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October 16, 2024

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शौचालय के भीतर कार्यालय, 5 कक्षाओं के लिए छोटे एक कमरा, सभी छात्र एक साथ स्कूल आने पर पेड़ के नीचे संचालित होती कक्षाएं

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • उधारी के शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा शासकीय प्राथमिक शाला स्वीपर भी पढ़ते हैं बच्चों को
  • मामला मैनपुर विकासखंड के ग्राम भीमाटिकरा का – पलकों ने कई बार लिखित में कर चुके शिकायत अब तक निरीक्षण में नहीं पहुंचे कोई अधिकारी
  • छात्र -छात्रों को मुख्यमंत्री और जिले के कलेक्टर का नाम भी नहीं मालूम

गरियाबंद। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा लाखों करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा हासिल हो सके, शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए दर्जनों प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ताकि बेहतर तरीके से आसानी से बच्चों को पढ़ाया जा सके, लेकिन आपको यहां जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के दूरस्थ वनांचल में बसे दर्जन भर ग्रामों में आज भी स्कूली बच्चों के लिए स्कूल भवन की व्यवस्था नहीं है। ऐसे ग्रामों में सरकारी स्कूल या तो झोपड़ी में संचालित हो रहा है या कहीं पेड़ के नीचे ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को ना हो , ग्रामीणों द्वारा मैनपुर पहुंचकर कई बार लिखित में आवेदन और ज्ञापन विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दिए जा चुके हैं। स्कूल भवन शिक्षक की मांग कर चुके हैं हर बार ग्रामीणों को कुछ दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया जाता है उसके बाद संबंधित विभाग के अफसर मामले को भूल जाते हैं जिसके कारण आज आजादी के 77 वर्षों बाद क्षेत्र के कई सरकारी स्कूलों की हालत बेहद ही खराब स्थिति में पहुंच गई है, और तो और कई स्कूलों में कक्षा पांचवी तक के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री और गरियाबंद जिले के कलेक्टर तक का नाम नहीं मालूम जिससे यहां अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है की शिक्षा गुणवत्ता के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही बता रही है।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से 38 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भूतबेड़ा के आश्रित ग्राम भीमाटिकरा में 15 वर्षों से शासकीय प्राथमिक शाला संचालित किया जा रहा है स्कूल संचालक के लिए एक छोटे से कमरे का निर्माण शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है इस विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवी तक कल 40 छात्र छात्राएं अध्यायरत है। कक्षा पहली में 09,कक्षा दुसरी में 11 कक्षा तीसरी में 04 कक्षा चौथी में 08 एवं कक्षा पांचवी में 08 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन एक छोटे से कमरे होने के कारण एक कमरा में एक साथ 40 बच्चों को बिठाकर पढ़ाई करना बहुत ही परेशानी हो रही है एक साथ सभी बच्चे स्कूल आ जाने पर स्कूल के सामने पेड़ के नीचे छात्र-छात्राओ को पढ़ाया जाता है जिस दिन बच्चों की उपस्थिति कम होता है उसे दिन एक कमरे के भीतर स्कूल का संचालन किया जाता है इस स्कूल में एकमात्र शिक्षक है और एक शिक्षक के द्वारा 05 कक्षाओं के बच्चों को कैसे एक साथ शिक्षा दिया जाता होगा। यह अपने आप में सोचने वाली बात है क्योंकि कक्षा पहली के बच्चे और पांचवी कक्षा के बच्चे सभी को एक ही समय में एक शिक्षक के द्वारा शिक्षा दिया जाना है ऐसे में एक शिक्षक कैसे बच्चों को पढ़ाई कराते होंगे यहां किसी जादूगरी से काम नहीं है।

  • शौचालय में प्रधान पाठक कार्यालय का संचालन

भीमाटिकरा शासकीय प्राथमिक शाला स्कूल में एक मात्र कमरा है वहां भी बहुत छोटा है स्कूल के सरकारी दस्तावेज, रजिस्टर ,अलमारी, पुस्तक ,कापी को रखने के लिए स्कूल में निर्माण किए गए शौचालय को ही मजबूरी में कार्यालय बनाया गया है। शौचालय के भीतर स्कूली छात्र-छात्राओं के पुस्तक काफी रजिस्टर और ज़रूरी सामग्री रखे गए हैं यहां प्रधान पाठक का कार्यालय है। इससे बदहाल स्थिति और क्या हो सकती है जिसे इस स्कूल में आकर ही समझा जा सकता है।

  • उधारी के एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा है स्कूल

भीमाटिकरा शासकीय प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन है यहां एक भी शिक्षक शासन द्वारा नियुक्त नहीं किए गए हैं जबकि स्कूली छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या 40 है। इस विद्यालय में व्यवस्था के एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई संचालित किया जा रहा है। यदि शिक्षक को शासकीय कार्य व अन्य जरूरी कार्य से बाहर जाना पड़ता है तो ऐसी स्थिति में स्कूल का संचालन रसोईया या स्वीपर के द्वारा किया जाता है इस विद्यालय में जो शिक्षक वर्तमान में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। वह पदोन्नति में भाटापानी कुचेगा जा चुके हैं लेकिन उन्हें व्यवस्था के तहत इस स्कूल में रखा गया है। ग्राम पंचायत के सरपंच अजय नेताम एवं ग्रामीणों ने बताया कई बार स्कूल भवन और शिक्षक की मांग को लेकर मैनपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन पत्र दे चुके हैं लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है जिसके कारण बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में तमाम विकास के दावे किए जा रहे हैं लेकिन सरकार के दवा की हवा इस गांव में निकल जा रही है‌ सरपंच ने कहा जल्द ही शिक्षक और स्कूल भवन की व्यवस्था नहीं किया गया तो पालक और ग्रामीण मजबूरी में आंदोलन करेंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

  • स्कूल के बच्चों को मुख्यमंत्री और गरियाबंद कलेक्टर का नाम भी नहीं मालूम

भीमाटिकरा स्कूल का हमारे संवाददाता ने निरीक्षण किया इस दौरान इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं से सामान्य जानकारी के प्रश्न पूछे गए इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं गरियाबंद कलेक्टर के नाम भी नहीं बता पाए तब छात्र-छात्राओं को शिक्षक द्वारा मुख्यमंत्री और कलेक्टर का नाम बताया गया और उन्हें याद करने कहा गया।

  • क्या कहते हैं विकासखंड शिक्षा अधिकारी

इस संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल ने हरिभूमि से चर्चा करते हुए कहा इस विद्यालय की समस्याओं के संबंध में जल्द जानकारी लेता हूं यदि शिक्षक की व्यवस्था नहीं है तो जल्द शिक्षक की व्यवस्था किया जाएगा। उन्होंने कहा स्कूल का निरीक्षण करने में स्वयं जाऊंगा।