फिर सुलगेगी निषाद आरक्षण की आग : डॉ संजय निषाद
1 min read- गोरखपुर
आज दिनांक 9 सितंबर 2020 बृहस्पतिवार निषाद पार्टी के पंजीकृत कार्यालय पादरी बाजार गोरखपुर में एक आवश्यक बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें तय हुआ की फिर सुलगेगी निषाद आरक्षण की आग। भाजपा सरकार और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, सीएम योगी जी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा जी द्वारा किए गए निषाद आरक्षण, मछुआ समुदाय की राजनीतिभागीदारी का वादा ना पूरा किए जाने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी को संबोधित ज्ञापन तथा सदन में आवाज उठाने को और लागू कराने को लेकर के प्रदेश भर के सभी एमपी के आवास का घेराव, धरना, प्रदर्शन करने 11 सितंबर को उतरेगी और 15 सितंबर को सभी जिला अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन निषाद पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी समर्थक हजारों की संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस बात का ज्ञापन देंगे कि देश भर से निषाद पार्टी के कार्यकर्ता 15 सितंबर को जंतर मंतर पर अपनी आवाज को सदन तक पहुंचाने के लिए पहुंचेगे।
उक्त बातें निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जीने कही। और आगे कहां की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण अरुण सिंह जी से सांसद ई. प्रवीण निषाद ने मछुआ आरक्षण के संबंधित सभी दस्तावेजों को दिखाकर समझा लिया है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि जल्द ही मुख्यमंत्री योगी जी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी, राष्ट्रीय महासचिव अरुण जी, गृह मंत्री अमित शाह जी से जल्द मुलाकात का समय मिलेगा जहां सभी समस्याओं के समाधान की बात की जाएगी उससे पहले निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जाएगा कि गांव में कौन-कौन सी समस्याएं हैं जो अधिकारी कर्मचारी उपेक्षित तरीके से इस निर्बल समुदाय को परेशान किए हुए हैं. उन मुद्दों को भी सरकार के समक्ष रखा जाएगा. संवैधानिक अधिकार एवं संरक्षण से वंचित होने के कारण विकास की मुख्य धारा से पिछड़ गया है और जल्द लागू कराया जाएगा।
1857की आजादी की लड़ाई को याद करते हुए मछुआ समुदाय राजनैतिक आजादी के लिए मछुआ अनुसूचित जाति आरक्षण के वादे को याद दिलाने के लिए 11 से भाजपा को संसद आवास और 15 को जिलाधिकारी अंत में 25 को जंतर मंतर पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर बताया जाएगा कि प्रदेश के मछुआ समुदाय संविधान की अनुसूचित जाति में अंकित मझवार गोड, तुरैया, खरवार, बेलदार, खरोट, कोली की पर्यायवाची जातियां जून 1992 से पहले अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र मिलता था निषाद केवट मल्लाह बिंद माझी कश्यप धीमर रैकवार बाथम आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण मिले! जैसे चमार की पर्यायवाची जाति को मिलता है! धोबी की पर्यायवाची जाति को मिलता है! मछुआ समुदाय को गलती से पिछड़ी जाति की सूची में सूचीबद्ध होने के नाते इन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है! 1961 सेंसस मैनुअल राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित मछुआ समुदाय की सभी अनुसूचित जाति को दर्जा प्राप्त कराए जाएं! जिन्हें अंग्रेजों ने कानून बनाकर उजाड़ा था! भाजपा मछुआ आरक्षण को लागू करा कर उपेक्षित समुदाय को हिस्सा दिलाने के अवसर प्राप्त कराएं! निषाद पार्टी के समर्थक कार्यकर्ता उन्हें याद दिलाएंगे की जिस प्रकार से हम लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर सरकार बनवाए थे वह हमारे आरक्षण को लागू कराएं! निषाद पार्टी ने निर्णय लिया है कि सभी एमपी को ज्ञापन देंगे ताकि केंद्र के होम मिनिस्टरी से दूसरी जाति को जैसे मिलता था अब निषादों को मिले! जिन्हें अंग्रेजों ने उजाड़ा था! उन्हें हिस्सा देकर बसाया जाए! मछुआ समुदाय सहृदय स्वाभिमानी रहा है! सबका साथ सबका विकास भाजपा ने वादा किया था वह पूरा करें! यह धोखा खाया हुआ समाज है, अब जाग गया है! अब जो धोखा देगा वह धोखा खाएगा! आरक्षण हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है इसे हम लेकर रहेंगे!