आदिवासी मूल धर्म, संस्कृति और साहित्य को बचाना हम सभी की है जिम्मेदारी – तरूण नेताम
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- आदिवासी समाज द्वारा शम्भु जागरण एवं गोंडी साहित्य सम्मेलन में हजारों की संख्या में पहुंचे समाज के लोग
गरियाबंद। आदिवासी समाज द्वारा तहसील मुख्यालय मैनपुर से 08 किमी दूर लोहाखान पहाड़ी पर दो दिवसीय शम्भु जागरण एवं गोंडी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया कार्यक्रम मे मुख्यअतिथि गोडवाना गोड महासभा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण नेताम, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा युवा प्रभाग कंदर्प सीदार, गोड़वाना गोड़ महासभा के महिला प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, पारस उसेंडी राष्ट्रीय सचिव गोंडी भाषा सृजन समिति बस्तर, लाल सिंह पोटाई सदस्य गोंडी भाषा सृजन समिति भानु प्रतापपुर, निर्भय कवाची गोंडी भाषा सृजन समिति बस्तर, सुखलाल मांडवी सदस्य अशोक तेता सामाजिक कार्यकर्ता बस्तर एवं अमात गोड़ समाज के भाठीगढ़ राज अध्यक्ष गुजरात कमलेश, गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के संभागीय अध्यक्ष महेन्द्र नेताम विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ ईष्टदेव बुढ़ादेव की पूजा अर्चना कर किया गया एवं गाजेबाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई रात में शम्भु जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान समाज के युवक युवतियो द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व रेलापाटा का आयोजन किया गया और सुबह जात्रा कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अखिल भारतीय गोड़ महासभा के महासचिव तरुण नेताम ने कहा शम्भु जागरण एवं गोंडी साहित्य सम्मेलन में आज लोगो की भारी भीड़ यह बताने के लिए काफी है कि आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए काफी जागरूक है। उन्होने कहा समाज को बचाना है। मूल धर्म संस्कृति को बचाना है साहित्य को बचाना है तो हमें शिक्षित होना पड़े़गा शिक्षक के स्तर को बढ़ाना पड़े़गा समाज में आर्थिक उन्नति के लिए व्यावसायिक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़़ना होगा। विशेष अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गोंड महासभा युवा प्रभाग कंदर्प सीदार ने धर्मांतरण को लेकर चिंता जाहिर किया गया और कहा आदिवासी अपनी मूल धर्म संस्कृति को छोड़ अन्य रास्ते चल रहे हैं । यह समाज के लिए घातक है इसे रोकना होगा।
- आदिवासी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन बेहद जरूरी – लोकेश्वरी नेताम
आदिवासी महिला प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सभापति श्रीमति लोकेश्वरी नेताम ने कहा संस्कृति ही आदिवासी होने का प्रमाण है जिस दिन हमारी संस्कृति खत्म हो जाएगा उसी दिन आदिवासी संकट में पड़ जायेगा इसलिए आदिवासी संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन बेहद जरूरी है। उन्होने आगे कहा हर घर मे हमारा साहित्य कोया पुनम और भारतीय संविधान की पुस्तक होना चाहिए साथ-साथ इसकी ज्ञान भी होनी चाहिए।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जनपद सदस्य रामसिंह नेताम, आदिवासी विकास परिषद महासचिव नरेन्द्र ध्रुव, धनसिंह नेगी, भुजबल नेताम कुर्सोंराम नेताम, बल्दू कपिल, भोला ओटी, हरी नागेश, दिनेश कमलेश, चैतराम नेताम, रबे सिंह नागेश, देवीसिंह नागेश, रंजीत ध्रुव, रामकृष्ण ध्रुव, रामस्वरूप मरकाम, थंजूलता नेताम, खिलेंद्री परस, पदम नेताम, बैतरीन नेताम, सुभाष मरकाम, रमूला सोरी, रामेश्वर कपिल, भूपसिंह कपिल, लालसिंह, लक्ष्मीदास, गुंजेश कपील, गौकरण नागेश, परमेश्वर मरकाम, सहदेव, दौलत नेताम, बिजेन्द्र नेताम, श्रवण दीवान, सुरेश मरकाम, तिहारु मरकाम, दौलत नेताम, प्रताप, युवराज नेताम, इंद्रजीत नेताम, पवन दीवान, रोहन नेताम, नारायण नेताम, विजेन्द्र नेताम, गोविंद परस, भुजबल नेताम, रामचंद नेताम, दाउ मरकाम, विष्णु मरकाम, उरेसिंह नेताम, झरना, नोमिता, दुर्गा कमलेश एवं सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन धनसिंह नेगी ने किया एवं आभार प्रदर्शन आदिवासी नेता महेन्द्र नेताम ने किया।
- आदिवासी युवक युवतियों द्वारा कचना ध्रुर्वा नाटक व गोंडी धर्म पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम
शम्भु जागरण एवं गोंड़ी साहित्य सम्मेलन दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान आदिवासी समाज के युवक युवती एवं बच्चो द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिन्हे समाज के द्वारा पुरस्कार भी वितरण किया गया।