“लेटरल इण्ट्री द्वारा संयुक्त सचिव, डाइरेक्टर बना केन्द्र सरकार द्वारा यूपीएससी को निष्प्रभावी करने का किया जा रहा षडयंत्र-लौटनराम निषाद”
1 min read- सेन्सस-2021 में सभी वर्गों की होनी चाहिए जातिवार जनगणना
- सुल्तानपुर।लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत गोपीनाथपुर में समाजवादी चौपाल व जनसंवाद सम्मेलन विधानसभा अध्यक्ष नन्हेराम निषाद प्रधान के संयोजकत्व व भोलानाथ निषाद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया।बतौरा मुख्य अतिथि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ. लौटन निषाद ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को निष्प्रभावी करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि भाजपा ने निषाद समाज के साथ विश्वासघात व वादाखिलाफी किया है।मण्डल विरोधी भाजपा पिछडेवर्ग व दलित वर्ग की हितैषी नहीं हो सकती।कांग्रेस व भाजपा दोनों ओबीसी आरक्षण व सेन्सस की विरोधी हैं। निषाद ने कहा कि केंद्र सरकार बिना प्रतियोगी परीक्षा के सीधे केंद्र सरकार के मंत्रालयों व विभागों में संयुक्तबसचिव व निदेशक लैटरल इंट्री/पार्श्व भर्ती द्वारा बनाये जा रहे हैं। जो यूपीएससी के सम्मान व निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह है। संघ नियंत्रित भाजपा सरकार यूपीएससी को निष्प्रभावी करने के षड़यंत्र में जुटी हुयी है। केन्द्र सरकार पर अनुच्छेद-15( 4) व 16(4) की व्यवस्था को निष्प्रभावी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार संविधान के विरूद्ध काम कर रही है।संविधान, लोकतंत्र व सामाजिक न्याय व संघ लोक सेवा आयोग पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। निषाद ने केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय एवं इसके अधीन महापंजीयक भारत सरकार एवं जनगणना आयुक्त से सेन्सस-2021 की जातिवार जनगणना कराने की मांग करते हुए कहा कि यह कैसी विडम्बना है कि केन्द्र सरकार किन्नरों की जनगणना कराती है लेकिन ओबीसी की जनगणना कराने से पीछे हट जाती है। 2011 की जनगणना में ओबीसी की जनगणना कराने का कांग्रेस नीत सरकार ने संसद के अन्दर वायदा किया था। लेकिन जव जनगणना प्रक्रिया शुरू हुयी तो जनगणना परिपत्र से ओबीसी का कालम हटा दिया गया। 15 जून, 2016 को भारत सरकार ने एससी, एसटी, धार्मिक अल्पसंख्यक ( मुस्लिम ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, यहूदी, रेसलर आदि) के साथ-साथ दिव्यांग व ट्रांस जेण्डर/थर्ड जेण्डर या किन्नर की जनसंख्या घोषित कर दी गयी। लेकिन ओबीसी की जनसंख्या को उजागर नहीं किया गया उन्होंने कहा कि जब किन्नरों की जनगणना हो सकती है तो अगड़ो व पिछड़ों की क्यों नहीं? भाजपा सरकार गाय को आधार कार्ड देने एवं कछुआ, डालफिन, भालू, शेर आदि की जनगणना कराती है तो ओ०बी०सी० को क्यों नहीं? तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2018 में जनगणना विभाग के अधिकारियों की बैठक में ओबीसी की जनगणना कराने का वायदा किये थे। लेकिन सेन्सस-2021 में भी ओबीसी की जनगणना संदिग्ध दिखायी दे रही है।
2022 चुनाव में बनेगी सपा सरकार ,लाल टोपी पर युवाओं ने जताया विश्वास “
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जहाँ प्रदेश सरकार तैयारी में है। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में समाजवादी पार्टी भी लग गई।निश्चित ही 2022 में सपा की सरकार बनेगी।युवाओं ने लाल टोपी पर विश्वास जताया है हम मुकाम हासिल करेंगे।
चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि बसपा , भाजपा को छोड़कर आप लोग सपा में आये हैं सभी नौजवानों का हार्दिक स्वागत है। कहा कि आज देश , प्रदेश संकट के दौर से गुजर रहा है। केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार सारे सरकारी कंपनियों को बेचने पर आमादा है। देश के नौजवान बेरोजगार हो रहे हैं। सरकार के पास कोई भी ऐसी स्कीम नहीं है कि जो नौजवानों को रोजगार दिला सके। केवल बड़े-बड़े विज्ञापनों पर फोटो छपवा कर झूठा प्रचार किया जा रहा है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में अपराध चरम पर है। कहीं भी विकास कार्य नहीं हो रहे हैं।योगीराज में उत्तर प्रदेश में गुंडाराज व जंगलराज कायम हो गया।बहन-बेटियों का राह निकलना सुरक्षित नहीं है।कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है भाजपा सरकार सभी स्तरों पर फेल हो गयी है।
समाजवादी चौपाल को सपा पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मंगला प्रसाद निषाद, सोनू निषाद, सावित्री देवी,रामाशीष गौड़,जितेंद्र निषाद ,बड़ेलाल दुबे,अमरनाथ निषाद,अजय कुमार यादव, समर बहादुर शर्मा,जंगबहादुर गौतम0,राहुल गुप्ता,दिनेश कुमार प्रजापति,देवेंद्र कुमार चमार आदि ने भी सम्बोधित किया।