राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में गरियाबद जिले के बाल वैज्ञानिकों द्वारा बनाए मॉडल का हुआ चयन
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- कलेक्टर ने बच्चों को दी बधाई
गरियाबंद। रायपुर के पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में 31 वे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमे गरियाबंद जिले के 5 प्रोजेक्ट का चयन राज्य स्तरीय में हुआ। इसमें से एक प्रोजेक्ट ’प्लास्टिक के विकल्प के रूप में बायोप्लास्टिक’ का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है। शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोपरा के विद्यार्थी अन्नपूर्णा पटेल और मेघा वर्मा द्वारा बनाए विज्ञान मॉडल का चयन बाल विज्ञान कांग्रेस में किया गया। प्रतियोगिता पश्चात आज जिले के बाल वैज्ञानिक बच्चों ने गरियाबंद कलेक्टर आकाश छिकारा से मुलाकात की। इस दौरान कलेक्टर श्री छिकारा और सीईओ जिला पंचायत श्रीमती रीता यादव ने बच्चों के प्रोजेक्ट का चयन राष्ट्रीय स्तर पर होने के लिए खूब बधाई दी। साथ ही निरंतर मेहनत करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा बनाए गए साइंस प्रोजेक्ट का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होना जिले के लिए बड़ी गर्व की बात है। इससे जिले के बच्चों में छुपी प्रतिभा उभरेगी। साथ ही अन्य बच्चे विज्ञान और वैज्ञानिक गतिविधियों को पढ़ने और सीखने के लिए प्रेरित होंगे।
इस दौरान डीईओ रमेश निषाद, मार्गदर्शिका शिक्षिका माधुरी चक्रधारी, मनीषा साहू , मार्गदर्शक शिक्षक सतीश कुमार मालवीय, शिक्षक संजीत, सेजेस राजिम अनुष्का गुप्ता, देवप्रिया , शिक्षक समीक्षा गायकवाड, आई पी साहू, ज्ञानेंद्र शर्मा एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी सहित स्कूली बच्चे मौजद रहे।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर चयनित प्रोजेक्ट ’प्लास्टिक के विकल्प के रूप में बायोप्लास्टिक’ के माध्यम से जिले के बाल वैज्ञानिकों ने यह बताया है कि बायोप्लास्टिक पर्यावरण हित में बहुत ही लाभकारी है। इस मॉडल के माध्यम से यह बताया गया है कि प्लास्टिक जो कि पूर्णतः समाप्त नहीं होता है। जो कि पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। इसके विकल्प के रूप में बायोप्लास्टिक पर्यावरण के लिए बहुत ही लाभकारी और पर्यावरण संरक्षण में कारगर साबित हो सकता है। बायोप्लास्टिक जो की दिखने और उपयोग में प्लास्टिक की तरह होता है, लेकिन यह आसानी से नष्ट हो जाता है। जिससे पर्यावरण को नुकसान नही होता है। बच्चों की वैज्ञानिक सोच और पर्यावरण हितकारी विचार से बनाए इस विज्ञान मॉडल की सभी ने खूब प्रशंसा की।