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October 17, 2024

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सोनभद्र नरसंहार मामले को लेकर उबाल, सपाइयों को पुलिस ने रोका

Sonbhadra massacre case, booze over, police stopped the SP

प्रदेश में ला एंड आडर की स्थिति काफी खराब – बिंद
सोनभद्र। विगत दिनों सोनभद्र में हुए नरसंहार को लेकर राजनीतिक पार्टियों में उबाल है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को कार्यकर्ताओं के साथ इस नरसंहार में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने सोनभद्र जा रहे थे। इसी सिलसिले में भदोही समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आरिफ सिद्दिकी व मिर्जापुर लोकसभा सपा के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र एस बिन्द को पुलिस ने कार्यकर्ताओं के जुलूस को सोनभद्र पुलिस ने कर्मा थाने के पास आगे बढ़ने से रोक दिया। कार्यकर्ता दिनभर वहीं डटे रहे।

Sonbhadra massacre case, booze over, police stopped the SP

ज्ञात को कि सोनभद्र के घोरावल कोतवाली अंतर्गत उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर पिछले दिनों हुए नरसंहार में 10 लोगों की मौत हो गई है। इसके विरोध में तथा आदिवासियों के प्रति सहानुभूति जताने के लिए शांतिपूर्वक सोनभद्र जा रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के जुलूस को सोनभद्र पुलिस ने कर्मा थाने के पास आगे बढ़ने से रोक दिया।

इस अवसर पर सोनभद्र नरसंहार की आलोचना करते हुए मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी व बिन्द समाज कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र एस बिन्द ने संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश में ला एंड आडर की स्थिति काफी खराब है। प्रदेश में हर रोज कहीं न कहीं अपराध की घटनाएं हो रही हैं लेकिन योगी जी इन आपराधिक घटनाओं को रोकने के बजाए इनके लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। प्रदेश में जबसे यह सरकार आई है न तो अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और न तो महिला ही। प्रदेश में महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।

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मांब लिंचिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी है और प्रदेश की योगी सरकार इन घटनाओं को रोकने की बजाय केवल बयानबाजी कर रही है। सोनभद्र की घटना पुलिस की नाकामी का बड़ा उदाहरण है। प्रशासन को इस तरह की वारदात हो सकती है की जानकारी होने के बावजूद सोनभद्र की पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि सोनभद्र में जिस तरह से दलितों का कत्लेआम किया गया वह सरकार की न केवल नाकामी को बताता है बल्कि इस बात का भी संकेत है कि इस सरकार के आने के बाद से दलितों और पिछड़ों के खिलाफ सवर्ण लोगों द्वारा किए जाने वाले अत्याचार बढ़ गए हैं।

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