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May 18, 2024

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वर्चुअल मीडिया कार्यशाला में शत-प्रतिशत लाभार्थियों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाने का प्रयास पर मंथन

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  • “छत्तीसगढ़ सरकार फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध, फ़ाइलेरिया उन्मूलन हेतु शत-प्रतिशत लाभार्थियों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाने का होगा प्रयास” डॉ. सुभाष मिश्रा, निदेशक, महामारी नियंत्रण , संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़
  • राज्य के फाइलेरिया प्रभावित चार जिलों में 19 जुलाई से प्रारंभ होगा सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम

आरायपुर (छत्तीसगढ़ ), 18 जुलाई , 2021- छत्तीसगढ़ सरकार फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य के फलस्वरूप, कोविड-19 महामारी के दौरान भी छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 19 जुलाई से राज्य के फ़ाइलेरिया प्रभावित चार जिलों यथा- रायपुर, रायगढ़, गरियाबाद एवं बलोदा बाज़ार में सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) एवं कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए रविवार को संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए वर्चुअल मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया | इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि, फाइलेरिया रोग की गंभीरता को मीडिया सहयोगियों के माध्यम से जन-समुदाय में अधिक से अधिक प्रचारित किया जा सके जिससे, लोग इस गंभीर बीमारी के बारे में सही और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें और फ़ाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करके इस रोग से स्वयं और अपने परिवार को बचा सकें।

इस अवसर पर, निदेशक, महामारी नियंत्रण , संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन गतिविधियों का संचालन भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के मानकों का अनुपालन करते हुए किया जाएगा, जिसमें हाथ की स्वच्छता, मास्क और शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी) शामिल हैं। उन्होंने सूचित किया कि राज्य सरकार इस बात का बहुत ध्यान रख रही है कि कोरोना महामारी के दौरान दवा खिलाने वाले स्वास्थ्यकर्मी एवं सभी लाभार्थी इस अभियान में पूरी तरह सुरक्षित रहें। उन्होंने यह भी कहा कि फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए और फ़ाइलेरिया के पूर्ण उन्मूलन के लिए हम सब यह प्रयास करें कि इस बार शत-प्रतिशत लाभार्थियों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएँ।


राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर बोर्न डिजीजेज डॉ. जगन्नाथ राव ने बताया कि भारत को वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से उन्मूलन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, कोविड-19 महामारी के दौरान भी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के महत्व को स्वीकार करते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत, राज्य के फ़ाइलेरिया प्रभावित चार जिलों यथा- रायपुर, रायगढ़, गरियाबाद एवं बलोदा बाज़ार में सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) एवं कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को 19 जुलाई से प्रारंभ करने का निर्णय लिया है | इसमें पहले दिन, लाभार्थियों को बूथ पर फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएँगी और उसके बाद 20 जुलाई से 24 जुलाई तक घर-घर जाकर दवाएं खिलाई जायेंगी | उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में सभी वर्गों के 72,59,263 लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. एवं अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बूथ एवं घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी।

इन दवाओं का सेवन खाली पेट बिलकुल नहीं करना है | 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं नहीं खिलाई जाएगी। डॉ. राव ने बताया कि फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, दवा खाने के बाद से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं | सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात है और उन्हे तुरंत उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. जमील सरोश ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। यह एक घातक रोग है, हालांकि प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा दी गयी दवाएं खाने से, इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। डॉ. जमील ने बताया कि राज्य में वर्तमान में लिम्फेडेमा के 5017 और हाइड्रोसील के 5657 मरीज़ दर्ज किये गए हैं।

कार्यक्रम के बढ़ते क्रम में प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के मोहम्मद कलाम खान ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में आई.ई.सी. एवं सोशल मोबिलाइजेशन के माध्यम से समुदाय के हर स्तर पर जागरूकता फैलाने में बहुत सहायता मिलती है | इस कार्यक्रम में लोगों तक जागरूकता फैलाने के लिए, स्वयं सहायता समूहों, राशन दुकानदारों , सरपंच , वार्ड मेम्बेर्स, धर्म गुरुओं, शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है । अगर समुदाय का सहयोग मिलता रहा तो इस कार्यक्रम का उद्देश्य सफल होगा और पूरे राज्य से फ़ाइलेरिया का उन्मूलन अति शीघ्र होगा |
मीडिया सहयोगियों से संवाद करते समय कार्यक्रम से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं और प्रश्नों का उत्तर कार्यक्रम से जुड़े विशेषज्ञों द्वारा दिया गया | इस सत्र के दौरान, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि अनुज घोष ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े हर कार्यक्रम में मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है | उन्होंने मीडिया सहयोगियों से अनुरोध किया कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दें।

इस अवसर पर संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ के विभागीय अधिकारी, सम्बंधित जिलों और ब्लॉक के अधिकारी, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के प्रतिनिधि सहित राज्य के उन जिलों के मीडिया सहयोगी भी वर्चुअल रूप से जुड़े , जहां मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन आयोजित किया जा रहा है |

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