शिक्षक दिवस पर विशेष: समाज व राष्ट्र के विकास में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान
शेख हसन खान, गरियाबंद
एक शिक्षक भावानात्मक रूप से अपने हर विद्यार्थी से जुडा होता है
मैनपुर। बचपन से लेकर जीवन भर सफलता पाने हर किसी के पिछे शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है आज 05 सितम्बर को राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को पुरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के सबंध में क्षेत्र के कुछ शिक्षकों से चर्चा किया गया तो उन्होंने ने बताया सेवा निवृत्त हो चुके शिक्षक धनसाय सोनवानी ने कहा कि एक शिक्षक का कर्तव्य केवल स्कूल व कालेज के दिवारो के अंदर ही नहीं रह जाता है। एक शिक्षक भावानात्मक रूप से अपने हर विद्यार्थी से जुडा होता है और वह हर विद्यार्थी को बराबर ज्ञान देता है उन्होने कहा जब उनके पढाये छात्र पढ लिखकर बडे पदो मे पहुच जाते है और जब वे अपने गुरूजनो से मिलते है तो उन्हे जीवन की सबसे बडे खुशी मिलती है।श्री सोनवानी ने कहा उनके द्वारा पढाये गये छात्र आज क्षेत्र में राजनिति ,सामाजिक व अन्य क्षेत्रों में बडे बडे मुकाम पर है।
नवीन शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य ब्रजकिशोर प्रसाद ने कहा कि पहले और अब बहुत अंतर देखने को मिलता है पहले छात्रों मे शिक्षको के प्रति बहुत ज्यादा आदर और सम्मान होता था लेकिन अब अंतर आ गई है। गुरू शिष्य की परम्परा लगभग औपचारिकता हो गई है लेकिन आज भी कई छात्र अपने शिक्षको का खुब सम्मान करते हैं। उन्होने कहा अब शिक्षक बच्चो को पहले की तरह न तो डाट् सकते है और न ही फटकार सकते है जबकि बच्चे कच्चे घडे की तरह है इसलिए गुरू शिष्य की परम्परा कम हो रही है।
शिक्षक यशवंत बघेल ने कहा शिक्षा विकास की ऋण है गरीब परिवार में भी जन्म लिया व्यक्ति शिक्षित होकर उचे पदो पर पर आसीन होता है। वह अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर समाज मे आगे बढता है इसका मूल आधार शिक्षा और एक बेहतर शिक्षक होता है जिसके मार्ग दर्शन में पढाई कर छात्र यहा उचा मुकाम हासिल करता है ।
कन्या हाईस्कूल मैनपुर के शिक्षिका कंचनबाला रामटेके ने कहा जिस प्रकार कुम्हार अपनी मेहनत से मिटटी को सुन्दर आकार देता है उसी प्रकार शिक्षक अपने शिक्षा से छात्रो के जीवन को बेतहर आकार देते है। शिक्षा विकास का मूल मंत्र है शिक्षित व्यक्ति गांव समाज, देश का विकास करता है।
शिक्षक गोविंद पटेल ने कहा कि शिक्षक समाज का दर्पण है आज भी गांव , शहरों समाज में शिक्षकों को बहुत सम्मान दिया जाता है इसलिए शिक्षको को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हूए समाज में योगदान देने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षक दिवस पर सभी को बधाई दी है और कहा देश के राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है यहा गुरू शिष्य में सम्मान की परम्परा प्राचीनकाल से है और आगे भी रहेगी।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आर.आर. सिंह ने कहा डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने केवल भारत के राष्ट्रपति ही नही बल्कि एक महान शिक्षक भी थे छात्रों के व्यक्त्वि को आकार देने और भविष्य को उज्जवल बनाने मे शिक्षक महत्वपूर्ण भुमिका निभाते है और उन्हे देश का एक आर्दश नागरिक बनाते है, शिक्षक हमारे पुरे भविष्य को उज्जवल और सफल बनाने की जिम्मेदारी लेते है।
शिक्षक मनोहर राजपुत ने कहा गुरूओ का सम्मान की परम्परा प्राचीनकाल से रही है, हमेंशा से गुरूओं का सम्मान होता आया है और यह परम्परा आगे भी जारी रहेगी।
शिक्षक संतोष मरकाम ने कहा कि शिक्षक हमें काबिल बनाते है जिदंगी के इंम्तिहान में शिक्षको के सिखाये गये सबक हमें सफलता की बुलंदियों पर ले जाते है प्राचीनकाल से ही गुरूओं का हमारे जीवन में विशेष योगदान रहा है, 05 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इस दौरान और कई शिक्षकों से चर्चा किया गया सभी ने शिक्षक दिवस की महत्ता पर अपनी बात रखते हुए कहा गुरूजनों शिक्षकों का सम्मान इस देश में पूर्व में भी था आज भी है और आगे भी रहेगा सभी ने शिक्षक दिवस की बधाई दी है ।