशेष पिछड़ी कमार जनजाति ग्राम कुल्हाड़ीघाट पशु औषधालय में नहीं है कोई भी कर्मचारी तैनात
- शेख हसन खान, गरियाबंद
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर दुरस्थ वनांचल क्षेत्रो में सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता को कैसा मिल रहा है, इसे बताने के लिए यह तश्वीर काफी है, मैनपुर से 18 किलोमीटर दुर विशेष पिछड़ी कमार जनजाति ग्राम कुल्हाडीघाट में सरकार द्वारा लाखों रूपये खर्च कर पशु औषाधालय भवन का निर्माण किया गया है और यहा पुरे व्यवस्था भी की गई है, लेकिन यहा विभाग द्वारा कौन पदस्थ है। इसके बारे में यहा के ग्रामीणों को कोई जानकारी नही है क्योंकि पिछले एक वर्ष से यह पशु औषाधालय भवन का ताला खुला ही नहीं है, और तो और अस्पताल भवन गेट के सामने बड़े बड़े घांस, फुस, झाड़ पौधे उग गये है जो यह बताने के लिए काफी है, इस पशु औषाधालय के सामने का गेट भी कोई निकालकर ले गया है।
एक तरफ सभी विभाग के अधिकारियों को अपने अधिनस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने का निर्देश लगातार जिला प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है लेकिन पशुधन विकास विभाग के अफसर कभी इस गांव में पहुंचते ही नहीं तभी तो इसके बारे में विभाग को कोई जानकारी नही है। राज्य सरकार द्वारा इन दिनों ग्राम पंचायतों में मुनादी करवाकर पशुपालकों को अपील किया जा रहा है कि अपने मवेशियों का निःशुल्क टीकाकरण करवाया जाये खुरा चपका की बिमारी मवेशियो में देखने को मिल रहा है लेकिन जब यहा अस्पताल में ही ताला लगा हो तो फिर इसका लाभ पशु पालकों को कैसा मिलेगा। क्षेत्र के लोगो ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर दीपक अग्रवाल से मांग किया है कि, यहा पदस्थ कर्मचारी पर तत्काल कार्यवाही किया जाये और पशु औषाधालय को प्रारंभ किया जाये।