इन्दौर। म. प्र. शासन के मत्स्योउद्योग विभाग के अधीनस्थ जलाशयो मे शासन का नियम है कि मछली बीज विभाग अपने खर्चे से डालेगा तथा मत्स्याखेट का कार्य क्षेत्र के गरीब मछुआरो से कराया जायेगा तथा शासन द्वारा निर्धारित राशी (रायल्टी) लेकर मछली मछुआरो को दे दी जाती हैं ताकि गरीब मछुआरे अपनी मेहनत का सीधे सीधे उचित लाभ पाये । सरकार ने यह पद्धति उसी तर्ज पर गरीब मछुआरो के लिए अपनाई है जिसके तहत किसान से 20 रुपये किलो का गेहू खरीद कर सरकार देश के कमजोर और गरीब लोगो को एक रुपये किलो मे देकर उनकी मदद करती हैं। किन्तु मत्स्योउद्योग विभाग खंडवा के करीब 500 हेक्टेयर के 30-35 वर्ष पुराने भगवंत सागर जलाशय (सुक्ता बांध) को विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने उच्चाधिकारीयो को गुमराह कर इस जलाशय पर गठित कुछ उन मछुआ समितियों जो वर्षो से स्थानीय मछुआरो का शोषण कर रही हैं । साठगांठ कर यह जलाशय एक महीने पहले पट्टे पर देकर क्षेत्रीय मछुआरो को ठेकेदारो के पास गुलाम बना कर उनके शोषण का पुख्ता इंतजाम कर दिया है जिसका जलाशय क्षेत्र के मछुआरे भारी विरोध कर रहे हैं । वही इस जलाशय को पट्टे पर लेने वाले साजिशकर्ता मत्स्याखेट प्रतिबंध अवधि 15 आगस्त खत्म होने का इंतज़ार कर रहे हैं ताकि जलाशय पर कब्जा कर सके ।
ज्ञात हो कि मछुआ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री सदाशिव भवरिया का खंडवा गृह जिला हैं जिस पर उन्होने संज्ञान लेते हुए क्षेत्र के मछुआरो से भेट कर खंडवा जिला मुख्यालय उन्हें कलेक्टर तन्वी सुद्रीयाल से मिलवाया और सुक्ता डेम सहित छैगांव माखन ब्लाक के पलासी व देशगांव तालाबो पर गैर मछुआरा जाति के लोगो व्दारा कब्जा जमाने की समस्याओं से अवगत कराया । तत्पश्चात सभी मछुआरो के साथ श्री भवरिया सहायक संचालक मत्स्योद्योग खंडवा कार्यालय पर पहुचे जहा अधिकारी के उपस्थित न होने की दशा मे धरनाथप्रदर्शनकिया। श्री भवरिया ने इस आशय का पत्र मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को भी दिया और खंडवा से ही मछली पालन मंत्री श्री लाखनसिह यादव से भी समूचे मामले पर चर्चा की। श्री भवरिया ने प्रदेश भर के मछुआरो से आह्वान किया है कि आपके क्षेत्र में इस प्रकार की समस्याऐ उत्पन्न हो तो आप तत्काल मछुआ कांग्रेस के हमारे स्थानीय जिलाध्यक्ष या पदाधिकारियो से या सीधे हमसे सम्पर्क करे।