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November 19, 2024

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वनमंत्री के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला सामने आया

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मैनपुरl जिले में वनमंत्री के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला सामने आया हैl ग्रामीणों ने बताया कि वसूली करने वाले स्वयं को वन मंत्री का रिश्तेदार और नजदीकी बताकर वसूली कर रहे थेl बतादें इंदागांव थाना क्षेत्र के गांव कांडसर के नाराज ग्रामीणों ने आरोपियों की जमकर पिटाई कर जूते-चप्पल की माला पहना आरोपियों को पलिस स्टेशन लेकर पहुंच गएl

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जानकारी के अनुसार कांडसर गांव में आरोपी तेल सिंह तांडिया अपने साथियों के साथ शनिवार की शाम ग्रामीणों के बीच गांव में पहुंचा ,ग्रामीणों के अनुसार मंत्री के नाम पर रकम की मांग की साथ ही नहीं देने पर ग्रामीणों को जमीन से बेदखल करने की धमकी दी, इसके नाराज ग्रामीणों ने तेल सिंह और उसके एक साथी की जमकर पिटाई की, ग्रामीणों की पिटाई देख वहां मौजूद अन्य वसूलीकर्ता वहां से भाग निकले। रविवार की सुबह ग्रामीण दोनों आरोपियों को जूते और चप्पल की माला पहनाकर थाने तक पहुंचाया। जानकारी के अनुसार तेलसिंह फारेस्ट विभाग का पहले से ही भगोडा आरोपी है, जो लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहा है। उस पर तीन साल पहले ग्रामीणों को उकसा कर वनभूमि पर कब्जा कराने का मामला दर्ज है ।
मैनपुर काड्सर के ग्रामीणों को, रूपये नही देने पर फसल का वीडियो मंत्री के बंगले तक भेजने की धमकी दे रहा था वन अपराध का फरार आरोपी तेलसिंह।गुस्सा फूटा रातभर बंधक बना कर रखे फिर आज सुबह पुलिस के हवाले कर दिया।भय दिखा कर उगाही के आरोप फिर से जेल जाना पड़ा तेलसिंह को।
वन अपराध का फरार आरोपी तेलसिंह अभ्यारण्य में अवैध कब्जे के खिलाफ छेड़े गए उच्चस्तरीय अभियान को भुनाने में जुटा हुआ है,आखिरकार आज तेलसिंह का यह कारनामा सबके सामने आ गया।ग्रामीण के मुताबिक शनिवार को तेलसिंह हमेशा की तरह अपने सहयोगी जिसे मोहरे की तरह इस्तेमाल करता है,उसी कमलशाय व भीखराम माँझी के साथ 2 से 3 बजे के बीच गाव में लगे मक्के की फसल को वीडियो बनाया, वीडियो को दिखाते हुए हरिसिंह से 2लाख,तुलाराम से 1 लाख 80 हजार,धनु राम व भीमसेन से 2-2लाख की मांग किया।उसने यह भी कहा कि यह रूपये मंत्री के बंगले तक पहुचेगा ओर तुम्हे कुछ नही होगा।मामले में रविवार को हरिसिंह समेत 50 से भी ज्यादा ग्रामीण इंदागाव थाने पहूँचकर लिखित शिकायत किया ,साथ मे तेलसिंह व कमलशाय को भी लेकर आये थे,
शिकायत की जांच करने एसडीओपी रूपेश डाण्डे पहूँचे थे,5 घन्टे की पड़ताल के बाद ,इंदाग़ाव थाने में तेलसिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 387 के तहत मामला पंजीबद्ध कर देवभोग न्यायलय में पेश किया गया,जंहा से उसे रिमांड में जेल भेज दिया गया।
कार्यवाही का धौंस देता रहा,गुस्सा फूटा तो बंधक बना लिया-
