राजिम माघी-पुन्नी मेला आयोजन के संबंध में केन्द्रीय समिति की बैठक मेला को जनभावनाओं के अनुरूप और बेहतर बनाया जाएगा -श्री ताम्रध्वज साहू
1 min read
छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम होंगे आकर्षक के केंद्र
सभी तैयारियां अविलंब प्रारंभ करने के निर्देश
प्रमुख रूप से स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जायेगा
पर्यावरण को बिना नुकसान पहुचाये मेला का आयोजन होगा
राजिम– गृह, जेल, धार्मिक न्यास, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने आज त्रिवेणी संगम राजिम में माघी पुन्नी मेला की तैयारियों के संबंध में सांस्कृतिक भवन राजिम में अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आमजनता के साथ बैठक की। उनके साथ खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, वन मंत्री मोहम्मद अकबर ,विधायक अभनपुर श्री धनेन्द्र साहू , राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल ,बिन्द्रानवागढ़ विधायक श्री डमरूधर पुजारी एवं केंद्रीय समिति के सदस्यगण मौजूद थे । बैठक को सम्बोधित करते हुए धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि 9 फरवरी से 21 फरवरी तक राजिम माघी पुन्नी मेले का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले के स्वरूप में बेहतर परिवर्तन के साथ ही धार्मिक भावना के अनुसार मेले का आयोजन किया जाएगा।
श्री साहू ने कहा कि नदियों में प्रदूषण न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा । इस बार भी नदी के अन्दर मुरूम की सड़क नहीं बनेगी। दर्शनार्थी पद यात्रा कर कुलेश्वर महादेव का दर्शन करने जायेंगे। जरूरत के अनुसार नदी की रेत को दोनो ओर से खींच कर सड़क बनाया जाएगा। पर्यावरण का नुकसान न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाएगा। मेले में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अलग अलग मंच बनाए जाएगें। इन मंचों में नाचा, पंडवानी, भरथरी , राउत नाचा, पंथी जैसे छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम होंगे। सांस्कृतिक मंचों में प्रवचन के लिए इस बार प्रदेश के प्रबुद्धजनों को पर्याप्त समय दिया जायेगा। इसी प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रदर्शन के लिए प्रमुख रूप से स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जायेगा। मेले के दौरान कबड्डी, फुगड़ी, जलेबी दौड़ और स्थानीय खेलों जैसे भौरा, गेड़ी का भी आयोजन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के मेला, महोत्सव,प्रमुख पर्यटन स्थलों और संस्कृति के सरक्षण तथा लुप्त हो रहे संस्कृति को संजोने का प्रयास भी किया जाएगा और उनका मॉडल बनाया जाएगा । इस दौरान संस्कृति मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने जनप्रतिनिधियों एवं आमजन से आयोजन के संबंध में सुझाव लिये। लोगों के सुझाव पर पाॅलीथिन के प्रतिबंध, राजीव लोचन एवं कुलेश्वर महादेव मंदिर की साथ-सफाई, पुलिस सेवा को बेहतर बनाने, रामायण के आयोजन आदि अन्य कई सुझावों पर अपनी सहमति दी।
इस अवसर पर खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि लोकभावना के अनुरूप राजिम माघी-पुन्नी मेले अत्यंत महत्वपूर्ण है, इस मेले में वर्षो से काफी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस आयोजन में स्थानीय कलाकारों को विशेष महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा संस्कृति मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के प्रस्ताव पर मेले का मूल स्वरूप फिर से वापस आ सका। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मेले के आयोजन में कोई कसर नही छोड़ी जाएगी। इसे गरिमा के अनुरूप आयोजित किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम माघी पुन्नी मेले के सफल आयोजन के लिए की जा रही तैयारी की विभागवार समीक्षा की। पीने के लिए स्वस्छ पानी की व्यवस्था , शौचालय, पार्किंग, 24 घण्टे बिजली, सड़कों की मरम्मत की जाएगी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का किसी भी प्रकार का चालान पुलिस द्वारा नही काटा जाएगा । वहीं कुलेश्वर महादेव के दर्शन के लिए कम से कम समय लगे इसकी समुचित ब्यवस्था की जाएगी ।मेले की व्यवस्था में शासन की ओर से कोई कमी नहीं होगी। कोई भी उचित मांग आएगी, उसे पूरा किया जायेगा। अभनुपर विधायक श्री धनेन्द्र साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजिम छत्तीसगढ़ का प्रमुख तीर्थ स्थान और भगवान राजीव लोचन तथा कुलेश्वर महादेव की पवित्र भूमि है। उन्होंने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों को बिना व्यवधान पहुंचाये मेले का आयोजन करना शासन का दायित्व है। मेले के दौरान नवापारा और राजिम को को जोड़ने वाली पुरानी पुल को खोलने का सुझाव दिया ।दाल भात केंद्र का आबंटन पहले ही हो जाये और अलग अलग स्थान पर लगाया जाए ।
राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल ने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार जनता की धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए भव्य रूप से राजिम मेले का आयोजन किया जाएगा। बिना आडम्बर के जन भावना और छत्तीसगढ़ की संस्कृति के अनुसार राजिम मेला का आयोजन होगा। मेला के दौरान मांस व शराब बंदी भी किये जाने का सुझाव उनके द्वारा दिया गया।बैठक में पूर्व विधायक श्री संतोष उपाध्याय, नगर पंचायत राजिम के अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर, नवापारा के अध्यक्ष श्री धनराज मध्यानी ,स्थानीय जनप्रतिनिधि, रायपुर संभाग के कमिश्नर एवं मेला अधिकारी श्री जी.आर. चुरेन्द्र, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत ,गरियाबंद कलेक्टर श्री श्याम धावड़े, महासमुन्द कलेक्टर श्री सुनील जैन, पुलिस अधीक्षक गरियाबंद श्री एम.आर. आहिरे, पुलिस अधीक्षक धमतरी ,गरियाबंद के वन मण्डलाधिकारी श्री मंयक अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ रायपुर श्री विनीत नंदनवार, गरियाबंद श्री विनय लंगेह और विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं केन्द्रीय समिति के सदस्य और नागरिकगण उपस्थित थे।