शिक्षकों के अंतर जिला तबादले जुलाई में, बेसिक शिक्षा निदेशक ने भेजा प्रस्ताव
1 min readलखनऊ। एक से दूसरे जिले में तबादले के इच्छुक परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की यह मुराद जल्दी पूरी हो सकती है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने शासन को अंतर जिला तबादले का प्रस्ताव भेज दिया है। अंतर जिला तबादलों के लिए शिक्षकों से आवेदन 15 से 22 जुलाई के बीच प्राप्त करने और पूरी प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी कर लेने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव को शासन की मंजूरी मिलने पर शासनादेश जारी होगा। अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया जिले के अंदर स्थानांतरण व समायोजन के बाद शुरू करने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव के मुताबिक अंतर जिला तबादले के लिए वे नियमित पुरुष शिक्षक पात्र होंगे जिन्होंने पांच वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी कर ली हो। महिला और दिव्यांग पुरुष शिक्षकों को पांच साल सेवा की शर्त से छूट मिलेगी। जिन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उनका आवेदन फारवर्ड नहीं करेंगे।
ऐसे तय होगा गुणांक
अंतर जिला तबादले के योग्य पाये गए ऑनलाइन आवेदनों में से वरीयता के आधार पर स्थानांतरण किये जाएंगे। वरीयता गुणवत्ता अंकों के आधार पर तय होगी जिनका निर्धारण ऐसे होगा-
• स्वयं की विकलांगता (सेवा में आने से पहले या बाद में) – 10 अंक
• पारिवारिक सदस्यों की विकलांगता (सिर्फ पति/पत्नी या बच्चे) – 5 अंक
• असाध्य/गंभीर बीमारी (सिर्फ स्वयं, पति/पत्नी या बच्चे) – 5 अंक
• महिला – 5 अंक
• सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए 1 अंक (अधिकतम 35 अंक)
गुणांक समान तो वरिष्ठ को वरीयता
यदि गुणवत्ता अंक समान होते हैं तो नियुक्ति तिथि में वरिष्ठ और नियुक्ति तिथि समान होने पर अधिक आयु वाले शिक्षक को तबादले में वरीयता दी जाएगी। शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण भी किये जाएंगे जिसके लिए जिले में पांच वर्ष के ठहराव का प्रतिबंध लागू नहीं होगा। यदि पति या पत्नी दोनों में से कोई एक प्रदेश की सरकारी सेवा में है तो जिले में उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर उन्हें यथासंभव एक ही जिले में तैनाती का विकल्प होगा।
तीन जिलों का विकल्प
अंतर जिला तबादले के इच्छुक और अर्ह शिक्षकों को निर्धारित वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर तीन जिलों का विकल्प देना होगा। तबादला चाहने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण उनके अधिमान क्रम में दिये गए पहले विकल्प और रिक्तियों की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। पहले विकल्प में वाले जिले में तबादले की गुंजायश न होने पर रिक्तियों के सापेक्ष उनका तबादला दूसरे और तीसरे विकल्पों के आधार पर किया जाएगा। ऐसे जिले जहां शिक्षकों के 15 फीसद से ज्यादा स्वीकृत पद खाली हैं, अंतर जिला तबादले में वहां से शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा।