डेढ़ लाख आबादी वाले आदिवासी विकासखण्ड के मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मात्र तीन डाॅक्टर के भरोसे
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- मैनपुर अस्पताल में 07 डाॅक्टर के पद रिक्त, महिला डाॅक्टर की मांग वर्षों से किया जा रहा है
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में भी डाॅक्टर एवं भवन की कमी के चलते हो रही है परेशानी
गरियाबंद- गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 22 वर्षो पश्चात् भी स्वास्थ सुविधा के नाम पर काफी पीछे है और तो और आज भी दुरस्थ वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाज के लिए ओड़िशा प्रदेश जाने को मजबूर हो रहे है। विकासखण्ड क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शोभा, अमलीपदर में आज तक भवन की भी सुविधा नही मिल पाई है शोभा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भवन निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण आंदोलन तक कर चुके है और अमलीपदर में भवन निर्माण कार्य अब तक अधुरा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शोभा, उरमाल, झरगांव, अमलीपदर में एक -एक डाॅक्टर तैनात किया गया है जबकि यहां और डाॅक्टरो की नियुक्ति किया जाना बहुत जरूरी है क्योकि यह क्षेत्र काफी लंबा चैड़ा है। आदिवासी विकासखंड मैनपुर क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर शुरू से महरूम रहा है, जबकि यह क्षेत्र काफी संवेदनशील क्षेत्र के रूप मे जाना जाता है हर वर्ष यहां बारिश के मौसम मे अनेक जनित रोगो व बिमारियों से लोग पीड़ित रहते है बारिश के सीजन प्रारंभ होते ही उल्टी,दस्त व मलेरिया का यह क्षेत्र गढ़ बन जाता है, पूर्व वर्षो मे मलेरिया उल्टी दस्त जैसे बिमारियो से कई लोगो की जाने जा चुकी है साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था ठीक ठाक रखने की जरूरत है, मिली जानकारी के अनुसार मैनपुर विकासखंड के 177 गांवो के लगभग 1 लाख 50 हजार लोगो के लिए मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे मात्र तीन डाॅक्टर ही पदस्थ है, मैनपुर मे कहने को तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है और यहां 12 डाॅक्टरो के पद स्वीकृत है लेकिन इसमें से मात्र तीन डाॅक्टर ही इस अस्पताल को नसीब हो पाया है।
महिला डाॅक्टर की मांग वर्षो पुरानी है
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर मे महिला डाॅक्टर की मांग लंबे समय से क्षेत्र के जनता करते आ रहे है, महिला डाॅक्टर के अभाव मे महिलांओ को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ता है यहां शिशुरोग विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, व अन्य डाॅक्टरो की कमी वर्षो से बनी हुई है मैनपुर क्षेत्र के लोगो ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से मूलाकात कर मैनपुर में महिला डाॅक्टर पदस्थ करने की मांग कर चुके है जिस पर स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जल्द ही कार्यवाही करने की बात कही गई है।
दर्जनभर से ज्यादा उपस्वास्थ्य केन्द्रों के पास नहीं है स्वयं का भवन, पर्याप्त स्टाफ की भी कमी
गरियाबंद जिले के नये चिकित्सा अधिकारी से काफी उम्मीद
गरियाबंद जिले में अब जिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में डाॅ. के सी उराव के नियुक्ति होने से मैनपुर आदिवासी विकासखण्ड क्षेत्र के लोगो को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं मिलने की उम्मीद जगी है क्योकि जिला चिकित्सा अधिकारी डाॅ. के सी उराव मैनपुर क्षेत्र में लगभग 10 वर्षो तक पूर्व में बीएमओ के रूप में सेवाएं दे चुके है और मैनपुर क्षेत्र के बीहड़ दुरस्थ वनांचल तक पहुंचकर क्षेत्र के समस्याओं को भली भांती जानते है इसलिए इस क्षेत्र के लोगो में जिला चिकत्सा अधिकारी डाॅ. के सी उराव से एक उम्मीद जगी है कि उनके गरियाबंद जिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्ति होने के बाद इस क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेगी।
क्या कहते है बीएमओ
विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ गजेन्द्र ध्रुव ने बताया मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 12 डाॅक्टरो के पद स्वीकृत है जिसमें वर्तमान में 3 डाॅक्टर मैनपुर मे पदस्थ है उन्होने बताया सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रो में एक महिला और एक पुरूष आरएचओ होना चाहिए लेकिन हमारे मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में बहुत कमी बनी हुई है इसके बावजूद भी लगातार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयास जारी है। उन्होंने कहा समय -समय पर यहां की समस्याओं से बैठको में अवगत कराया जाता है।
डाॅ. गजेन्द्र ध्रुव बीएमओ मैनपुर