डिवीएल के कर्मचारी की संदेहास्पद मौत
1 min readएमसीएल नेताओ ने हत्या की असंका जताई
लम्बी बहस के बाद निकला शून्य
सरकारी नियमो की धज्जियां उड़ी
झारसुगुड़ा. एमसीएल के इब वेलि एरिया के समलेस्वरी खुली खदान में ओबी हटाने के कार्य मे लगा मध्यप्रदेश की कंपनी डिवीएल के एक कर्मचारी की संदेहास्पद मोत हो गई है। कम्पनी का 34 वर्सिय कर्मचारी की मौत कम्पनी के अधिकारियों द्वारा आत्महत्या बताई जा रही है जबकि कई मजदूर नेताओ का आरोप है कि उसकी मौत आत्महत्या या हत्या कुछ भी हो सकता है .
वही उसे आत्महत्या को मजबूर भी किया जाने का सक उन्होंने जताया प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को डिवीएल कम्पनी का कर्मचारी राकेश कुमार अपने निवास वाले जगह में रस्सी के फंदे पर झुला हुवा बताया जाता है. आननफानन उसे लेकर बेलपहाड़ स्थित टीआरएल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया जिसे देखते हुए पूरे समलेस्वरी खदान का उत्पादन और परिवहन कर्मचारियों तथा नेताओ द्वारा बन्द कर दिया गया और मृतक को उचित मुआवजा के साथ डिवीएल के पदाधिकारियों के ऊपर उचित कार्यवाही की मांग की गई. इस बीच समलेस्वरी परियोजना के परियोजना अधिकारी श्री पी पी गुप्ता के कई बार बुलाने पर डिवीएल के महाप्रबंधक ओमप्रकाश यादव आए जब श्रमिक नेताओ ने उनके ऊपर आरोप की झड़ी लगा दिया तो यादव ने किसी भी प्रकार के नियम तोड़ने से साफ इंकार कर दिया. नेताओ द्वारा आरोप लगाया गया कि जिस श्रमिक की मौत हुई है उसे काफी दिन से बुखार और खांसी थी , मगर उसे डॉक्टर को दिखाया नही गया कुछ लोगो का दावा था कि उसे बुखार के कारण उसके साथ काम करने वाले कर्मचारी उसे कोरोना मरीज मान रहे थे जिसके कारण भी वह आत्महत्या कर लिया जबकि कुछ लोग फंदे में लटकने के समय उसके हाथ बंधे होने के कारण हत्या की असंका भी जताई .
सभी नेताओं ने एक सुर से कोरोना के कारण सरकार द्वारा जारी किया गया सामाजिक दुरता,मुह में मास्क,तथा सैनिटाइजर आदि सुरक्षा उपकरण और उपाय का पालन नही करने का भी आरोप कम्पनी के ऊपर लगाया. इस सबका खण्डन करते हुए डिवीएल के महाप्रबंधक श्री ओमप्रकाश यादव ने सभी आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह गलत है . मृतक का पेट गत दो दिन से दर्द कर रहा था जिसके कारण हमने उसे पहले केंद्रीय चिकित्सालय फिर झारसुगुड़ा के समलेस्वरी नर्सिंग होम फिर टीआरएल में दिखाया था , मगर वह आत्महत्या क्यो किया यह तो हम नही जानते यादव ने आगे कहा कि हम हर सुरक्षा के नियम का पालन करते है जो सरकार द्वारा बनाई गई है. इस मौत से हमारी कम्पनी का कोई भी लेनादेना नही है . इस विसय में जब प्रभातख़बर ने ब्रजराजनगर की आई आई सी श्रीमती नलिता मोदी से पूछा तो उन्होंने कहा कि गत दो दिन पहले ही मृतक जो कि हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी है ने अपने भाई से फोन पर बात की थी उसके पेट मे दर्द के कारण उसे अपना किडनी खराब हो गया लग रहा था. इसलिए सायद उसने आत्महत्या की हो मालूम हो जब सिर्फ दो दिन पहले ही उसे पेट मे दर्द था तो वह अपने भाई को कैसे फोन कर बताया या जाना कि उसकी किडनी खराब हो गई दूसरा जब वह फंदे में झूल रहा था तो उसे बिना पुलिस को या एमसीएल प्रबंधन को जानकारी दिए मृतक को उतार लिया यदि उसे अस्पताल ही ले जाना था तो बेलपहाड़ ही क्यो ले जाया गया जबकि केंद्रीय चिकित्सालय में उससे कही ज्यादा साजोसामान मौजूद होने के साथ साथ नजदीक भी है क्या फंदे में झूलने के समय उसके हाथ पांव बंधे थे और क्या उसे काफी दिनों से बुखार था तो उसकी जांच कोरोना को लेकर हुई थी, यह सब गहन जांच का विसय तो है ही बल्कि इसकी जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से करवाने की भी जरूरत है.
बतादे की समलेस्वरी खदान में कार्यरत कई लोगो से thenewdunia ने बात की करीब करीब सभी ने एक मत से डिवीएल कम्पनी द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित किए गए कोरोना से बचने के कोई भी नियम का पालन नही करना बताया . यही नही इस कम्पनी के केम्प जहां इसके कर्मचारी रहते है में भी नियमो की धज्जियां उड़ाई जाने का आरोप लोगो द्वारा लगाया जा रहा है फिलहाल समाचार लिखे जाने तक कम्पनी द्वारा मृतक को किसी भी प्रकार की मुआवजा नही दी गई थी जिसके कारण उत्पादन ठप्प तो किया ही गया था मगर साम होते होते बाकी कार्य को सुरु कर दिया गया जबकि सिर्फ निजी कम्पनी द्वारा किया जाने वाला सभी काम को नेताओ द्वारा बन्द करवा दिया गया है जिन लोगो ने इस बैठक में भाग लिया था. उसमें एमसीएल के तरफ से परियोजना अधिकारी श्री पी पी गुप्ता,प्रबंधक एन के सिन्हा, कार्मिक प्रबंधक मदन गोपाल,कार्मिक प्रबंधक कार्की टी,अशोक पंडा, रजनीकांत त्रिपाठी,डिवीएल कंपनी के महाप्रबंधक ओमप्रकाश यादव,मजदूर नेताओ में ओपी सिंह,एसएस दास,कुलमनी परिडा, संजय मिश्रा,सुभाष जाली,स्रवन सिंह,मलकीत सिंह के साथ करीब 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे।