बहुभाषी शिक्षा पर गहन विचार विमर्श
1 min read- बहुभाषी शिक्षा पर राज्य स्तरीय कार्यशाला सँपन्न
- शिखादास। महासमुंद, रायपुर
बहुभाषी शिक्षा पर राज्य स्तरीय कार्यशाला छत्तीसगढ़ भाषा सर्वेक्षण एवं बहुभाषी शिक्षा योजना विमर्श का राज्य स्तरीय कार्यशाला 7 जुलाई से 8 जुलाई तक न्यू सर्किट हाऊस रायपुर में सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला में प्रथम दिवस समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र दुग्गा निदेशक डॉ. धीर झिंगरन, यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जाब जकारिया, शिक्षा विशेषज्ञ सुनीसा आहूजा L.L.F. के डॉ महेंद्र मिश्रा, अतिरिक्त संचालक श्री काबरा जी अतिथि के रूप में संबोधित किए। इस कार्यशाला में विभिन्न जिलों से राज्य स्रोत समूह के सदस्य, डाईट एवं एस. सी. ई. आर.टी. के अधिकारीगण, डी.एम.सी. सम्मिलित हुए प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस माननीय मंत्री महोदय स्कूल शिक्षा विभाग श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम प्रमुख सचिव महोदय, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा का आगमन हुआ। यूनिसेफ के जाब जकारियां एवं श्री टेरी सर जी भी उपस्थित रहे।
महासमुंद जिले से इस कार्यशाला में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बरेकेलखुर्द के प्रधान पाठक अन्तर्यामी प्रधान एवं शा. प्रा. शा. बिजेमाल के सहायक शिक्षक द्रोण साहू ने भी सहभागिता दिया । असाइनमेंट प्रस्तुति अन्तर्यामी प्रधान द्वारा किया गया । मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा पर दो दिवसीय कार्यशाला में राज्य स्तर पर किए गए भाषायी सर्वेक्षण पर गहन चर्चा किया गया एवं कार्यशाला के अंत में राज्य में बहुभाषी शिक्षा लागू करने हेतु योजना निर्माण किया गया । दो दिवसीय कार्यशाला का समापन करते हुए राज्य स्रोत समूह के सदस्य एवं अन्य प्रतिभागी सदस्यों के महत्वपूर्ण विचारों को संग्रहित करते हुए राज्य में बहुभाषी शिक्षा लागू करने हेतु योजना निर्माण का कार्य किया गया। छत्तीसगढ़ पूरे भारत देश में पहला राज्य है जहां भाषायी सर्वेक्षण किया गया है तथा भाषायी विविधता के आधार पर बच्चों की भाषा को कक्षा में स्थान देते हुए बहुभाषी शिक्षा को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला के पूरे सत्र को डॉ धीर झिंगरन ने संबोधित करते हुए चर्चा एवं प्रस्तुति करण किया।