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October 16, 2024

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अब क्षेत्र की जंगल में इंडियन कमीलियन झुलन टेटका नहीं आती नजर

  • अंध विश्वास के चलते लगातार इसकी संख्या हो रही है कम
  • रामकृष्ण ध्रुव मैनपुर

इंडियन कमीलियन जिसे क्षेत्रीय बोलचाल के भाषा में ग्रामीण झुलन टेटका कहते है. यह गिरगिट जंगल में खासकर बारिश के इन दिनो में आसानी से कुछ वर्ष पहले तक काफी तादात में दिखाई देते थे और इस गिरगिट की खासयत यह कि अन्य गिरगिटों की अपेक्षा यह बहुत ही आराम से और शांन के साथ हिल हिलकर धीरे चलने वाला प्राणी है. लेकिन एक अंन्धविश्वास से जुडी कहानी के चलते लगातार इसकों मार डालने से अब इसकी संख्या कम या तो विलुप्त की कगार पर पहुच गया है.

ग्रामीण सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कार्य में जा रहा है और रास्तों में झुलन टेटका नजर आ गया तो उसे मारकर विधि विधान के साथ दफनाया जाता है, तब कही जाकर वह व्यक्ति अपना कार्य में आगे जाता है यदि ऐसा नही करने पर उनके कार्य में विघ्न बाधा उत्पन्न होती है ऐसा अंध विश्वास लोगो में बना हुआ है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रो में अब इस गिरगिट की संख्या काफी कम हो गई है.

मैनपुर क्षेत्र में दुर्लभ वन्यप्राणियों को बचाने और उनके संरक्षण संवर्धन के कार्य में लगे नोवा नेचर वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष एम. सुरज कुमार ने बताया मैनपुर क्षेत्र में कुछ वर्ष पहले तक भारी संख्या में यह गिरगिट दिखाई देता था लेकिन ग्रामीणो के द्वारा बताया गए अंध विश्वास युक्त कहानी के चलते अब इसकी संख्या तेजी से कम होने लगी है. उन्होने बताया हमारे संस्था द्वारा गांव में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगो को वन्यप्राणियों के बारे में जानकारी दिया जा रहा है साथ ही उन्हे बताया जा रहा है, कि यह प्राकृतिक का सबसे बडा उपहार है और एक मुख्य अंग है

इसे भी बचाए रखना जरूरी है कोई भी वन्य जीव अशुभ नही होता, उन्होने बताया अन्य कीट पंतगो को खाकर उनकी संख्या कम करता है जो हमारे अनाज को चट कर जाते है इनकी दोनो आंखे एक ही समय में अलग अलग दिशा में देख सकते है, जिससे वे शिकारियों से बच सके उन्होने बताया यह काफी दुर्लभ जीवों में माना जाता है ।

क्या कहते है नगर के पुरोहित

इस सबंध में चर्चा करने पर दुर्गा मंदिर मैनपुर के पुरोहित पंडित योगेश शर्मा ने बताया सभी वन्य जीव वन्य प्राणी भगवान का उपहार है और अंध विश्वास के चलते इसे नही मारना चाहिए प्राकृतिक के संतुलन के लिए यह बहुत जरूरी है, कोई भी जीव अशुभ नही होता ।

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