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May 18, 2024

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महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के योगदान को देश कभी नहीं भूल सकता – रामकृष्ण ध्रुव

  • मैनपुर में बिरसा मुंडा शहादत दिवस पर पूजा अर्चना किया

मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर में आदिवासी समाज युवाआें द्वारा महान महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की शहादत दिवस मनाई गई। सर्वप्रथम आदिवासी समाज के युवाआें व नगर के लोगरे ने बिरसा मुंडा के छायाचित्र की पूजा अर्चना आदिवासी रीतिरिवाज अनुसार किया और उनके योगदान को याद करते हुए उनके बताये रास्तो पर चलने का संकल्प लिया। कोरोना संक्रमण के चलते इस कार्यक्रम में समाज के प्रमुख युवा ही शामिल हुए और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर बिरसा मुंडा की शहादत दिवस मनाई गई।

इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एंव आदिवासी युवा नेता कहा कि आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के योगदान को भारत देश कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने जिस वीरता के साथ अंग्रेजो के साथ लड़ाई लड़ी है और भारत को अंग्रेजों के गुलामी से मुक्त कराने मे उनके योगदान को नही भूला जा सकता। श्री ध्रुव नेे आगे कहा आदिवासी मांगता नहीं है बल्कि अपने अधिकारों के प्रति सजग रहकर उसे छीन लेता है।

आज के युवा पीढ़ी को महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के बारे मे और अधिक जानने और समझने की जरूरत है। इस दौरान कमार विकास अभिकरण के सदस्य पिलेश्वर सोरी ने कहा बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड प्रदेश के रांची के उलीहातू गांव मे हुआ था। 1 अक्टूबर 1894 को नौजवान नेता के रूप मे सभी मुंडाओ को एकत्र कर उन्होने अंग्रेजो से लगान माफी के लिये आंदोलन किया। 1895 मे उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन बिरसा और उनके शिष्यो ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करना ठान रखी थी और अपने जीवन काल मे एक महापुरूष का दर्जा पाया। श्री सोरी ने आगे कहा अंग्रेज सरकार ने विद्रोह का दमन करने के लिये 3 फरवरी 1900 को मुंडा को गिरफ्तार कर लिया जब वे अपनी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ सो रहे थे उस समय 460 आदिवासियो को भी उनके साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

9 जून 1900 को वे शहीद हो गये, उन्होने आगे कहा आज हम सभी को महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के बताये रास्ते पर चलने की जरूरत है। आदिवासी युवा नेता नेयाल सिंह नेताम ने कहा महान क्रांतिकारी बिरसा मुड़ा एक आदिवासी नेता और लोक नायक थे। आदिवासियो को अंग्रेजो के दमन के विरूद्ध खड़ा करके बिरसा मुड़ा ने यह सम्मान अर्जित किया था, 19वीं सदी में बिरसा भारतीय स्वतंत्र आंदोलन के इतिहास मे एक मुख्य कड़ी साबित हुए थे।

उन्होने आगे कहा आदिवासियो को आज अपने अधिकारो के लिए संघर्ष करने की जरूरत है साथ ही शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आदिवासी युवा नेता व सरपंच प्रतिनिधि लोकेश साण्डे ने बिरसा मुंडा के शहादत को याद करते हुए समाज के युवाओं को उनके बताए रास्तों पर चलने का आह्वान किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से आदिवासी युवा नेता रामकृष्ण ध्रुव, कमार विकास अभिकरण के सदस्य पिलेश्वर सोरी, आदिवासी नेता नेयाल सिंह नेताम, बलदेव नायक, लोकेश साण्डे, युवा कांग्रेस मैनपुर के अध्यक्ष शाहिद मेमन, पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री गुलाम मेमन, हिमांशु रामटेके, रामदेव ध्रुव, नोकेलाल ध्रुव, त्यागी दीवान, विजेन्द्र नेताम, आंनद ध्रुव सहित आदिवासी समाज के युवा मैनपुर नगर के वरिष्ठ लोग शामिल हुए ।

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