Recent Posts

November 20, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

रांची में फिर से निषादों ने हक के लिए सरकार को ललकारा

1 min read
Nishad again challenged for right in Ranchi

सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर एक दिवसीय दिया धरना
रांची। मंगलवार को झारखंड एसोसिएशन आॅफ फिशरीज सोसाइटी, रांची जिला ईकाई के तत्वावधान में राजभवन स्थित जाकिर हुसैन पार्क के समक्ष एक दिवसीय धरना में फिर एक बार मांगों को लेकर निषादों ने हल्ला बोल दिया। इसके माध्यम झारखंड एसोसिएशन आॅफ फिशरीज सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष चरण केवट ने कहा कि मत्स्य विभाग में इन दिनों गैर मछुआरों एवं विचौलियों के अत्यधिक हावी होने से परंपरागत मल्लाह मछुआरों को अपने अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है।

Nishad again challenged for right in Ranchi

जिनको मछली पालन से दूर- दूर तक कोई नाता नहीं है आज वैसे लोगों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, क्योंकि वैसे लोग मुंह मांगा कमीशन दे रहे हैं। जब हम मल्लाह मछुआरे अपने अधिकारों की मांग करते हैं तो हम अनपढ़ गरीब मछुआरों को नियमों के मकड़जाल में उलझा दिया जा रहा है। गैर मछुआरों एवं विचौलियों से हमारी प्रतियोगिता करवाकर प्रत्येक योजनाओं में हम असहाय मछुआरों को कमीशन देने के लिए बाध्य किया जाता हैं। यहाँ तक कि गैर मछुआरों एवम् मछुआरों के बीच कई योजनाओं में कमीशन की बोली लगवाई जाती है और इस मामले में विचौलिए एवम्  गैर मछुआरे मुंह मांगा कमीशन देकर योजनाओं का लाभ ले रहे। मत्स्य विभाग में आज वैसे लोगों की चांदी कट रही है।

Nishad again challenged for right in Ranchi

अफसर दिन दूना रात चौगुना अकूत धन सम्पति के मालिक बन रहे हैं और जिनके हक का पैसा आज वहीं गरीब मल्लाह मछुआरा दो जून की रोटी के लिए गुलामी की जिंदगी जिने को विवश है। आज हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। मत्स्य निदेशालय के बड़े साहबों से लेकर जिले में बैठा एक अदना चपरासी भी पुरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुका है। हम अन्तत: गरीब मछुआरे महामहिम महोदया से फरियाद करते हैं कि हमारी मांगों को अनसुना ना किया जाए। मत्स्य विभाग में हमे हमारा हक मिले इसके लिए प्रत्येक योजनाओं में स्थानीय परंपरागत मल्लाह मछुआरों को विशेष प्राथमिकता दी जाए।

Nishad again challenged for right in Ranchi

विशेषकर वेद व्यास आवास योजना को मल्लाहों के लिए सुरक्षित किया जाए। जाल, जीरा, फिड, मत्स्य स्पाँन, मत्स्य अंगुलिकायों संबंधित निर्माण कार्य आदि निविदाओं में स्थानीय मछुआरों एवं मत्स्यजीवी सहयोग समितियों की भूमिका सुरक्षित किया जाए। मत्स्य विभाग के अधीन तालाबों को नगर निगम, निगम क्षेत्र में पड़ने वालों तालाबों को समितियों से छिनकर पूंजीपतियों को सौप रहीं है और हमे आर्थिक गुलामी की ओर ढकेल रही है। इस मौके पर प्रदेश महासचिव अजय निषाद, जिला अध्यक्ष सुजीत प्रसाद, लाल बाबू साहनी आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *