कानपुर का नटवरलाल राजस्थान में जिंदा मिला, हैरत में इसके कारनामे
कानपुर। अब तक सौ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करके नटवरलाल की पहचान बना चुका ओम जायसवाल उर्फ राजन अहलूवालिया को पुलिस मुर्दा मानने लगी थी लेकिन वह राजस्थान की जेल में जिंदा मिल गया है। वह शहर में व्यापारियों को वीसी के नाम पर और फिर बैंक से होटल खोलने के नाम पर लाखों का लोन, नौकरी और प्रापर्टी के नाम पर करोड़ों का चूना लगाने के बाद से फरार था। अब नौबस्ता पुलिस उसकी रिमांड लेने की तैयारी में जुट गई है।

रेलवे में था वेलफेयर इंस्पेक्टर, नौकरी जाने पर बना ठग
पुलिस को उसके घर की कुर्की में मिले शादी के एल्बम से वाराणसी के एक स्टूडियो का नंबर मिला। वहां से पता चला कि वह मुरादाबाद का रहने वाला है। पड़ताल में सामने आया कि वह मुरादाबाद में रेलवे में वेलफेयर इंस्पेक्टर पद पर तैनात था। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के चलते निकाला गया। आजकल वह हरियाणा में एक रिश्तेदार के घर पर है। पुलिस ने हरियाणा पुलिस से संपर्क किया तो तो सामने आया कि उसे सीकर पुलिस ने 40 लाख रुपये ठगी में गिरफ्तार किया है और उसकी महिला मित्र की तलाश कर रही है।
पहली पत्नी को छोड़ा, अपने से आधी उम्र की लड़की से की शादी
ओम जायसवाल परिवार के साथ वाराणसी के राजघाट स्थित रेलवे कालोनी में रहता था। उसके पिता आरएस अहलूवालिया रेलवे कर्मी थी। मुरादाबाद में वेलफेयर इंस्पेक्टर पद पर तैनाती के दौरान उसने चंद्र नगर स्थित फ्रेंड्स कालोनी में घर बनवा लिया। देहरादून निवासी शारदा से शादी की। दो बच्चे होने के बाद उसे छोड़ दिया। इसके बाद ठग ने अपने से आधी उम्र की लखीमपुर निवासी युवती से शादी कर ली।
महिला कर्मियों के सहारे फंसाता था क्लाइंट
ओम जायसवाल ठगी के लिए किसी भी हद तक गिर जाता था। उसने आफिस में कई महिला कर्मचारी रखी थीं। जिन्हें बैंक में लोन व निवेश करने वाले क्लाइंट के सामने पेश करता था। उसने लखनऊ की एक करोड़ों की डील के लिए अपनी महिला मित्र का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद उसके पहले पति को एक होटल गिफ्ट किया था।
मुर्दा बनने के लिए यह सब किया
अबतक सौ करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका ओम जायसवाल उर्फ राजन अहलूवालिया ने पहले व्यापारियों को वीसी के नाम पर करोड़ों का चूना लगाया। इसके बाद बैंक से होटल खोलने के नाम पर लाखों का लोन, नौकरी और प्रापर्टी के नाम पर पब्लिक को चूना लगा फरार हो गया। नौबस्ता पुलिस ने जब घर की कुर्की को तो खुद को मरा साबित करने के लिए हरिद्वार में गंगा किनारे अपने कपड़े रखकर फरार हो गया। इससे पहले मुरादाबाद में ठगी करके फरार होने से पहले गढ़मुक्तेश्वर के पास अपनी कार व कपड़े छोड़ गया था। पुलिस ने अपनी फाइल में उसे मरा हुआ तो नहीं दिखाया लेकिन मुर्दा मानकर जांच लगभग बंद कर दी थी।
क्लासिक क्रिएशन फर्म से चला रहा था ठगी का साम्राज्य
