Recent Posts

December 24, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर सायबर सेल की स्पेशल डेस्क ने महासमुन्द जिले में गुम हुये लगभग 200 मोबाइल फोन को किया बरामद

1 min read
  • महासमुन्द पुलिस ने गुम 200 मोबाईल फोन बरामद कर आमजनों को दी सौगात
  • गुम मोबाईल फोन की कीमत लगभग 50,00,000/- (पचास लाख) रूपये
  • दीगर प्रान्त से भी लोगो से संपर्क कर कुरियर के माध्यम से मंगाया गया मोबाईल फोन 
  • शिखा दास, महासमुंद

महासमुन्द। जिले के सभी थाना क्षेत्रों में आमजनों लोगों के मोबाईल फोन फोन गुम/चोरी हो गये थे बहुत से लोग ऐसे थे जो मोबाईल फोन में सुरक्षित डाटा/मोबाईल फोन कॉन्टेक्ट नं0 के कारण लोग मोबाईल फोन की कीमत पर न जाकर उसमें सुरक्षित डाटा/कॉन्टेक्ट नं0 के कारण मोबाईल फोन को पुनः प्राप्त करना चाहते थे। हम में से प्रत्येक व्यक्ति का वर्तमान स्थिति में मोबाईल फोन फोन जीवन का अभिन्न अंग बन चुका हैै हम अपने मोबाईल फोन में ऐसे जानकारियॉं सुरक्षित रखते है जिसका दिन प्रति दिन एवं भविष्य उपयोंग में आने की पूर्ण संम्भावना रहती है चाहे व्यापार वर्ग से जुडे हुये हो, प्राईवेट सेक्टरों में काम करने वाले हो, या सरकारी संस्थानों में काम करने वाले हो या शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में मोबाईल फोन के गुम हो जाने पर अपने जरूरतों के हिसाब से उसे पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर श्री शेख आरिफ हुसैन (IPS) के मार्गदर्शन पर एवं पुलिस अधीक्षक महासमुन्द, श्री धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के निर्देशन पर लोगों को मोबाईल फोन गुम हो जाने की थानों में तथा पुलिस अधीक्षक महासमुन्द कार्यालय में आकर सूचना या रिपोर्ट करने में आने वाली कठिनाईयों को देखते हुये महासमुन्द जिला में स्थित सायबर सेल में गुम मोबाईल फोन को ढूंढने के लिए एक स्पेशल सायबर डेस्क का गठन कर गुम मोबाईल फोनों को बरामद करने हेतु निर्देशित किया गया।

महासमुन्द जिले के थाना क्षेत्रों में चोरी/गुम हुये मोबाईल फोनों की जानकारी प्राप्त करें और उन्हें बरामद करें। सायबर सेल के स्पेशल सायबर डेस्क ने अथक प्रयास से थाना क्षेत्रों में चोरी/गुम हुये लगभग 200 मोबाईल फोनों को बरामद किया है। जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 50,00,000/- (पचास लाख) रूपये है सायबर सेल के सायबर डेस्क ने चोरी/गुम हुये मोबाईल फोनों को आधुनिक तकनिकीकरण के माध्यम से मोबाईल फोन के डेटा को जब स्केन किया तो कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने बताया कि मोबाईल फोन को गिरा हुआ, पडा हुआ, पाया है या अमुक व्यक्ति सेे खरीदा है सायबर डेस्क ने उन लोगों को चिन्हांकित किया जो भूलवश या जानकारी के अभाव में कही पर गिरे हुये या रखें हुये मोबाईल फोनों को प्राप्त कर लिया है सायबर सेल की स्पेशल डेस्क ऐसे लोगों से मिली और उन्हें समझाया और बताया कि वास्तव में किसी जगह पर मिले वे मोबाईल फोनों के साथ क्या किया जाना चाहिये उन्हे समझाया कि आपकों किसी स्थान पर अगर कोई मोबाईल फोन लावारिस हालत में मिलता है तो उनका कर्तव्य बनता है कि उसकी सूचना निकटम थानें में देते हुए उस लवारिस मोबाईल फोन को निकटतम थानें में सौप दे।

सायबर सेल के स्पेशल डेस्क को कुछ मोबाईल फोन धारक ऐसा भी मिले जो उक्त मोबाईल फोन को ओडिशा, बिहार, मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश राज्य में चलना पाया सायबर सेल स्पेशल डेस्क ने उस मोबाईल फोन चलाने वालें व्यक्ति से संपर्क किया तो उसने बताया कि वह मोबाईल फोन उसे लवारिस हालत में मिला था सायबर सेल ने उसे कानून की प्रक्रिया की विधिवत जानकारी दी और बताया कि लवारिस हालत में मिले मोबाईल फोन का उपयोंग करना भी एक अपराध की श्रेणी में आता है। कुछ व्यक्तियों नेे बताया कि अज्ञानता एवं भुलवश उसने इस मोबाईल फोन का उपयोग किया है और उसके पश्चात् मोबाईल धारकों से कुरियर के माध्यम से ओडिशा, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश राज्य से साईबर सेल महासमुन्द छत्तीसगढ मोबाईल फोन को मगाया गया है। इसी प्रकार छत्तीसगढ के राजनांदगांव, बलौदा बाजार, रायगढ, बिलासपुर, कवर्धा, गरियाबंद, रायपुर, महासमुन्द आदि स्थानों से भी मोबाईल फोनों को बरामद किया गया है।

यह सम्पूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के मार्गदर्शन में अति0 पुलिस अधीक्षक श्री आकाश राव एवं अनु0अधिकारी (पु) महासमुन्द श्रीमती मंजूलता बाज के निर्देशन में सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक नसीम उद्दीन खान, सउनि प्रकाश नंद, मिनेश ध्रुव आर0 रवि यादव, चम्पलेश ठाकुर, अजय जांगडे, शुभम पाण्डेय, विकास चन्द्राकर, अभिषेक राजपूत, देव कोसरिया, दिनेश साहू, संदीप भोई, श्रीनाथ प्रधान, हेमन्त नायक, कामता आवडे, विजय जांगडे, छत्रपाल सिन्हा, सौरभ तोमर, मुकेश चन्द्राकर, विरेन्द्र नेताम, लाला राम कुर्रे द्वारा की गई है।