जिन जातियों का नेतृत्व अकुशल हाथों में है वही जातियां ज्यादा शोषण की शिकार हैं : श्यामलाल निषाद
1 min read- समाज कार्य के साथ-साथ शासन सत्ता में भागीदारी के लिए संघर्ष करेंगे मोस्ट संस्थान के पदाधिकारी
सुलतानपुर। आज दिनाँक 19-06-2021 को मोस्ट प्रधान कार्यालय “निषाद भवन” विनोवापुरी में मोस्ट कल्याण संस्थान उ.प्र. के शीर्ष पदाधिकारियों की मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संस्थान रचनात्मक और समाज निर्माण कार्य के साथ-साथ शोषित-पीड़ित पिछड़ी जातियों को शासन-सत्ता में भागीदारी कायम कराने की रणनीति पर काम करेगा।
मोस्ट कल्याण संस्थान के डायरेक्टर शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरुजी” ने कहा कि हमें इस सच्चाई को स्वीकार्य करना पड़ेगा कि पिछड़ी जातियां अपनी जाति का ही नेतृत्वकर्ता चाहती हैं और जिन जातियों का नेतृत्व जितना अकुशल हाथों में है वे जातियां उतना ही ज्यादा शोषण और वोटों की सौदेबाजी का शिकार हो रही हैं ऐसी परिस्थिति में जातीय नेतृत्व तैयार कर मा. कांशीराम साहब के “जिसकी जितनी संख्या भारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी” फार्मूले से समाज की दबी-कुचली, शोषित-पीड़ित, वंचित पिछड़ी जातियों को शासन-सत्ता में भागीदारी दिलाई जा सकती है।
मोस्ट कल्याण संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर राजकुमार गौतम ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल सामाजिक न्याय व समाज हित-उन्नति के लिए कार्य करने वालों को सम्मान व समुचित भागीदारी देने का काम करेगा संस्थान से जुड़े साथी उसी राजनीतिक दल को जिताने का काम करेंगे। मोस्ट जिला संयोजक ज़ीशान अहमद ने कहा कि संस्थान समाज के हित-उन्नति के लिए संघर्षशील साथियों को विधायक-सांसद बनाने के लिए संघर्ष करेगा।
उक्त अवसर पर मोस्ट जिला जनरल सेक्रेटरी राम उजागिर यादव, जिला सह संयोजक संतोष सोनकर, प्रधान महादेव निषाद, मुकेश कुमार, अल्ला नेवाज, शिव बहादुर, अनिल कुमार, हरिश्चन्द्र निषाद, राजीव कुमार, शत्रुहन निषाद, हरेन्द्र भारती, मिथलेश सोनकर, हरीराम वर्मा, रज्जन प्रसाद सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।