माघ पूर्णिमा पर पैरी उदगम स्थल भाठीगढ़ में लगेगा मेला, देवी -देवताओं से आशीर्वाद लेने उमड़ेंगे श्रद्धालु
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- माघ पूर्णिमा मेला को लेकर पूरी तैयारियां पूर्ण आज देर रात से पुन्नी स्नान करने पहुंचेंगे दूर -दूर से लोग
- माता की पायल टुटकर जिस स्थान गिरा पहाड़ी के ऊपर पैरी नदी का हुआ उदगम
- 52 ग्रामों के प्रमुख आस्था का केन्द्र भाठीगढ की माता सभी का मनोकामना करता है पूर्ण
- जमीन सतह से लगभग 01 हजार फीट पहाडी के बडे चट्टानों से निकल रहा है लगातार पानी की धार
मैनपुर – गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल पैरी उद्गम भाठीगढ़ में माघी पून्नी मेला को लेकर व्यापक तैयारियां किया जा रहा है प्रतिवर्ष परंपरा अनुसार यहां माघी पून्नी पर मेला का आयोजन किया जाता है। यह मेला पहाड़ी के नीचे लगता है जहां प्रदेश के कोने -कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते है। माघी पून्नी पर स्नान करने आज शनिवार देर रात से क्षेत्र भर के लोगो का भाठीगढ़ आना प्रारंभ हो जायेगा जो सुबह ब्रम्ह मुहुर्त में पुन्नी स्नान कर प्राकृतिक शिवमंदिर एवं पहाड़ी के ऊपर स्थित पैरी उद्गम स्थल में पहंुचकर पूजा अर्चना करेंगे। भाठीगढ़ पैरी उद्गम स्थल पहाड़ी के नीचे परंपरा अनुसार माघी पून्नी रविवार को मेला का आयोजन किया जायेगा। इस दिन प्रदेश के कोने -कोने से हजारो की संख्या में लोग यहां पहुंचते है और पूजा अर्चना करते हैं। मेला में शामिल होते है इस दिन पूरे पहाड़ी क्षेत्र में हजारो की संख्या में लोग चढ़कर माता पैरी मंदिर तक पूजा अर्चना करते है और यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है।
माघी पून्नी को लेकर मैनपुर भाठीगढ़ क्षेत्र में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। माघी पून्नी मेला पर देवी -देवताओं की पूजा अर्चना कर शोभायात्रा भी निकाली जायेगी जहां गढ़ भर के देवी -देवताओं से आशीर्वाद लेने श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं।
तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 03 किमी की दूरी पर स्थित पैरी उद्गम स्थल भाठीगढ़ है यहां घने जंगल व कई मनोरम दृश्य के साथ विशाल पहाड़ी है और इस पहाड़ी से पैरी नदी का जन्म हुआ है, जमीन सतह से लगभग एक हजार फीट की उंचाई पहाड़ी के उपर बड़े बड़े चट्टानो के बीच से पैरी नदी का उद्गम स्थल है जहां मंदिर का निर्माण किया गया है और इस उद्गम स्थल मे जल कुंड बना हुआ है जहां से लगातार बारहो माह पानी की धार बहती रहती है जिसे पैरी उद्गम स्थल के रूप मे जानते है और यह पैरी उद्गम से बहने वाली पानी की धार त्रिवेणी संगम राजिम मे मिलती है माता पैरी के मंदिर में सच्चे मन से जो भी मुरादे, मन्नते मांगी जाती है। उसे मां अवश्य रूप से पूरा करती है इसलिये प्रदेश भर से बड़ी संख्या मे श्रध्दालुओ की भीड़ खासकर माघी पून्नी के अवसर पर यहां पहुंचकर पहाड़ी मे चढ़कर माता से मन्नते मांगते हैं। भाठीगढ़ पैरी उद्गम मे मां बम्हनीन, मां दंतेश्वरी, मां