ओम जायसवाल वर्ष 2002 में शहर आया था। वह क्लासिक क्रिएशन फर्म के नाम से शहर में होटल, फ्लोर मिल और चिटफंड कंपनी संचालित करने लगा। साकेतनगर में खुद और जूही में उसकी लखीमपुर निवासी रखैल होटल से ठगी का धंधा चला रही थी। जिसे साकेतनगर में एक फ्लैट दिला रखा था। ठगी के लिए संचालित की जाने वाली फर्मो के नाम में वह क्लासिक शब्द का प्रयोग जरूर करता था।
बैंक से नीलाम होने वाली संपत्ति में करता था खेल
ओम जायसवाल बैंक से नीलाम होने वाली संपत्ति पर नजर रखता था। उसने शहर में ही नहीं उन्नाव बीघापुर, लखीमपुर में गोला गोकर्णनाथ आदि में भी करोड़ों की जमीन खरीदी थी। तत्कालीन बाबूपुरवा सीओ हीरा सिंह ने दो फरवरी 2011 को बाबूपुरवा और गोविंदनगर सर्किल फोर्स के साथ उसके नौबस्ता हंसपुरम स्थित घर में रात करीब 12 बजे दबिश दी, लेकिन तब तक वह घर छोड़कर फरार हो गया था। जबकि पुलिस ने पूरे घर को चारों तरफ से घेर रखा था। पुलिस को उसके घर से करोड़ों की प्रापर्टी के कागजात और कई दस्तावेज मिले थे। दबिश के दौरान तत्कालीन एसएसपी भी मौके पर पहुंचे थे।
किदवईनगर थाने के बाहर खड़ी हैं लाखों की लग्जरी गाडिय़ां
ओम जायसवाल पुलिस की दबिश के बाद घर के पिछले दरवाजे से निकल गया, लेकिन अपनी चार लग्जरी गाडिय़ों को ठिकाने नहीं लगा सका था। उसकी लाखों की लग्जरी गाडिय़ां किदवईनगर थाने के बाहर खड़े-खड़े कबाड़ हो गई।
अधिवक्ता अजय निगम की मेहनत लाई रंग, कानपुर पुलिस लेगी रिमांड
जूही लाल कालोनी निवासी अधिवक्ता अजय निगम ने क्लासिक क्रिएशन फर्म के संचालक ओम जायसवाल व साथियों के खिलाफ किदवईनगर में मामला दर्ज कराया था। उसके बाद वह फरार हो गया। उन्होंने उसके बाद भी हार नहीं मानी और उससे जुड़ी हर खबर पर ध्यान देते रहे। इसी दौरान उन्हें ओम जायसवाल के सीकर कोतवाली में गिरफ्तार होने की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने दारोगा अमित कुमार और बीरबल पूनिया से संपर्क कर पुष्टि की। इसके बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दी। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने एसपी क्राइम राजेश यादव को ठग के खिलाफ सभी मामलों में कोर्ट में बी वारंट दाखिल कर रिमांड लेने को कहा है।
पचास हजार का है इनामी
26 मई 2011 को फीलखाना पुलिस ने आइडीबीआइ बैंक की चेक क्लोनिंग कर तीन करोड़ की धोखाधड़ी मामले में उसके घर की कुर्की की थी। उसके घर से पुलिस को अकूत संपत्ति (13 प्रापर्टी) के कागजात, एक तमंचा, पांच कारतूस और कई खोखे बरामद हुए थे। इसका मामला नौबस्ता थाने में दर्ज कराया था। वहीं नौबस्ता पुलिस ने उसके बारे में कोई जानकारी न होने पर 21 जुलाई 2011 में फरार घोषित कर चार्जशीट लगा दी। इस दौरान उस पर पचास हजार का इनाम भी घोषित कर दिया गया। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि ओम जायसवाल के खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी होते ही सभी थानेदारों ने दर्ज मुकदमों का बी वारंट संबंधित कोर्ट में दाखिल कर दिया है। जल्द ही रिमांड लेकर उससे संबंधित मामलों के विषय में पूछताछ की जाएगी।