ग्रामीणों ने बताया कि,अपने मोबाइल से किसी शख्स से स्पीकर ऑन कर ग्रामीणों के सामने बात भी किया।बातचीत में तेलसिंह ने मोबाइल पर शख्स से कहा कि आगे और बड़ी कार्यवाही कराना है सर, मैं प्रमाण लेकर आ रहा हूँ।इतना कह कर काट दिया।इस बात चीत से भयभीत ग्रामीणों ने तेलसिंह को शाम को गाव बुलाया।शाम 7 बजे दो मोटरसाइकल में तेलसिंह दोनो सहयोगी के साथ पहूचा।ग्रामीणों ने उन्हें बताने की कोशिश किया कि 100 से ज्यादा लोग अभी जिस जमीन पर मेहनत कर मक्का बोआई किया है उसमें वे 2001 से पहले काबिज है।ज्यादातर लोगों को वन अधिकार का पट्टा मिला हुआ है।तेलसिंह पिछ्ले एक महीने में हुये बड़ी कार्यवाही को गिनाते हुए, छैला में हुए मक्का जप्ती की कार्यवाही को गिनाते हुए कहा कि इसी मोबाइल का कमाल है,अब आगे तुम लोग भी तैयार रहो।इस धमकी के बाद ग्रामीणों में आक्रोश पनपा और तेलसिंह व कमलशाय को बंधक बना लिया।
मक्के के साथ चप्पल का माला पहना जुलूस निकाला- ग्रामीण जयसिंह सुब्रन ने बताया कि उन्होंने शनिवार को रात को ही धमकी व उगाही की सूचना पुलिस को दिया था।चूंकि इलाका सवेदनसिल था,इसलिए पुलिस ने रविवार सुबह आने की सलाह दिया।इस बीच मौके का फायदा उठाकर भीखराम भाग गया।अन्य दोनो भी भागने के फिराक में थे तो ग्रामीणों ने बंधक बना लिया।आज सुबक मक्के के साथ चप्पल का माला पहना कर जुलूस निकलते हुए थाने के सुपुर्द किया।जिसके बाद पुलिस ने अपनी कार्यवाही शुरू किया।
यंहा भी आक्रोश,रूपये मांगने की शिकायत भी-काड्सर से पहले छैला के ग्रामीणों में भी आक्रोश है,तेलसिंह पर ग्रामीणों ने रूपये नही देने के कारण उनके फसल को जप्त कराने का आरोप लगाकर वन मंत्री से लेकर सीएम हाउस तक 5 दिन पहले ज्ञापन सौप चुके है।अक्टूबर माह में ही ओड़िसा के 6 ग्रामीणों ने एक लिखित शिकायत देकर बताया था कि 1 लाख 70हजार रुपये लेने के बावजूद तेलसिंह ने उन्हें वादा के मुताबिक छतीसगढ़ के जंगल मे कब्जा नही दिलाया।जानकारी के मुताबिक 2011 से 2016 के बीच नॉकरी लगाने के नाम पर उगाही करने के आरोप में धमतरी जिले के मेचका व नगरी थाना व गरीयाबन्द थाने में दर्ज मामलों में जेल भेजा गया है।2016 में वन अपराध के तीन मामले में से दो मामले में अभ्यारण्य प्रशासन ने भी तेलसिंह को जेल दाखिला करवाया था।जबकि 2016 के एक मामले में तेलसिंह अभी वन अपराध में फरारी काट रहा है।
विधायक ने सवाल उठाया
किसके दबाव में काम कर रही है प्रशासन-वन अपराध के मामले में फरार चल रहे तेलसिंह के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर विधायक डमरूधर पुजारी आंदोलन की चेतावनी दे चुके थे।आज हुई कार्यवाही को भी उन्होंने आधी अधूरी बताया है।पुजारी ने कहा कि तेलसिंह के अलावा 2 और आरोपी है जिन्होंने ने ग्रामीणों को धमकाया है,ग्रामीण दो आरोपी को पुलिस के सुपुर्द किया था,दो बाइक व मोबाइल भी सौपा था,पर एक के खिलाफ मामला बनाया गया।सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार फरार तेलसिंह व सहयोगी को किसका प्रश्रय मिल रहा है।बोले कि प्रशासन को स्वतत्र हो कर काम करने नही दिया जा रहा।अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है।जिसकी जिम्मेदार सरकार में बैठे लोग हैं।

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