खबर का असर.. ग्राम चिखली के सरपंच मोहन कुमार को अँततः सरपँच पद से SDM ने किया पदमुक्त
1 min read- शिखा दास, पिथौरा ( महासमुंद)
- पँचायती राज अधिनियम ग्राम सुराज व ग्रामवासियो को ठेँगा दिखाकर महीनों से लापता रहने वाले निरँकुशता की हद पार कर दी सरपंच ने
- आखिर कार पँचायती राज अधिनियम की धज्जियां उडाने वाले सरपँच को अधिनियम के दायरे मे होना पड़ा पदमुक्त
- अविश्वास प्रस्ताव व SDM ने किया पदमुक्त
- भूमिगत रहते हुए इस बीच सरपँच ने इस्तीफा दिया फिर वापिस भी लिया ।
महासमुंद। इसकी पुष्टि उपसँचालक जिला पँचायत ने भी की । thenewdunia.com ने प्रमुखता से इस खबर को लगातार प्रकाशित किया जिससे शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण हुआ । धारा 40 के तहत नोटिस भी SDM द्वारा जारी किया गया। इस बीच फिर लगातार गांव से ही गायब रहने वाले सरपँच पर पँचों का धैर्य टुटा व ग्रामवासियों का भी । सभी ने अविश्वास प्रस्ताव SDM के समक्ष पेश किया। ग्राम पंचायत चिखली के सरपंच मोहनदास के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।
ग्राम पंचायत चिखली के सभी निर्वाचित पंचों के द्वारा सरपंच मोहन दास के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं विहित प्राधिकारी पिथौरा राकेश कुमार गोलछा के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा इसका संज्ञान लेकर दिनांक 24-06-2022 को ग्राम पंचायत चिखली का सम्मिलन निर्धारित किया गया था। इसकी अध्यक्षता हेतु तहसीलदार पिथौरा लीलाधर कंवर को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था। ग्राम पंचायत चिखली में सरपंच और 14 पंच सहित कुल 15 सदस्य हैं। निर्धारित तिथि पर सरपंच और एक पंच को छोड़ शेष 13 पंच उपस्थित रहे।
उपस्थित सभी 13 पंचों के द्वारा सरपंच को हटाने के लिये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया गया। पीठासीन के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की घोषणा करते हुए अपना प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिथौरा को प्रस्तुत किया गया।
इस आधार पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं विहित प्राधिकारी पिथौरा राकेश कुमार गोलछा के द्वारा ग्राम पंचायत चिखली के सरपंच मोहनदास को सरपंच पद से मुक्त कर दिया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा को छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत अग्रिम कार्यवाही संपादित करने हेतु निर्देश जारी कर दिये गये हैं। गौगोठान गोबर को गुडगोबर करनेवाले पँचायत गाँव से ही गायब हो जाने वाले जनता के वोटों से सरपँच पद पर आसीन होने वाले ऐसे सरपँच शासन की महत्वपूर्ण योजनाओ का बँठाधार करने वाले प्रशासन के समक्ष निरँकुशता अनियमितता प्रदर्शित करने वाले ऐसे सरपँच को तो जीवन भर चुनाव अयोग्य घोषित कर देना चाहिए ।ऐसा उसके इस व्यवहार सेदुखी पँचों व ग्रामीणजन ने कहा ।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने त्वरित कार्यवाई करते हुए CEO जनपद को भी 27/6/22को आदेश पत्रक द्वारा किया निर्देशित किया गया।
गौरतलब है कि 13/6/को सभी 14 पँचों ने अविश्वास प्रस्ताव श्रीमान SDM को दिये थे। पश्चात त्वरित कार्यवाही सारी प्रक्रियाओं के साथ करते हुए SDM ने पँचायती अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत पदमुक्त किया। चिखली सरपँच मोहनदास को। इसी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जनपद सीईओ पिथौरा को कार्यवाही चिखली सरपँच पर करने हेतु आदेश पत्रक 27/6/को जारी किये है।
अब देखना यह है कि क्या जनपद सीईओ पुराने ढुलमुल रवैये की लीक से हटकर SDM
के निर्देशानुसार पँचायती राज अधिनियम 1993 के प्रावधानों मे कार्यवाही की दिशा मे कार्य करेंगे?
लाखों करोड़ों रू की केँद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं को ग्राम विकास व उत्थान
हेतु दिया जा रहा पर जमीनी स्तर पर ऐसे सरपँच सारी योजनाओं को मटियामेट कर देते है ..जिन पर त्वरित पदमुक्त वाली कार्यवाही यथोचित है ।ताकि कोई भी पँचायत प्रतिनिधि जनभावनाओं से खिलवाड़ करते हुए पँचायतो की राशि मे अमानत में खयानत ढुंढने की कोशिश भी मत कर सके ।