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October 17, 2024

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गरियाबंद जिले के प्रसिद्ध सिकासार जलाशय में पर्यटकों के लिए नहीं है कोई भी सुविधा 

  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • बारिश के दिनों में हज़ारों की संख्या में पहुंच रहे हैं पर्यटक, सुरक्षा के भी इंतज़ाम नदारद 

मैनपुर। गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर से 28 किलोमीटर दुर एक मात्र सिकासार जलाशय जो काफी वर्षो पुराना पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है और यहां पुरे प्रदेश भर से बड़ी संख्या में पर्यटक बारहों माह पहुंचते हैं ।खासकर बारिश के इन दिनों में सिकासार जलाशय में वॉटरफाल को देखने प्रतिदिन बडी संख्या में बड़े शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग सिकासार जलाशय पहुंच रहे हैं है लेकिन यहा पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए सुविधा नाम की कोई भी चीज नहीं है। दो विशाल पहाडियों के बीच सिकासार जलाशय में लबालब पानी भरा हुआ है और पहाड़ियों से जगह जगह प्राकृतिक झरने गिर रहे हैं । यहा मनोरम छटा को देखने के लिए पर्यटन उमड़ पड़ रहे है सन् 1977 में इस परियोजना को बहुत कम लागत से तैयार किया गया था। वीआईपी टुरिस्ट की यह पहली पंसद है इस जलाशय के चार फायदे है, पहला तो ऐ दो जिलो में इससे सिंचाई होती है। दुसरा यहां 3.5 मेगावाट बिजली का उत्पाद होता है और तीसरा इस जलाशय में काफी विलुप्त प्रजाती के टाईगर फिश मछली पाया जाता है, लेकिन यहा पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए सुविधा नाम की चीज नहीं है। बड़ी दुर से पर्यटक छोटे छोटे बच्चो को लेकर और खासकर शनिवार और रविवार के दिन बड़े शहरों से बसों में भरकर कॉलेज, महाविद्यालय और स्कूलों के छात्र छात्राएं यहा पहुंचते है लेकिन बारिश के इन दिनो में सिर छिपाने के लिए छांव नहीं है। खाना बनाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पडता है, खुले आसमान के नीचे खाना बनाने मजबूर होना पर्यटकों को पड़ रहा है।

  • वर्षो पुराना जर्जर विश्राम गृह का हो रहा है मरम्मत 

सिकासार जलाशय में एक मात्र सिंचाई विभाग का विश्राम गृह है जो वर्षो पुराने के साथ जर्जर हो गया है और इसका उपयोग आम लोगों के पहुंच से दुर है, क्योंकि इसका उपयोग वीआईपी को ही मिल पाता है और उनके नाम से पहले से गरियाबंद जिला मुख्यालय से बुकिंग रहता है लेकिन यहां जर्जर विश्राम गृह का इन दिनो मरम्मत कार्य चल रहा है। शासन प्रशासन सहित पर्यटन मंडल को चाहिए की हजारों की संख्या में पहुंचने वाले पर्यटको के लिए कम से कम विश्राम के नज़दीक खाली जमीन में टीन का शेड डालकर भोजन बनाने और बारिश से बचने के लिए छत की व्यवस्था कर दिया जाए तो यहां पर्यटकों की संख्या और बढेगी साथ ही क्षेत्र मे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। दुर दुर से आने वाले पर्यटक यहां सह परिवार पहुंचकर खाना बनाते हैं और भोजन करते हैं लेकिन अचानक बारिश हो जाने से पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही पीने के लिए शुध्द पेयजल भी उपलब्ध नही हो पाता है। लंबे समय से पर्यटकों के द्वारा सिकासार जलाशय को पर्यटन स्थल घोषित करते हुए यहा पर्यटकों के लिए विश्राम गृह व पेयजल के साथ गार्डन व बच्चों के खेलने कुदने के लिए झुला व अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने की मांग किया जा रहा है।

  • सुरक्षा के नहीं है इंतजाम, पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी है

सिकासार जलाशय में पर्यटक काफी नजदीक डेंजर जोन तक पहुंच जाते है लेकिन डेंजर जोन स्थलो में न तो कोई सुचना फलक लगा है और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम है, जिसके चलते पूर्व में कई लोगों की डुबने से मौत भी हो चुकी है। कई बार सिकासार जलाशय में वॉटरफाल के किनारे बेरीकेट्स निर्माण की मांग किया जा चुका है और तो और संबधित विभाग द्वारा कई बार सर्वे का कार्य भी किया जा चुका है लेकिन पर्यटकों के लिए कोई भी सुविधाए अब तक उपलब्ध नही हुआ है । ज्ञात हो कि सिकासार जलाशय में रायपुर , दुर्ग भिलाई, कोरबा, धमतरी, सरगुजा, बस्तर, बिलासपुर जैसे बडे शहरों से लोग आते ही है इसके साथ ओडिसा और मध्यप्रदेश अन्य प्रदेशों से भी बडी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं है खासकर , शनिवार और रविवार के दिन यहा भारी भीड़ देखी जाती है।

  • जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री से करेंगे मांग

इस सबंध में चर्चा करने पर जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ठाकुर ने बताया कि पुरे गरियाबंद जिले में सिकासार जलाशय काफी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है यहा सालभर पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटकों के लिए सुविधा उपलब्ध कराये जाना बहुत जरूरी है। इस ओर संबधित विभाग को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर पर्यटन स्थल के क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करेंगे।