Recent Posts

October 17, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

देशव्यापी मंदी के दुष्प्रभावों के खिलाफ किसानों को लामबंद करेगी किसान सभा

1 min read
Kisan Sabha will mobilize farmers

रायपुर (छग) ।  छत्तीसगढ़ किसान सभा ने देशव्यापी मंदी का छत्तीसगढ़ के किसानों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाने तथा वामपंथी पार्टियों के संयुक्त आंदोलन के समर्थन में उन्हें लामबंद करने का फैसला किया है ।  आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण तबाह अर्थव्यवस्था की सबसे बुरी मार किसानों पर ही पड़ी है । पिछले दो-ढाई सालों में 4 करोड़ लोगों ने रोजगार गंवाया है । इसके कारण लोगों की जेब में खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं और बाज़ार मांग के अभाव से जूझ रहा है ।

Kisan Sabha will mobilize farmers
किसान सभा नेताओं ने कहा कि इस मंदी से निपटने के लिए ऐसे उपाय करने की जरूरत हैं, जिससे आम जनता की क्रयशक्ति बढ़े । इसके लिए मोदी सरकार को मनरेगा में काम खोलना चाहिए, फसलों को सी-2 लागत फार्मूले की डेढ़ गुना कीमत पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर खरीदना चाहिए, बेरोजगारी भत्ता, वृद्धों व विधवाओं के लिए पेंशन की व्यवस्था करना चाहिए । इस सरकार को देश के सभी किसानों को उन पर चढ़े बैंकिंग और साहूकारी क़र्ज़ से मुक्त करना चाहिए, लेकिन इन क़दमों को उठाने के बजाये यह सरकार पूंजीपतियों को लाखों करोड़ रुपयों के बेल-आउट पैकेज देने में ही मस्त हैं । उन्होंने कहा कि अनियमित वर्षा की मार के कारण प्रदेश के अधिकांश किसानों की फसल चौपट हो गई हैं और बाक़ी कम उत्पादन, अधिक लागत की मार से जूझ रहे हैं । उन्होंने कहा कि भूमिहीनों और आदिवासियों सहित प्रदेश के 37 लाख किसान परिवार सरकारी ऋण योजना के दायरे से बाहर होने के कारण साहूकारी क़र्ज़ के जाल में फंसे हुए हैं । राज्य सरकार द्वारा बैंकिंग क़र्ज़ की माफ़ी की घोषणा के बावजूद बैंकों ने उन्हें क़र्ज़ मुक्ति के प्रमाणपत्र नहीं दिए हैं और वे नए ऋण पाने से वंचित हैं. वनभूमि से आदिवासी भगाए जा रहे हैं, खेती की जमीन छीनी जा रही है, लेकिन कॉर्पोरेटों को धड़ल्ले-से जल-जंगल-जमीन और खनिज सौंपे जा रहे हैं । किसान सभा ने कहा है कि वामपंथी पार्टियों ने किसानों की समस्याओं व उनकी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया है, इसलिए किसान सभा भी मंदी के खिलाफ उनके संघर्ष में किसानों को बड़े पैमाने पर लामबंद करेगी, ताकि जनहितकारी फैसले लेने के लिए मोदी सरकार को बाध्य किया जा सके ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *