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May 20, 2024

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रांची में निषादों ने दिखाई ताकत… यह तो सिर्फ झांकी है, सितंबर अभी बाकी हैं: चरण

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Nisha's visible strength in Ranchi

निषादों के आरक्षण की आग में अस्त-व्यस्त हुआ झारखंड की राजधानी रांची
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में मल्लाह मछुआरों ने राजभवन के समक्ष एकदिवसीय महाधरना दिया। झारखंड के कोने कोने से आए हजारों मल्लाह मछुआरों का जोश व उत्साह चरम पर था। लोग एक दुसरे को प्रोत्साहित कर रहे थे। झारखंड बनने के बाद से यह एक दिन का एक दिवसीय महाधरना इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। मल्लाहों ने अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए अपनी ताकत का एहसास झारखंड सरकार को कराया।

Nisha's visible strength in Ranchi

महाधरना का नेतृत्व कर रहे झारखंड एसोसिएशन आॅफ फिशरीज सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष श्री चरण केवट ने कहा कि यह तो सिर्फ झांकी है सितंबर अभी बाकी हैं और दिसम्बर के चुनाव में हम इस सरकार को इसकी औकात बताने का काम करेंगे। अगर मल्लाहों को झारखंड में आरक्षण देने का काम और मत्स्य विभाग के तालाबों पर नगर निगम की झूठी दावेदारी को रोकने का काम समेत हमारी अन्य मांगों को अगर नहीं मानी गई तो आगामी विधानसभा चुनाव में हम झारखंड से वतर्मान भाजपा सरकार को उखाड़ कर फेंकने का काम करेंगे। अब हमारा निषाद समाज जागृत हो चुका है, अब इसे कोई झूठा अश्वासन देकर ठग नहीं सकता है।

Nisha's visible strength in Ranchi

इस सरकार ने अखबारों को मैनेज किया हम पर झूठे आरोप लगवाए, लेकिन मंै इन चीजों से घबराने वाला नहीं हूँ और ना हीं थक कर बैठने वालों में से हूँ और ना ही मै अखबारी नेता हूं। जमीन से जुड़कर काम किया हूं और जमीन से जुड़े मल्लाहों की लड़ाई को अंजाम तक पहुँचा के हीं दम लूंगा। महाधरना से अब यह लड़ाई, महालड़ाई में तब्दील हो चुकी है। महाधरना से पहले हजारों मछुआरे मल्लाह मोहराबादी मैदान से श्री चरण केवट के नेतृत्व में मोहराबादी मैदान से गाजे बाजे, पारंपारिक नृत्य संगीत के साथ कतारबद्ध होकर महाधरना स्थल की और रवाना हुए।

महाधरना स्थल तक लोगों को पहुँचाने में राँची जिला प्रशासन के पसीने छुट गए, जो दस मिनट का रास्ता उसे तय करने में दो घंटे लगे। इस बीच रांची की ट्रॉफिक व्यवस्था अस्त वयस्त हो गई।

Nisha's visible strength in Ranchi

इस अवयस्तता के लिए परेशानी झेलने वाले नागरिकों से चरण केवट ने खेद वयक्त किया है। राजभवन पहुंच कर जत्था महाधरना में तब्दील हो गया। दजर्नों वक्ताओं ने अपनी बाते रखी तथा मांगें पुरी ना होने पर सरकार को चेतावनी देते हुए एक बड़ी लड़ाई का शंखनाद भी किया गया। महाधरना की अध्यक्षता एसोसिएशन के रांची जिलाध्यक्ष सुजीत प्रसाद एवं संचालन एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव अजय निषाद ने किया।

परमेश्वर चौधरी,  सुनील कुमार, लालबाबू सहानी, श्यामलाल चौधरी, रंजीत मल्लाह, अनिल निषाद, महेश निषाद, मनोहर, मिथलेश, धरमवीर मल्लाह, नन्दलाल मल्लाह, संजय मल्लाह, छत्रु केवट, चिरंजीवी मंडल, गौर केवट, जयदेव धीवर, लखेन्द्र मल्लाह और साथ हीं इस महाधरना में बतौर मुख्य अतिथि रांची से मेजर बद्री सहानी, फुसरो से गणेश निषाद, गढ़वा से विनोद चौधरी, धनबाद से विरेन्द निषाद जी एवं भोला सहानी, बोकारो से मुखिया शिवलाल केवट, चित्ररपुर से किशोरी केवट, गोमिया के बबलू निषाद, पवन चौधरी, गंगा केवट, विक्रम चौधरी के अलावा समाज के कई गणमान्य नेताद्वय उपस्थित थे।

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