नगबेल, गाजीमुड़ा, भाठापानी, कुचेंगा के सैकड़ों ग्रामीण किसान गरियाबंद कलेक्टर को समस्या बताने निकले पदयात्रा पर
- पंजीयन नहीं होने से किसान मक्का बेचने से वंचित और सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा की समस्या से अवगत करायेंगे कलेक्टर को
- रामकृष्णध्रुव मैनपुर
गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर के दूरस्थ वनांचल ग्राम पंचायत कुचेंगा के आश्रित ग्राम नगबेल, भाठापानी, कुचेंगा, मौहानाला, गाजीमुड़ा, भदरीपारा, भूतबेड़ा, मोंगराडीह के सैकड़ो आदिवासी किसान आज गुरूवार को सुबह 11 बजे मैनपुर शहीद वीर नारायण चैक मे एकत्र हुए और पूजा अर्चना कर मैनपुर से गरियाबंद तक लगभग 47 किमी पदयात्रा प्रारंभ किया है। सैकड़ों आदिवासी एवं किसान अपने क्षेत्र के मूलभूत समस्याओं को लेकर पदयात्रा करते हुए जिला मुख्यालय गरियाबंद के तरफ पैदल जा रहे हैं। और गरियाबंद के जिला कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को अपने समस्याओं से अवगत कराकर समस्या समाधान करने की मांग करेंगें।
पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व जनपद सदस्य सुकचंद ध्रुव ने बताया कि पटवारी हल्का नंबर 8 के द्वारा लापरवाही बरतने के कारण कई किसान पंजीयन से वंचित हो गये हैं और समर्थन मूल्य पर मक्का नही बेच पा रहे है जिससे क्षेत्र के किसानो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कई बार इस समस्या से स्थानीय अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन अबतक कोई कार्यवाही नही हुई और न ही लापरवाह पटवारी के खिलाफ कार्यवाही किया गया जिससे क्षेत्र के किसान बहुत परेशान है। किसानों के पंजीयन कराने की मांग के साथ लापरवाही बरतने वाले पटवारी के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग को लेकर यह पदयात्रा किया जा रहा है। श्री ध्रुव ने आगे बताया साथ ही ग्राम नगबेल, भाठापानी, गरीबा, भूतबेडा, कुचेंगा, गाजीमुड़ा, भदरीपारा में अबतक बिजली नही लगी है बिजली लगाने की मांग सड़क निर्माण की मांग अधूरे स्कूल भवन को पूरा करने के साथ मूलभूत समस्याओं को लेकर यह पदयात्रा किया जा रहा है।
पदयात्रा के दौरान जमकर नारेबाजी कर रहे हैं ग्रामीण
मैनपुर से गरियाबंद तक सैकड़ों क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण किसान पदयात्रा प्रारंभ किये है और जमकर नारेबाजी कर रहे है सुरक्षा के लिहाज से मैनपुर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है इस दौरान प्रमुख रूप से पूर्व जनपद सदस्य सुकचंद ध्रुव, जोहन लाल, बिसाहू राम, नोहर सिंह, मानसिंह, गिरधारी, बुध्दूराम, समूलाल, सुकचंद मरकाम, दसरथ, जानकी बाई, पदमा बाई, नरसिह, हीरालाल, धनसिंह, उदेसिंह, फगनू नेताम, सुकडू राम, सुरेन्द्र सहित सैकड़ो की संख्या में महिला पुरूष इस पदयात्रा में शामिल रहे।