छोटे उद्योगों को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ का लोन
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का खुलासा
15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा
12 फीसदी की जगह 10 फीसदी कटेगा पीएफ
आयकर रिटर्न की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 की गई
कोरोना काल में रियल एस्टेट कंपनियों को रेरा से छूट
एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज पर जोर दिया जाएगा
हम एक नया भारत बनाने जा रहें हैं: वित्त मंत्री
सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए
डिस्कॉम की मदद के लिए 90 हजार करोड़ रुपये की इमरजेंसी लिक्विडिटी
नई दिल्ली.
कोरोना संकट पर पीएम मोदी की तरफ से ऐतिहासिक 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के एक दिन बाद प्रेस ब्रीफिंग करने आईं केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला किया गया है। निर्मला ने कहा कि एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन दिया जाएगा। समय सीमा चार साल की होगी और पहले एक साल में मूलधन चुकाना नहीं पड़ेगा. 12 महीनों के लिए इस पर छूट रहेगी. 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि आरबीआई आनेवाले दिनों में और पैसा बाजार में लाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता, सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
प्रेस कांफ्रेंस में राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे. निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘मध्यम लघु और कुटीर उद्योगों के सामने पैसे की कमी है और ये भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. ये उद्योग बारह करोड़ से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देते हैं.’ एमएसएमई को ये क़र्ज़ 31 अक्तूबर 2020 तक उपलब्ध होंगे. इसमें कोई गारंटी या कुछ गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होगी. जो एमएसएमई अच्छा कारोबार कर रही हैं, विस्तार करना चाहते हैं, आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उन्हें अपना आकार बढ़ाने की सुविधा नहीं मिल पाती थी उनके लिए फंड ऑफ़ फंड्स बनाया जा रहा है. इससे पचास हज़ार करोड़ की इक्विटी आएगी. इससे एमएसएमई को अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ के टर्नओवर वाले इंटरप्राइज को स्मॉल यूनिट माना जाएगा, 30 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ के टर्नओवर वालों को मीडियम इंटरप्राइज माना जाएगा. डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90 हजार करोड़ रुपये की योजना की भी वित्त मंत्री ने घोषणा की.
20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में किसे क्या मिला?
ठेकेदारों को 6 महीने की राहत
सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, हाइवे आदि छह महीने तक ठेकेदारों को राहत देंगे. पीपीपी में भी छह महीने तक राहत दी जा सकती है.
पीएफ में ये राहत
15 हजार रुपये से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता मिलेगी। सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। इससे करीब 75 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और संस्थाओं को फायदा मिलेगा. बता दें कि मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्यूट किया था.मतलब ये कि इस सुविधा को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके लिए सरकार की ओर से 2,500 करोड़ की मदद दी जा रही है। जिन कर्मचारियों का 24% ईपीएफ अंशदान सरकार नहीं भर रही है यानी जिनकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है, उनके मामले में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए पीएफ में योगदान का प्रतिशत घटाकर 12 से 10 प्रतिशत किया गया है।
टीडीएस और टीजीएस के लिए 25 प्रतिशत भुगतान में छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कल से अगले साल तक टीडीएस और टीजीएस के लिए 25 प्रतिशत भुगतान में छूट दी जा रही है जो कि अगले साल 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी। इससे 50000 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
आईटीआर की तारीख बढ़ी
मार्च 2021 तक टीडीएस-टीसीएस दरों में 25 फीसदी की कटौती. आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 होगी. विवाद से विश्वास स्कीम 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाई गई.
एमएसएमई के लिए बड़े क़दम
— 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी
— बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन
— सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी
— अब 200 करोड़ तक के सरकारी कामों के लिए ग्लोबर टेंडर नहीं होंगे
— संकट में फंसे 2 लाख एमएसएमई को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपये
— एमएसएमई को 1 साल तक ईएमआई से राहत
— पहले एक साल में मूलधन चुकाना नहीं पड़ेगा
— 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा।
एनबीएफसी के लिए स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है.
सीतारमन की खास बातें
– -18000 हजार करोड़ रुपये टैक्स पेयर्स को रिफंड देकर राहत दी गई है। 14 लाख टैक्सपेयर्स को इसका फायदा भी मिला है।
– फंड ऑफ फंड्स के जरिए एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा।
– जिस एमएसएमई का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं।
– पहले सिर्फ निवेश के आधार पर एमएसएमई की परिभाषा तय की जाती थी, पर अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी।