जंगली हाथियों का ऐसा दहशत कि बारिश में स्कूल के छत के ऊपर ग्रामीण रात गुजारने मजबूर
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- कंवरआमा नारीपानी में एक पखवाड़े से हाथियों के दल ने डाला है डेरा, शाम होते ही ग्रामीण जान बचाने छत पर चढ़ जाते हैं
- गांव में कच्चे व झोपड़ीनुमा मकान शाम होते ही हाथियों का दल गांव के तरफ कर रहा है रूख, हाथियों के खतरनाक चिंघाड़ से कांप उठा है क्षेत्र
मैनपुर – उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के ग्रामो में पिछले पांच छः वर्षो से हाथियों के दल लगातार गांव में दबिश दे रहा है और हाथियों के द्वारा अब तक क्षेत्र के जंगल इलाको के गांवो में किसानो, ग्रामीणों और मजदूरो के कई झोपड़ियों को तहश नहश किया जा चुका है और कई लोगो की जान गरियाबंद वन मंडल एवं उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों ने लिया है। बीते एक पखवाड़े से मैनपुर से महज 12 किमी दूर ग्राम नारीपानी और कंवरआमा के जंगल में हाथियों के दल ने डेरा डाला हुआ है जिसमें 32 से 33 हाथी बताएं जा रहे है यह हाथियों का दल दिनभर जंगल के किनारे नारीपानी के जंगल में डेरा डालने के बाद शाम होते ही गांव की तरफ पहुंचने लगे है हाथियों के चिंघाड़ से पूरा नारीपानी कंवरआमा क्षेत्र के ग्रामीण दहल उठे है हाथियों के द्वारा अचानक गांव के भीतर धमक जाने से ग्रामीणों में अपनी जान की सुरक्षा को लेकर दहशत देखने को मिल रही है।
आंगनबाड़ी और स्कूल भवन के छत में बारिश के इन दिनों में रात बिताने ग्रामीण मजबूर
मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत तुहामेटा के आश्रित ग्राम कंवरआमा और नारीपानी पहाड़ी टीला के ऊपर बसा है यह तौरेंगा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आता है और टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया है यहां पिछले एक पखवाड़े से हाथियों का दल गांव से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर नारीधारा जो पानी वाला स्थान है वहां पर डेरा डाल दिया है शाम होते ही हाथियों का दल गांव में पहुंच रहा है हाथियों के द्वारा पिछले चार महिने में कंवरआमा और नारीपानी में लगभग एक माह से ज्यादा समय गुजार चुके है और दो पहले इसी जंगल में एक नन्हे शावक को जन्म भी दिया था यह क्षेत्र काफी घनघोर जंगल और शांत एरिया है इसलिए हाथियों के विचरण के लिए यह क्षेत्र में हाथी का दल बार -बार पहुंच रहा है लेकिन यह ग्रामीणो के लिए परेशानी का सबब बन गया है। ग्रामीण पूरी तरह वनोपज और जंगल पर आश्रित है जंगल के आसपास उनके खेती है लेकिन ग्रामीण न तो वनोपज संग्रहण व दैनिक उपयोग के लिए जलाऊ लकड़ी लेने के लिए न तो जंगल जा पा रहे है और न ही खेत और तो और ग्रामीणों का मकान झोपड़ीनुमा छोटे -छोटे होने के कारण अपने जान की डर ग्रामीणों में बनी हुई है शाम होते ही गांव के सभी महिला पुरूष गांव में स्थित आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक शाला में आश्रय लेने को मजबूर हो रहे है महिलाएं आंगनबाड़ी और स्कूल के भीतर रात गुजार रहे है तो वही झमाझम बारिश के बीच गांव के पुरूष आंगनबाड़ी और स्कूल के छत पर रतजगा करने मजबूर हो रहे है।
ग्राम पंचायत के महिला सरपंच अंजुलता नागेश पहुंचे ग्रामीणो से मिलने
ग्राम पंचायत तुहामेटा के सरपंच श्रीमति अंजुलता नागेश एवं सरपंच पति लोकेश नागेश आज गुरूवार को ग्रामीणो से मूलाकात करने नारीपानी कंवरआमा पहुंचे तो ग्रामीण देवसिंग सोरी, घांसीराम सोरी, परसराम सोरी, बजारू, हीरालाल सोरी, बजरसिंग सोरी, चमारसिंग सोरी, सुखराम, रंजीत, मंगलुराम सोरी ने बताया कि पिछले 15 दिनो से हाथियो का दल गांव के पास नदी में डेरा डाल दिया है और शाम होते ही चिंघाड़ते गांव में पहुंच रहे है जिसके कारण ग्रामीण दहशत में स्कूल आंगनबाड़ी के छत पर जान बचाने रतजगा कर रहे है।
गरियाबंद कलेक्टर और वन अफसरो से सरपंच ने मांग किया तत्काल ग्रामीणो को टार्च और पाॅलीथिन उपलब्ध कराये
ग्राम पंचायत तुहामेटा के महिला सरपंच अंजुलता नागेश एवं सरपंच प्रतिनिधि लोकेश नागेश ने गरियाबंद जिले के कलेक्टर प्रभात मलिक एवं उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन, गरियाबंद के डीएफओ मयंक अग्रवाल से मांग किया है कि ग्राम नारीपानी और कंवरआमा के ग्रामीण हाथियों के आतंक से स्कूल के छत पर रात बिताने मजबूर हो रहे है ग्रामीणो के पास अपनी सुरक्षा के लिए टार्च की रौशनी तक नही है और तो और खुले आसमान के नीचे छत में फट चुके त्रिपाल के सहारे बारिश में रात गुजार रहे है पंचायत के द्वारा ग्रामीणों को पूर्व में राशन सामाग्री दिया गया था। सरपंच श्रीमति अंजुलता नागेश ने मांग किया है कि नारीपानी कंवरआमा के ग्रामीणो को तत्काल सौर ऊर्जा टार्च के साथ छत के ऊपर झोपड़ी बनाने के लिए त्रिपाल पाॅलीथिन की व्यवस्था किया जाये साथ ही राशन सामाग्री भी दिया जाये।
क्या कहते है वन अफसर
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने चर्चा में बताया ग्रामीणो को टार्च वितरण किया जायेगा और पाॅलीथिन भी उपलब्ध कराई जायेगी उन्होने बताया हाथियो का दल कंवरआमा और नारीपानी क्षेत्र के जंगल में मौजूद है।
वरूण जैन उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व