भाठीगढीन, मां पहाडी वाली, मां कालाकुवंर, पाठदेवी सहित प्राकृतिक शिवलिंग का मंदिर है जहां हमेशा लोगो की भीड़ पूजा अर्चना करने उमड़ पड़ती है, इस संबंध मे चर्चा करने पर पैरी विकास समिति के अध्यक्ष हेमसिंग नेगी, आशाराम यादव, नकछेड़ा राम धुर्वा, जयराम चक्रधारी, पुरोहित राजेन्द्र प्रसाद, हरिश्चन्द्र नेगी, भागीरथी धु्रर्वा, डाकेश्वर नेगी, सरपंच जिलेन्द्र नेगी ने पैरी उदगम के संबध में चर्चा करने पर बताया कि माता पार्वती के पैरी की पायल जंहा पर टुटकर गिरा उस पत्थर से पैरी नदी का जन्म हुआ है। जमीन सतह से लगभग 1000 फीट की उंचाई पहाडी के उपर बडे पत्थरो के बीच से लगातार पानी के धार निकल रही है साथ ही वंहा तक पहुचने के लिए सीढियो का भी निर्माण किया जा चुका है जंहा भक्तगण आसानी से पहुंचते है और पुजा अर्चना करते है क्षेत्र के लोगो की मान्यता है यहा जो भी सच्चे मन से मांता से मनोकामना मांगी जाती है, उसे माता अवश्य पुरा करती है।
- 52 ग्रामों के प्रमुखगढ के रूप में जाना जाता है पैरी उदगम स्थल
पैरी उदगम स्थल भाठीगढ को 52 ग्रामो के प्रमुख गढ के रूप में जाना जाता है, यंहा भाठीगढ़ पैरी उद्गम मे मां बम्हनीन, मां दंतेश्वरी, मां भाठीगढीन, मां पहाडी वाली, मां कालाकुवंर, पाठदेवी की मंदिर है, और यहा भाठीगढ राजभर के प्रमुख देवी माताओं में से है। भाठीगढ राज मे जंहा भी कोई भी धार्मिक कार्यक्रम या मडाई मेला का आयोजन किया जाता है तो भाठीगढ के इन प्रमुख देवी देवताओ को अवश्य रूप से आमंत्रित किया जाता है, पुरे क्षेत्र के 52 ग्रामो के लोगों के प्रमुख आस्था का केन्द्र भाठीगढ को माना जाता है और यहा सभी धर्मो के लोग पहुंचते है। और सभी की मुरादे माता पुरा करती है राजा रजवाडे जमाने से यहा देवी देवताओं की विशेष पुजा अर्चना किया जा रहा है।
- पैरी उद्गम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग
क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल पैरी उद्गम को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग लंबे समय क्षेत्र की जनता कर रहे है यहां दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, विश्राम गृह, मिनी गाॅडन व अन्य सुविधा उपलब्ध करा कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना आवश्यक हो चला है। यहां पहुंचने वाले श्रध्दालुओ के लिए ठंडा पेयजल फ्रिजर व अन्य सुविधाए उपलब्ध कराई जानी चाहिए साथ ही पैरी मंदिर तक सिढियो के दोनों ओर रेलिंग की भी व्यवस्था किया जाना चाहिए पूर्व में कंागे्रस के तत्कालीन विधायक ओंकार शाह के द्वारा यहा पर सामुदायिक भवन का निर्माण करवाया गया है। ज्ञात हो कि भाठीगढ़ पहाड़ी क्षेत्र मे आज से लगभग तीन दशक पहले एक शेरनी मायावती एवं उसके शावक राजा को पिंजरे मे कैद कर वन विभाग द्वारा नंदन वन रायपुर भेजा गया था तो इसी पहाड़ी मे अति दूर्लभ प्रजाती के काला शेर भी वन विभाग ने पिंजरे मे कैद किया था बताया जाता है। भाठीगढ़ पहाड़ी क्षेत्र मे दूर्लभ प्रजाती के वन्यप्राणी भालू, चीता, हिरण, सांभर समय समय पर दिखाई देता है।