छत्तीसगढ़ में सिनेमा को लेकर संभावना लगातार बढ़ रही : फिल्ममेकर अशोक
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी अच्छे फिल्म की भरपूर संभावना है। प्रसिध्द फिल्ममेकर व स्क्रीन प्लेराइटर अशोक मिश्रा ने बलून विथ कैप्स सेलेब्रिटी कार्यक्रम में कहा कि समाज की साझा तस्वीर ही सिनेमा है जिसे गढ़ने का काम हर फिल्मकार करता है। चाहे मुम्बई हो या देश के किसी भी हिस्से में फिल्मों का निर्माण हो रहा है वो कहानियां समाज के द्वंद्व से निकलकर सिनेमाई परदे के माध्यम से दशर्कों के बीच पहुंच रहा है।
राजेन्द्र नगर स्थित कैप्स में आयोजित चर्चा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जितना सिनेमा समाज के सोच के मुताबिक होगा उतना ही पंसद किया जाएगा। इसलिए ही अब फिल्म निर्माण के हर पक्ष में शोध को महत्व दिया जा रहा है। वेलकम टू सज्जनपुर, वेलडन अब्बा, समर जैसे अवार्ड विनर फिल्मों के पटकथा लेखक श्री मिश्रा ने कहा छत्तीसगढ़ में सिनेमा को लेकर संभावना लगातार बढ़ रही है जरूरत है कि यहां की लोकजीवन के मुताबिक सिनेमा बने तो वो दशर्कों के बीच चिरस्थायी होगा और हम अपनी बातों को दूसरी पीढ़ी तक मजबूती से पहुंचाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि हम हमेशा अपनी कहा संस्कृति को विश्वस्तर पर पहुंचाने में हमेशा अग्रसर रहे है आने वाली पीढ़ी को भी इस दिशा में काम करना होगा। इस मौके पर उनके साथ संवाद में युवा फिल्म निर्देशक डॉ. योगेन्द्र चौबे ने हिस्सा लिया। इस मौके पर कौस्तुभ धर्माधिकारी, प्रशांत सुब्रामण्या, श्रीमती शुभांगी आप्टे, संजय आप्टे, श्रीमती आस्था चौबे, पल्लवी शिल्पी सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे। छत्तीसगढ़ से भारतीय नाट्य विद्यालय में अध्ययन के लिए पहुंचने वाले अभिनेता मिश्रा 1982 बैच के छात्र रहे हैं और लंबे समय से मुम्बई में रहकर फिल्म निर्माण की विधा में सक्रिय है।